UP में 29 गांव बनेंगे स्मार्ट विलेज, 107 गांवों की विकास से बदलेगी तस्वीर
UP News : उत्तर प्रदेश के इस जिले के 107 गांवों का विकास अब तेज़ रफ्तार पकड़ने वाला है। इन गांवों में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार को लेकर सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में अब तक 29 गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जा चुका है। आने वाले समय में शेष गांवों को भी चरणबद्ध तरीके से आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के इस जिले के 107 गांव का विकास बहुत ज्यादा रफ्तार पकड़ने वाला है. इन गांव में बुनियादी सुविधाओं को लेकर सरकार लगातार प्रयास कर रही है. सरकार की तरफ से 29 गांव को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जा चुका है. 60 करोड़ रुपये की लागत से यमुना प्राधिकरण जेवर के 107 सूचीबद्ध गांवों में बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर रहा है। 29 गांवों को स्मार्ट गांव बनाया जा रहा है, जहां पेयजल मार्ग और नाली बनाई जाएगी। युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए 53 गांवों में ई-लाइब्रेरी खोली जा रही है।
जिले के 107 अधिसूचित गांव में लोगों को मूलभूत सुविधाएं
यमुना प्राधिकरण (YEIDA) ने 60 करोड़ रुपये की लागत से जिले के 107 अधिसूचित गांव में लोगों को मूलभूत सुविधाएं देने का काम शुरू किया है। प्राधिकरण 29 सूचीबद्ध गांवों में से 29 को स्मार्ट गांवों के रूप में विकसित कर रहा है। पेयजल के अलावा, बाकी गांवों में सड़क नाली और जल निकासी के लिए तालाबों की सफाई की जा रही है। बता दे की 53 गांवों में युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों को आसान बनाने के लिए ई-लाइब्रेरी शुरू करने जा रहा है, जिसका लक्ष्य युवा भविष्य को देखना है। यमुना प्राधिकण के जीएम प्रोजेक्ट राजेंद्र भाटी ने बताया कि प्राणिकरण क्षेत्र में शामिल 107 गांवों में लगभग 61 करोड़ रुपये की लागत से चल रहे विकास कार्यों का काम चल रहा है।
8 गांव में स्मार्ट विलेज प्रोजेक्ट पूरे किए गए
प्राधिकरण ने 29 गांव को स्मार्ट गांव बनाने का निर्णय लिया। इन गांवों में लोगों को सभी आवश्यक सुविधाएं दी जानी थीं। 29 गांवों में से आठ में स्मार्ट गांव का प्रोजेक्ट पूरा हुआ है। शेष ग्यारह गांवों में 90 करोड़ की लागत से काम किया जा रहा है। शेष दस गांवों का डीपीआर तैयार है। इन गांवों में विकास कार्य भी कराए जाएंगे, साथ ही स्थलीय निरीक्षण की निविदा भी निकाली जाएगी। उनका कहना था कि गांव के सभी प्राथमिक विद्यालयों और जूनियर हाईस्कूलों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। सवा करोड़ रुपये की लागत से पांच गांव में लाइब्रेरी का निर्माण किया गया है, जो युवाओं को ध्यान में रखता है। 93 लाख रुपये की लागत से पांच गांवों में पुस्तकालय बनाने का काम चल रहा है। 33 गांवों में एक पुस्तकालय बनाने के लिए 10 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होने बताया कि अन्य सभी गांवों में जल्द ही पेयजल के लिए हैंडपंप, सड़क नाली और तालाबों की सफाई की योजनाएं भी शुरू होंगी।
निरीक्षण की निविदा भी निकाली जाएगी
इन गांवों में विकास कार्य भी कराए जाएंगे, साथ ही स्थलीय निरीक्षण की निविदा भी निकाली जाएगी। उनका कहना था कि गांव के सभी प्राथमिक विद्यालयों और जूनियर हाईस्कूलों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। सवा करोड़ रुपये की लागत से पांच गांव में लाइब्रेरी का निर्माण किया गया है, जो युवाओं को ध्यान में रखता है। 93 लाख रुपये की लागत से पांच गांवों में पुस्तकालय बनाने का काम चल रहा है। 33 गांवों में एक पुस्तकालय बनाने के लिए 10 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होने बताया कि अन्य सभी गांवों में जल्द ही पेयजल के लिए हैंडपंप, सड़क नाली और तालाबों की सफाई की योजनाएं भी शुरू होंगी।