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Himachal के 300 गांव सड़क से जुड़ेंगे, केंद्र सरकार ने दी 3500 किलोमीटर नई सड़कों की मंजूरी

Himachal News : सड़कों ने छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में लोगों का जीवन बदल दिया है। सड़कों का देश और प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है, लेकिन कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण राज्य के सड़क नेटवर्क में काफी वृद्धि हुई है। हिमाचल प्रदेश में 300 गांवों की तकदीर बदलने वाली है। केंद्र सरकार ने राज्य को बड़ी सौगात दी है।

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Himachal के 300 गांव सड़क से जुड़ेंगे, केंद्र सरकार ने दी 3500 किलोमीटर नई सड़कों की मंजूरी

Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana : सड़कों ने छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में लोगों का जीवन बदल दिया है। सड़कों का देश और प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है हिमाचल प्रदेश में नई सड़कें बनने से प्रदेश के करीब 300 गांव सड़क सुविधा से जुड़ सकेंगे। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चरण-4 के तहत हिमाचल में 3500 किलोमीटर नई सड़कें बनाने को मंजूरी दे दी है।  

हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चरण-4 के तहत 3500 किलोमीटर नई सड़कें बनाने की अनुमति केंद्र सरकार ने दी है। नई सड़कों के निर्माण से राज्य के करीब 300 गांव सड़क सुविधा से जुड़ सकेंगे। 2011 की जनगणना के अनुसार, 100 से 300 लोगों वाले गांवों को सड़कें मिल जाएंगी। केंद्र सरकार ने भी 800 किलोमीटर की सड़कों को पीएमजीएसवाई चरण-1 के तहत बनाने की अनुमति दी है।

प्रदेश को ग्रामीण विकास मंत्रालय की बैठक में एमजीएसवाई का चौथा चरण मिल गया है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि विभागीय अधिकारी ग्रामीण विकास मंत्रालय से संपर्क में थे। केंद्र सरकार से अनुमति मिलने पर प्रदेश के जनजातीय इलाकों पांगी, भरमौर, लाहुल-स्पीति और किन्नौर में भी बड़े पैमाने पर कच्ची सड़कों को पक्का करने का काम भी शुरू होगा। उनका कहना था कि बजट के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएमजीएसवाई के चौथे चरण का ऐलान किया था, जिसके बाद इस परियोजना की मार्गदर्शिका बनाई गई थीं।

विक्रमादित्य शिवराज चौहान से मिलने दिल्ली जाएंगे

लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वह जल्द ही दिल्ली में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलेंगे और हिमाचल प्रदेश की मदद के लिए उनका आभार व्यक्त करेंगे। साथ ही, पीएमजीएसवाई के तहत राज्य के जनजातीय क्षेत्रों को सड़क नेटवर्क से जोड़ने में और अधिक सहायता की आवश्यकता होगी।
 

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