UP में डीजल बसों को किया जाएगा इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट, 5000 बसें बेड़े में होगी शामिल
UP News : उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की तरफ से बड़ा प्लान तैयार किया गया है. रोडवेज विभाग के इस कदम से बसों की खरीद पर होने वाले अतिरिक्त खर्च को काम किया जा सकेगा. जानकारी मिली है कि परिवहन निगम 5000 इलेक्ट्रिक बसों को जल्द ही अपने बेड़े में शामिल करने वाला है.

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने एक बड़ा और दूरदर्शी कदम उठाते हुए एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बसों की खरीद पर आने वाले अतिरिक्त खर्च को कम करना और राज्य में सार्वजनिक परिवहन को पर्यावरण अनुकूल बनाना है।
परिवहन निगम बसों की खरीद पर अतिरिक्त खर्च को कम करने के लिए एक नवीनतम प्रयास कर रहा है। इलेक्ट्रिक बसों से पुरानी डीजल बसें बदल दी जाएंगी। इस पुनर्निर्माण विधि ने दो डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों में बदल दिया है। परिवहन निगम बसों की खरीद पर अतिरिक्त खर्च को कम करने के लिए एक नवीनतम प्रयास कर रहा है। अब निगम इलेक्ट्रिक बसों का उपयोग करने लगा है। इस पुनर्निर्माण विधि ने दो डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों में बदल दिया है। इनका जल्दी ही ट्रॉयल झांसी-ललितपुर मार्ग पर किया जाएगा।
पुरानी डीजल बसों को बेड़े से हटाना
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि 10 साल या 11 लाख किमी चलने पर पुरानी डीजल बसों को बेड़े से हटाना चाहिए। हर साल बहुत सी निगम बसों की नीलामी होती है। इलेक्ट्रिक बसों को डीजल बसों से बदलने पर आपको नई बसें खरीदनी नहीं होगी। इससे कोई और खर्च नहीं होगा। उनका कहना था कि कानपुर के राममनोहर लोहिया वर्कशाप में दो बसें इलेक्ट्रिक बसों में बदल गई हैं। कल्याणी पावर ट्रेन लि. और जीरो-21 ने इन बसों की तकनीक में सुधार किया है। यह फर्म ही इसका खर्च उठाएगा। इसके अलावा, बाडी का निर्माण परिवहन निगम ही करेगा।
प्रदूषण कम होगा
परिवहन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक कार चलाने की तैयारी कर रही है। रिट्रोफिटमेंट तकनीक से बनाई गई बसें प्रदूषण नहीं पैदा करतीं। इससे डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक रूप से चलाने से प्रदूषण कम होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अनुबंध के आधार पर परिवहन निगम जल्दी ही 5000 इलेक्ट्रिक बसों को बेड़े में शामिल करेगा। यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। महाकुम्भ भी 220 इलेक्ट्रिक बसें खरीद चुका है। इसमें दो दर्जन AC डबल डेकर बसें भी हैं।
बदायूं स्टेशन से खटारा बसें निकल जाएंगी, नई मिल जाएगी
रोडवेज बसों को बदायूं डिपो से 15 साल पूरे होने पर बाहर किया जाएगा। नई बसों को डिपो में स्थानांतरित किया जाएगा। निगम इस दिशा में काम कर रहा है। पुरानी बसों को नीलाम करने का काम जल्द ही पूरा हो जाएगा। तब डिपो में नई बसें आ जाएंगी।