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राजस्थान में होगी मानसून की बंपर बारिश, अलनीनो कमजोर होने से बारिश देगी धमाकेदार दस्तक

Rajasthan Monsoon 2025: राजस्थान में इस मानसून की अच्छी बारिश होने के संकेत मिल रहे हैं. अल नीनो कमजोर होने के चलते प्रदेश के सभी जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश होने का अनुमान जताया जा रहा है.
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राजस्थान में होगी मानसून की बंपर बारिश, अलनीनो कमजोर होने से बारिश देगी धमाकेदार दस्तक

Rajasthan Monsoon: राजस्थान में इस बार मानसून की बंपर बारिश होने का अनुमान जताया गया है. हालांकि पिछले साल भी प्रदेश के कई जिलों में मानसून का प्रदर्शन बेहतर रहा था. राजस्थान में मौसम विभाग द्वारा इस साल दक्षिणी पश्चिमी मानसून जुलाई से लेकर सितंबर महीने में सामान्य से 105 फीसदी ज्यादा बारिश होने का अनुमान लगाया गया है. मौसम की जानकारों का दावा है कि प्रदेश भर में इस बार मानसून की धमाकेदार एंट्री होगी और ज्यादा बारिश होने का अनुमान है. परंतु अगले दो महीनों मई और जून के दौरान मानसून के आने और सक्रियता पर निर्भर करता है. फिलहाल मौसम विभाग द्वारा जिस तरीके का पूर्वानुमान जताया जा रहा है. उससे सीधे तौर पर राजस्थान के किसानों और अन्य लोगों को राहत मिलने वाली है.

कब आएगा मानसून

प्रदेश में खेती और उसका ज्यादातर हिस्सा मानसून की बारिश पर निर्भर करता है. ऐसे में मानसून की सक्रियता ज्यादा होने के चलते प्रदेश में खेतों को फायदा और लोगों को गर्मी से निजात मिलेगा. मौसम जानकारों की माने तो इस बार दक्षिणी पश्चिमी मानसून 30 मई तक दस्तक देने का अनुमान जताया गया है. अल नीनो कमजोर होने के चलते देश के अलग-अलग राज्यों और राजस्थान में मानसून सही समय पर दस्तक देने के आसार बन रहे हैं. पिछले साल राजस्थान में मानसून जून महीने में पहुंचा था और समय से लगभग 6 दिन पहले यानि की 2 जुलाई प्रदेश के ज्यादातर जिलों में सक्रिय होने से बारिश का दौर शुरू हो गया था.

अल नीनो कैसे करता है बारिश को प्रभावित 

प्रबल अल नीनो होने के चलते मानसून की स्थिति कमजोर हो जाती है. प्रशांत महासागर के मध्य एवं पूर्वी हिस्सों में समुद्र के तापमान बढ़ने की घटना है. यह एक वैश्विक जलवायु घटना है. जिसके चलते पूरे विश्व के मौसम में फेरबदल आता है. आमतौर पर अल नीनो 3 से 7 साल में एक बार होता है. उसे दौरान समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से ज्यादा बढ़ जाता है. जिससे हवाओं के रास्ते और रफ्तार में बदलाव होता है. इसी घटना के चलते भारत में मानसून कमजोर होती है. परंतु इस बार अल नीनो कमजोर है.

पिछले साल जमकर बरसे थे बादल

राजस्थान में पिछले साल 16 जिलों में जमकर बारिश हुई जो सामान्य से 60 फीसदी अधिक थी. दो जिलों में मानसून की रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई थी. उस समय दौसा और सवाई माधोपुर में 1000 मिमी से ज्यादा बारिश रिकार्ड की गई थी. प्रदेश में जून से सितंबर के बीच 435.6 मिमी सामान्य बारिश का आंकड़ा है. इस बार भी मानसून अच्छी होने के संकेत मिल रहे हैं. जिसका सीधे तौर पर ज्यादा फायदा किसानों को होने वाला है.

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