बिहार में दरभंगा से लेकर कई जिलों तक बनेगी 255 किलोमीटर डबल पटरी रेल लाइन
Bihar News: बिहार में रेल कनेक्टिविटी आने वाले समय में बहुत ज्यादा आसान होने वाली है। प्रदेश में 255 किलोमीटर लंबी रेल परियोजना के दोहरीकरण को 2020 मंजूरी मिल चुकी है। अभी रेल प्रोजेक्ट को लेकर रेलवे बोर्ड की तरफ से डीपीआर की स्वीकृति दे दी गई है।

The Chopal : बिहार में रेलवे कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। इसके दोहरीकरण से न केवल यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि मालगाड़ियों का संचालन भी सुगम और तेज़ हो जाएगा। इससे बिहार के कई जिलों को बेहतर रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, साथ ही आवागमन में समय की बचत और विकास कार्यों को गति भी मिलेगी।
सीतामढ़ी में नरकटियागंज-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रेलवे खंडों का दोहरीकरण करने के लिए 130 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। 2020 में 255.5 किलोमीटर लंबी परियोजना को मंजूरी मिली थी। रेलवे बोर्ड ने डीपीआर को मंजूरी दी है, जो क्षेत्र में रेल सेवाओं को बेहतर बनाएगा और यात्रियों के सफर में समय बचाएगा। सीतामढ़ी के सांसद ने रेल मंत्री से इस परियोजना पर विचार करने की मांग की।
नरकटियागंज-दरभंगा वाया सीतामढ़ी और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर वाया रूनी सैदपुर की 255.5 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का दोहरीकरण करने के लिए 130 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। 2020 में रेलवे बोर्ड ने नरकटियागंज-दरभंगा वाया सीतामढ़ी और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर की 255.5 किलोमीटर की दोहरीकरण की अनुमति दी।
मंजूरी के लगभग चार वर्ष, दो माह 14 दिन के बाद यानी चार माह पूर्व विभाग द्वारा डीपीआर तैयार कर मंजूरी को लेकर रेलवे बोर्ड को भेजा गया था। उक्त डीपीआर को अभी तक संबंधित विभाग से स्वीकृत नहीं किया गया था, इसलिए दोहरीकरण का कार्य ठंडे बस्ते में पड़ा था। ईसीआर/सीएओ/सीओएन/डब्ल्यू/बजट2025-26 की लिस्ट 11 अप्रैल 2025 को पूर्व मध्य रेलवे (निर्माण संगठन) मुख्यालय महेंद्रुघाट द्वारा जारी की गई है।
2029 तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य
रेलवे सूत्रों के अनुसार, नरकटियागंज, रक्सौल, सीतामढ़ी, दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर के बीच 255.5 किलोमीटर रेलवे दोहरीकरण का काम पिछले वर्ष नवंबर या दिसंबर से शुरू होगा, जो 2029 तक पूरा होगा। भारतीय रेलवे को नेपाल से सटे भारतीय क्षेत्र में दोहरीकरण करने की अनुमति रेलवे बोर्ड ने दी है। जो भारत सरकार ने 2019-20 के बजट सत्र में निर्माण कार्य पर चर्चा की थी। 16 जनवरी 2020 को, रेलवे बोर्ड दिल्ली ने देश के विभिन्न रेल खंडों का दोहरीकरण करने के लिए फाइनल सर्वे के लिए एक पत्र जारी किया, जिसे मंजूरी दी गई। जो अनुमोदित था।
इसके परिणामस्वरूप, नरकटियागंज से दरभंगा वाया सीतामढ़ी और सीतामढ़ी से मुजफ्फरपुर के बीच 255.5 किलोमीटर रेलवे निर्माण की अंतिम लोकेशन सर्वे की मंजूरी मिली, जिससे कागजी प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई। जिसकी टेंडर पर विभाग ने चार हजार करोड़ से अधिक की राशि की अंतिम अनुमति दी थी। जो सर्वे को अंजाम देता था।
युद्ध स्तर पर रेलवे लाइन को दोगुना करने का कार्य
रेलवे सूत्र ने बताया कि टेंडर के बाद अभियंताओं की टीम ने निर्णय लिया कि पहली रेल लाइन से कितनी दूरी पर दूसरी रेल लाइन बनानी चाहिए। दोहरीकरण भी युद्ध स्तर पर होगा। दोहरीकरण पूरा होने से लोगों को ट्रेनों की लेटलतीफी से छुटकारा मिलेगा। यात्री आसानी से अपने लक्ष्य तक पहुंच सकेंगे। यात्री बहुत कम समय में लंबी दूरी तक चल सकेंगे। इस रेल खंड के दोहरीकरण में करीब 301 पुल और पुलिया और 176 समपार फाटक बनाए जाएंगे, रेलवे सूत्रों ने बताया। इनमें सौ बड़े पुलों होंगे। 201 पुलिया वहाँ होंगी। एक सवाल पर उन्होंने बताया कि सर्वे पूरा होने में लगभग दो महीने लग सकते हैं। इसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू होगी।
सीतामढ़ी संसद देवेश चंद्र ठाकुर ने बताया कि नरकटियागंज-रक्सौल वाया सीतामढ़ी और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रेलवे दोहरीकरण के मुद्दे ठंडे बस्ते में थे। इस क्षेत्र की आवश्यकता को देखते हुए, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलकर इस रेलखंड को दोहरीकरण करने का प्रस्ताव दिया गया। जो उन्होंने बहुत गंभीरता से लिया था। रेलवे बोर्ड को इस रेलखंड की डीपीआर लगभग चार महीने पहले भेजी गई थी, उन्होंने बताया। टेंडर की स्वीकृति मिलने के बाद रेलखंड पर युद्ध स्तर पर दोहरीकरण का काम शुरू किया जाएगा।