मानसून का इंतजार कब होगा खत्म, मौसम विभाग की जानकारी हुई गलत साबित
रविवार को विभाग ने जो विश्लेषण किया है, उसमें अगले एक-दो दिनों के भीतर उसके आगे बढ़ने के अनुकूल हालात नहीं मिले हैं। मानसून को अभी केरल में पहुचने में कम से कम दो-तीन दिन और लग सकते हैं।आइये जानिए पूरी खबर....
The Chopal: इस बार मानसून के आने में और देरी होने के आसार उत्पन्न हो गए हैं। मौसम विभाग ने चार दिन के देरी के साथ 4 जून को केरल में दस्तक देने की भविष्यवाणी की थी, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ। विभाग ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में मानसून की गतिविधियों पर नजर रखी हुई है। अगले दो दिनों के भीतर ही मानसून की प्रगति को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी। दक्षिण पश्चिमी मानसून आमतौर पर एक जून को केरल में आ जाता है, लेकिन इस बार इसके चार जून को केरल में आने की बात मौसम विभाग कहा था, लेकिन रविवार को उसने कहा कि मानसून अंडमान निकोबार द्वीप समूह पार कर चुका है तथा बंगाल की खाड़ी में श्रीलंका के मध्य तक पहुंच गया है। एक जून को मानसून में प्रगति भी हुई है, पर 2 से 4 जून के बीच यह जरा भी आगे नहीं बढ़ पाया है।
रविवार को विभाग ने जो विश्लेषण किया है उससे पता चला है की अगले एक-दो दिनों के भीतर उसके आगे बढ़ने के अनुकूल हालात नहीं हैं। मानसून को अभी केरल में पहुंचने में कम से कम दो-तीन दिन और लग सकते हैं। यह इस बार एक सप्ताह के विलंब से केरल ही पहुंचेगा।
समुद्र के तापमान में बढ़ोतरी
केरल में मानसून के देरी से पहुंचने से यह खतरा भी पैदा हो गया है कि देश के अन्य भागों में भी मानसून के आने वाले में देरी हो सकती है। हालांकि विभाग का कहना है कि यह जरूरी तो नहीं है और यह आगे की स्थितियों पर निर्भर करता है। कई बार केरल में मानसून समय पर आ जाता है, लेकिन इसके उत्तर-पश्चिम भारत पहुंचने में समय लगता है और कई बार ऐसा भी हुआ है कि इस बार अल नीनो की आशंका जाहिर की है और प्रशांत महासगार में विषुवत रेखा के ईर्द-गिर्द समुद्र मे तापमान में बढ़ोतरी देखी जा सकती है। यह बढ़ोतरी मानसूनी हवाओं को काफ़ी कमजोर करती है।
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