राजस्थान में बनेंगे 17 नए बस स्टैंड, 19 का होगा कायाकल्प, मिलेंगी रोडवेज की बसें
Rajasthan Roadways: राजस्थान में आने वाले वक्त में छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी सुविधाजनक होने के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं से लैस होनेवाली है। ग्रामीण इलाकों में 19 पुराने बस स्टैंड की तस्वीर बदल दी जाएगी। इन इलाकों में बस स्टैंड का कायाकल्प शुरू हो चुका है।

Rajasthan News : राजस्थान सरकार द्वारा ग्रामीण परिवहन को मज़बूत करने और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। ग्रामीण इलाकों में 19 पुराने बस स्टैंड को नया रूप दिया जा रहा है, जिससे स्थानीय कनेक्टिविटी, यात्री सुविधा, और आर्थिक विकास—तीनों को ही मजबूती मिलेगी। भविष्य में राजस्थान के छोटे शहरों और ग्रामीण कस्बाई क्षेत्रों में आधुनिक सुविधाओं से युक्त बस स्टेशन देखने को मिलेंगे।
छोटे शहरों और ग्रामीण कस्बाई क्षेत्रों में आधुनिक मिलेगी सुविधा
राजस्थान रोडवेज प्रशासन ने बस स्टेशनों की निर्माण प्रक्रिया को तेज कर दिया है। भविष्य में राजस्थान के छोटे शहरों और ग्रामीण कस्बाई क्षेत्रों में आधुनिक सुविधाओं से युक्त बस स्टेशन देखने को मिलेंगे। राजस्थान रोडवेज प्रशासन ने बस स्टेशनों की निर्माण प्रक्रिया को तेज कर दिया है। फिलहाल 28 बस स्टेशनों की मरम्मत और विकास की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
राजस्थान रोडवेज प्रशासन ने राज्य में बस स्टेशनों का पुनर्निर्माण शुरू किया है। माना जाता है कि बस स्टैंड केवल बड़े शहरों या जिला मुख्यालयों में बनाए जाते हैं। लेकिन आम जनता की सुविधा के लिए रोडवेज प्रशासन अब यह दृष्टिकोण बदल रहा है। अब छोटे शहरों या कस्बों में भी आधुनिक सुविधाओं वाले रोडवेज बस स्टैंड बनाए जा रहे हैं।
अब यात्रियों को यानी कस्बों के बस स्टैंड पर बस पकड़ने के लिए इंतजार करने के लिए पर्याप्त कुर्सियां मिलेंगी, साथ ही साफ स्वच्छ शौचालय, भोजन और खरीदारी करने के लिए पर्याप्त दुकानें मिलेंगी। बस स्टैंड, जो बीओटी आधार पर बनाए जाएंगे, शॉपिंग मॉल्स जैसी सुविधाओं को प्रस्तुत करेंगे। वास्तव में, बजट घोषणा के तहत राज्य सरकार ने रोडवेज को नई बसें खरीदने और बस अड्डों को विकसित करने और कार्यशालाओं को मरम्मत करने के लिए बजट भी दिया है।
रोडवेज के पास कस्बाई इलाकों में जमीन नहीं होने के कारण बस स्टैंड बनाने में मुश्किल हो रही है। रोडवेज प्रशासन ने इन शहरों या कस्बों में जमीन देने के लिए तेजी से काम किया है।
जिन शहरों/कस्बों में बस स्टैंड बन रहे हैं:
कामां (डीग) – ₹1.65 करोड़
रूपवास (भरतपुर) – ₹1.65 करोड़
डीग (मुख्यालय) – ₹2.75 करोड़
बनेड़ा (भीलवाड़ा)
श्रीडूंगरगढ़ (बीकानेर)
महुवा (दौसा)
सपोटरा (करौली)
खंडेला (सीकर)
मनोहरथाना (झालावाड़)
खींवसर (नागौर) – ₹1.65 करोड़
इन जगहों पर मार्केटिंग बोर्ड करेगा बस स्टैंड के लिए सर्वे
पचपदरा (बालोतरा), शिवगंज (सिरोही), बिलाडा, आहोर (जालौर) में बनेंगे
लाडनू (डीडवाना-कुचामन), हनुमानगढ़, केकड़ी (अजमेर) में बस डिपो
गंगापुरसिटी (सवाईमाधोपुर), निवाई, कोटड़ा, बयाना और झाड़ौल में बनेंगे
कुल मिलाकर, छोटे शहर और कस्बे अब सड़कों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं
इसका लाभ यह होगा कि ग्रामीण इलाकों में रोडवेज बसों की संख्या बढ़ा दी जा सकेगी। इससे स्थानीय लोगों को बसों का उपयोग करना आसान होगा। रोडवेज प्रशासन के बेड़े में कुल बसों की संख्या में भी बहुत बढ़ोतरी होगी।