राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ का दिखेगा असर, जारी हुई चेतावनी, कई जिलों में बारिश का अनुमान
Rajasthan Weather : पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के प्रभाव से राजस्थान और उत्तरी भारत के कई हिस्सों में मौसम में बदलाव देखा जाता है। वर्तमान में, राजस्थान के विभिन्न जिलों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण तापमान में गिरावट और उत्तरी भागों में बारिश की संभावना व्यक्त की गई है। पश्चिमी विक्षोभ ने राजस्थान के कई जिलों में तापमान में गिरावट की है। जो उत्तरी क्षेत्रों में बारिश का अनुमान लगाता है।

Rajasthan News : राजस्थान में हाल ही में हुए पश्चिमी विक्षोभ से कई जिलों में बारिश ने सर्दी का प्रभाव बढ़ा दिया है। बादलों की लुकाछिपी के बीच, गलन के निरंतर सर्दी का प्रभाव जारी रहता है। शुक्रवार को भी कुछ जिलों में हल्की बारिश होगी। जिससे तापमान 2 से 3 डिग्री गिर सकता है। पश्चिमी विक्षोभ ठंडी हवाओं और बादलों को साथ लाता है, जिससे रात और दिन के तापमान में गिरावट होती है।
भरतपुर में बारिश से तापमान गिरा
गुरुवार को, पिछले 24 घंटे में राज्य में कई स्थानों पर हल्की बारिश हुई। मौसम विभाग ने बताया कि भरतपुर में 2 मिमी, टोडाभीम में 1 मिमी और बयाना में 1 मिमी बारिश हुई। इसके अलावा, कई स्थानों पर बूंदाबांदी हुई। उस समय, राज्य में सबसे अधिक तापमान डूंगरपुर में 29.4 डिग्री सेल्सियस था, जबकि फतेहपुर सीकर में सबसे कम 5.5 डिग्री सेल्सियस था।
गुरुवार को अन्य जिलों में तापमान
यह भी अन्य जिलों में न्यूनतम तापमान था। तापमान चूरू में 7.4 डिग्री, पिलानी में 8.0 डिग्री, संगरिया में 8.1 डिग्री, जैसलमेर में 8.6 डिग्री और सिरोही में 8.9 डिग्री था। राजधानी जयपुर में तापमान 24.0 डिग्री सेल्सियस से 15.0 डिग्री सेल्सियस तक रहा।
पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव शुक्रवार को भी जारी रहेगा
शुक्रवार को भी बुधवार को सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ का असर रहेगा। शुक्रवार, 24 जनवरी को मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर ने बीकानेर, गंगानगर, श्रीगंगानगर, दौसा, सिरोही, अजमेर और टोंक में हल्की बारिश की चेतावनी दी है। इसके अलावा, घने कोहरे से कुछ समय के लिए उत्पन्न होने वाली समस्याओं से लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।
तापमान दो-तीन दिन में और गिरेगा
मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण-पूर्वी राजस्थान और उसके आसपास पश्चिमी विक्षोभ हुआ है। इसके बाद राज्य में मौसम मुख्यतः शुष्क रहने की संभावना है। इसके आधार पर न्यूनतम और अधिकतम तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की प्रबल संभावना है, जो दो से तीन दिन में हो सकती है।