राजस्थान में बिछाई जाएगी 100 किलोमीटर नई रेल लाइन, दो राज्यों के बीच दूरी होगी कम
Rajasthan New Rail Line :भारतीय रेलवे अपनी रेल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर पर मजबूती के साथ काम कर रहा है। इसी कड़ी में राजस्थान में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए 100 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बिछाने की योजना तैयार की है। इस रेल लाइन का निर्माण हो जाने पर दो राज्यों की आपसी कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
Rajsthan News : भारतीय रेलवे केंद्र सरकार के साथ मिलकर लगातार अपने इंफ्रास्ट्रक्चर पर युद्ध स्तर पर काम कर रहा है। रेलवे देश के कोने-कोने में अपने कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए रेलवे ट्रैकों का जाल बिछा रहा है। इसी कड़ी के बीच राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच नई ब्रॉड गेज रेल लाइन बिछाने की कवायद तेज कर दी गई है। इन दोनों राज्यों के बीच इस रेलवे ट्रैक का निर्माण हो जाने से आपसी कनेक्टिविटी को काफी बढ़ावा मिलेगा। राजस्थान के कोटा से लेकर मध्य प्रदेश के श्योपुर तक बिछाये जाने वाले इस रेलवे ट्रैक की लंबाई 100 किलोमीटर है। इस ट्रैक की दूरी नई सर्वे के मुताबिक है।
पहले की गई सर्वे में ट्रैक की दूरी 104 किलोमीटर थी जिसे अपग्रेड किया गया है। इस वजह से दोनों राज्यों के बीच 4 किलोमीटर घट कर 100 किलोमीटर रह गई है। इस नई रेलवे लाइन के निर्माण में करीबन 100 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे। और साथ ही रेल रूट पर 10 नए स्टेशन भी बनाए जाएंगे। पश्चिम मध्य रेलवे का 2028 में निर्माण कार्य पूरा कर ट्रेन संचालन करने का दावा है।
होंगे 10 नए स्टेशन
कोटा-श्योपुर रूट पर 10 नए स्टेशनों का निर्माण होगा। इनमें से तीन मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में बनाए जाएंगे। पहला कानपुर, दूसरा खेड़ा तथा तीसरा पीपल्दा में होगा। और साथ स्टेशन राजस्थान के कोटा जिले की सीमा में बनाए जाएंगे। इनमें गणेशगंज, दौलतगंज, बडौदा, सुल्तानपुर, उमेदपुरा, दीगोद समेत एक अन्य स्टेशन शामिल है।
श्योपुर में बदलाव होगा आधे किलोमीटर रूट का
कोटा-श्योपुर ब्रॉड गेज रेल लाइन की नई सर्वे के अनुसार राजस्थान के कोटड़ी गोद में रूट में बदलाव हो रहा है। इसका असर श्योपुर में भी होगा। यहां आधा किलोमीटर तक रूट बदल जाएगा। यह बदलाव खेड़ा क्षेत्र में होगा। ग्रामीणों का कहना है कि पहले उनके खेतों से रेलवे ट्रैक नहीं निकल रहा था। परंतु अब नई सर्वे के बाद अधिकारियों ने ग्रामीण राम लखन को बताया कि उसके यहां से ट्रैक निकलेगा। नहीं सर्वे कार्य में समय लग सकता है। क्योंकि प्रोजेक्ट की शुरुआत अभी की गई है।
दोबारा बनाई जाएगी डीपीआर
कोटा-श्योपुर के बीच रेल लाइन बिछाने के लिए पश्चिम मध्य रेलवे ने पहले ही सर्वे कर ली थी। डीपीआर तैयार कर स्वीकृत राशि के लिए वरिष्ठ स्तर पर भेज दी थी। इसके बाद जिस इलाके से रेलवे लाइन निकाली जानी थी वहां भूमि खरीद फरोख्त पर रोक लगाने के लिए संबंधित जिलों को पत्र भी जारी कर दिया था। श्योपुर में भी तीन गांव की भूमि को खरीद बेच पर रोक लगा दी गई, इन गांव में करीबन 400 सर्वे क्रमांक की जमीन ट्रैक में आ रही है। इसके बाद राजस्थान क्षेत्र में ट्रैक के रास्ते को लेकर आई आपत्ति के बाद डीपीआर को फाइनल नहीं किया। अब दोबारा रूट में बदलाव कर नई डीपीआर तैयार की जाएगी।