UP के इन 10 जिलों की जमीन से होकर निकलेगा 381 किलोमीटर लंबा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे
UP : गाजियाबाद से कानपुर साढ़े 3 घंटे में सफर पूरा कराने वाले ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का काम अब एक कदम आगे बढ़ गया है। इसका अलाइनमेंट जुलाई में फाइनल हो जाएगा, जिस कंपनी को डिटेल प्रॉजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बनाने का काम सौंपा गया है, उसने अब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) हेडक्वॉर्टर को अलाइनमेंट के तीन विकल्प बनाकर दिए हैं। एनएचएआई के अधिकारी अब इनमें से किसी एक विकल्प को फाइनल करेंगे। अधिकारियों का कहना है कि इस समय भारत सरकार के साथ ही प्रदेश सरकार के एकसाथ कई प्रॉजेक्ट चल रहे हैं। इसलिए एलाइनमेंट में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि किसी भी प्रॉजेक्ट के साथ कोई क्लैश न हो। साथ ही इससे दूसरे प्रॉजेक्ट को लिंक किया जा सके। अलाइनमेंट फाइनल होने के बाद इसकी डीपीआर बनाई जाएगी।
हरित राजमार्ग नीति के तहत एनएचएआई 381 किलोमीटर लंबे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे को बनाएगा। यह राजमार्ग 10 जिलों से होकर गुजरेगा। दावा है कि इससे साढ़े तीन घंटे में गाजियाबाद से कानपुर का सफर पूरा हो जाएगा। अभी गाजियाबाद से कानपुर एनएच-91 है। इसकी लंबाई 468 किलोमीटर है। अधिकारियों ने बताया कि ये गाजियाबाद से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, एटा, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव की सीमा क्षेत्र से होते हुए कानपुर को जोड़ेगा। एनएच-91 और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के बीच की दूरी 20 किमी की होगी।
डीपीआर अप्रूव का इंतजार
इस प्रोजेक्ट में भूमि अधिग्रहण के लिए कहां-कहां जरूरत पड़ेगी। डीपीआर में इसकी भी पूरी जानकारी दी जाएगी। फिर राज्य सरकार की मदद से जमीन अधिग्रहण का काम करवाया जाएगा। डीपीआर में फाइनल होगा कि कॉरिडोर में कहां एलिवेटेड सेक्शन होगा, कहां अंडरपास बनेगा और कहां एंट्री और एग्जिट दिया जाएगा। अप्रूवल के बाद इस प्रॉजेक्ट पर काम शुरू करवाया जाएगा। गाजियाबाद से कानपुर तक का सफर हरियाली से भरा होगा।
90 फीसदी जमीन अधिग्रहण हो चुका है
एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि यह एक्सप्रेसवे-4 लेन का होगा। इसमें 90 फीसदी जमीन का पहले ही अधिग्रहण हो चुका है। केवल 10 फीसदी जमीन की जरूरत पड़ेगी। साल 2025 तक इस प्रॉजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से प्रदेश के दो औद्योगिक जिलों के बीच कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही इससे हजारों लोगों के लिए रोजगार का भी इंतजाम होगा। कॉरिडोर का उत्तरी टर्मिनल NH-9 (गाजियाबाद-हापुड़ राजमार्ग) पर स्थित होगा।
दक्षिणी टर्मिनल कानपुर-उन्नाव के बीच, आगामी 62.7 किलोमीटर कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर स्थित होगा। गलियारा गाजियाबाद और हापुड़ में मौजूदा मेरठ एक्सप्रेसवे को भी जोड़ेगा। प्रॉजेक्ट डायरेक्टर पीके कौशिक ने बताया कि गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे का डीपीआर बनाए जाने का काम शुरू हो गया। अलाइनमेंट बनाने का काम पूरा हो चुका है। तीन विकल्प में से एक विकल्प को फाइनल किया जाएगा।
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