UP के 163 स्कूल और मदरसे पर लगेगा ताला, एफआईआर के निकले आदेश
UP News : गोंडा में अवैध रूप से चल रहे 163 स्कूल और मदरसे हैं। जिन क्षेत्रों में मदरसे और स्कूल चल रहे हैं तहसीलदार, खंड शिक्षाधिकारी और थानाध्यक्ष को पत्र लिखकर इन्हें बंद करने के साथ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे इन अवैध स्कूलों और मदरसे के संचालकों को घबराहट हुई है।

Uttar Pradesh News : बेसिक शिक्षा विभाग की जांच में 163 मदरसे और स्कूल अवैध पाए गए। संबंधित तहसीलों के तहसीलदारों, बीईओओं और थानाध्यक्षों को जिलाधिकारी ने ऐसे स्कूलों और मदरसे को बंद करने का आदेश दिया है। जिससे इन अवैध स्कूलों और मदरसे के संचालकों को घबराहट हुई है। इन मदरसे और स्कूलों को बंद करने का प्रयास पिछले वर्ष से ही बेसिक शिक्षा विभाग ने शुरू किया था। लेकिन कई कारणों से विभाग बंद नहीं हुआ है।
गोंडा जिले में बेसिक शिक्षा विभाग ने पिछले वर्ष एक अभियान चलाकर इन स्कूलों के संचालकों से बंद करने का शपथ पत्र लिया था। इसके बाद भी स्कूल चुपके से चल रहे थे। जिसकी शिकायत अभिभावकों और आम लोगों ने प्रशासन से की थी। अब डीएम नेहा शर्मा ने ऐसे स्कूलों को नए सत्र में बंद करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। इस बार डीएम ने तहसीलदार, बीईओ और थानाध्यक्ष को 15 दिन के भीतर कार्य करने का आदेश दिया है।
नवाबगंज और भनजोत में सबसे अधिक अवैध स्कूल
जिले के बभनजोत और नवाबगंज में सबसे अधिक अवैध स्कूल हैं। अभिभावकों का कहना है कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अधिकारियों की लापरवाही से खतरा हो रहा है। बीईओ की लापरवाही पहले भी सामने आई है। बीच सत्र में बहुत से अवैध स्कूल चल रहे थे। अभिभावकों का कहना है कि उन्हें स्कूल की मान्यता के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है। ऐसे में स्कूल को बीच सत्र में बंद करने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती रही है।
21 कॉन्वेंट और मदरसे स्कूल शामिल
बेसिक शिक्षा विभाग की सूची में 21 मदरसे हैं। इसमें कॉन्वेंट स्कूल भी शामिल हैं। माना जाता है कि यह स्कूल मानक नहीं है। परिषदीय विद्यालयों में पिछले तीन शैक्षणिक सत्रों से लगभग 50 हजार से अधिक विद्यार्थियों का नामांकन कम हो रहा है। BEO और BSSA स्तर पर अभी तक कोई प्रभावी काम नहीं हुआ है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि सभी अवैध मदरसे और स्कूलों को बंद कर दिया जाएगा
बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि अवैध रूप से चल रहे सभी स्कूलों को बंद कर दिया जाएगा। इससे नामांकन परिषदीय स्कूलों में बढ़ेगा। वहीं बच्चों को सुरक्षित स्थान पर पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा।