उत्तर प्रदेश के इस शहर में हुई जमकर बारिश, चार साल में पहली बार दिखी ऐसी बरसात
चार साल बाद वाराणसी में अच्छी बारिश से तापमान में गिरावट हुई है। लोग गर्मी से बच गए। दूसरी तरफ, बारिश का पानी लगने से जिले में कई जगह संकट पैदा हुआ।

The Chopal, UP Weather Today : मानसून की तेजी ने बनारस में नए रिकॉर्ड बनाए हैं। सोमवार रात ढाई घंटे में ही 68.5 मिलीमीटर बारिश हुई। गौदोलिया बाजार में इतना पानी था कि लगता था कि एक मोटरसाइकिल तैरती है। बारिश के बाद पूरा शहर जाम हो गया और बीस से अधिक मार्गों पर घंटों वाहन फंसे रहे।
यह काशी में जून महीने में चार साल बाद हुई सबसे भारी बारिश थी, मौसम विज्ञान विभाग ने बताया। वहीं जून के किसी एक दिन में 17 साल में तीसरी बार इतनी भारी बारिश हुई।
सोमवार को बारिश ने तापमान को भी 5 से 6 डिग्री तक गिरा दिया। शाम पांच बजे पारा 32 डिग्री था, जो रात आठ बजे तक 27 डिग्री से भी कम था। 15 से 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भी हवा बही।
सोमवार को बारिश से पहले बनारस यूपी का दूसरा सबसे गर्म शहर था। उच्चतम पारा 35.9 डिग्री सेल्सियस था। वहाँ 27.1 डिग्री सेल्सियस का सबसे कम पारा था। मौसम विज्ञान विभाग ने अगले सात दिनों तक भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है।
यूपी आचंलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह ने कहा कि बंगाल से उत्तर प्रदेश तक मानसून द्रोणी बना है। बादल बंगाल से झारखंड और यूपी-बिहार की ओर 3.1 किमी ऊंचाई पर मानसूनी प्रवाह में तेजी आई है।
भविष्य में कई दिनों तक भारी बारिश होने की उम्मीद है। जून के 29 दिनों में बंगाल में 86.2 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य स्तर 88 मिमी से दो प्रतिशत कम था।
60 मिमी से अधिक बारिश में बादल फटने की दर
डॉ. अतुल सिंह ने बताया कि 15 मिमी से अधिक वर्षा को भारी बारिश कहा जाएगा। बादल फटना 30 मिमी से ऊपर और मूसलाधार बारिश 60 मिमी से ऊपर होता है।
बनारस की ये सड़कें जाम से पीड़ित मंडुआडीह से आकाशवाणी, बरेका से बनारस स्टेशन, बीएचयू से लंका चौराहा, अंधरापुल से नदेसर, कैंट, लहरतारा, पांडेयपुर, गौदोलिया, लक्सा, मैदागिन, नई सड़क और सामनेघाट मार्ग से होकर गुजरती हैं।
इस दौरान, कार्यालय से लौटने वाले लोग भी जाम से बिलबिला उठे और कई मरीज एंबुलेंस में ही फंसे रहे। बारिश के दौरान सड़कों पर गड्ढों में पानी भर गया, जिससे लोगों को आने-जाने में बहुत परेशानी हुई। दुश्वारियों के कारण बहुत से लोग साइड में ही खड़े हो गए।
दुश्वारी काशी की गलियों में बारिश के बाद श्रद्धालुओं को मंदिर और घाट की गंगा आरती में चलना-फिरना दूभर हो गया। विश्वनाथ मंदिर और काल भैरव के दर्शन करने वाले लोगों और गंगा आरती देखने वालों को परेशानी हुई।
रविंद्रपुरी कल्याण समिति के अध्यक्ष अनुज डीडवानिया ने कहा कि कई घरों में बारिश का पानी घुस गया है। यहां सड़क ऊंची है। सीवर लाइन को नहीं जोड़ा गया है। बिजली के तार खुले हैं और सड़कें खोदी गई हैं। इससे दुर्घटना की संभावना बढ़ी है। उधर पोल और पिलर के लिए खोद कर छोड़े गए गड्ढे अत्यंत खतरनाक हैं।
मैट्रिक्स रोलर मिल प्राइवेट लिमिटेड की 80 फीट लंबी व 24 फीट उंची बाउंड्री मूसलाधार बारिश से रामनगर औद्योगिक क्षेत्र फेस एक में गिर पड़ी। लेकिन कोई घायल नहीं हुआ। बाउंड्री गिरने से फैक्टरी बारिश से भर गई। बिजली उपकरण भी बंद हो गया।
लगभग 12200 बोरी चोकर और अन्य सामान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। कम्पनी के जनरल मैनेजर रामाशीष पटेल ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था नहीं होने से फैक्टरी मालिकों को बारिश के दिनों में मुश्किल होती है।