UP में 600 किमी लंबा 2 राजधानियों को मिलाने वाला हाईवे, 2026 तक बनकर होगा तैयार
Uttar Pradesh : केंद्र सरकार ने कानपुर से कबरई (महोबा) तक बनने वाले 112 किमी लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए 3700 करोड़ रुपये की अनुमति दी थी। यह हाईवे कानपुर शहर, कानपुर देहात, हमीरपुर और महोबा से होकर लखनऊ से जुड़ेगा। इसके अलावा मध्य प्रदेश के छतरपुर सागर से भोपाल तक एक इकॉनामिक कॉरिडोर बनाया जाएगा। कबरई से सागर के लिए प्रस्तावित चार से सिक्स लेन हाइवे का निर्माण लगभग पिछले पांच वर्ष से चल रहा है. इसका उद्देश्य आने वाले दो वर्षों में, यानी 2026 तक पूरा किया जाना है।
सरकार द्वारा यूपी और एमपी को आपस में जोड़ने के लिए 600 किलोमीटर लबें राजमार्ग का निर्माण किया जा रहा है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण तीन चरणों में किया जाएगा और इस बड़ी परियोजना पर 11 हजार 300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके निर्माण होने से लखनऊ और भोपाल की दूरी12 घंटे की बजाय 7 घंटे में पूरी की जा सकेगी।
223 किलोमीटर फोरलेन का काम हुआ, तेज
NHAI एक 223 किलोमीटर (सागर से कबरई) फोरलेन बना रहा है। 46 किमी फोरलेन अलग-अलग चरणों में बनाया जाएगा। इसको बनाने में 896.36 करोड़ रुपए की लागत आने वाली है। साथ ही, महोबा से कबरई तक 46 किलोमीटर का अलग से फोरलेन बनाया जा रहा है। छतरपुर जिला, मध्य प्रदेश का एक हिस्सा है, जिसमें भूमि अधिग्रहण का काम तेजी से किया जा रहा है। सागर जिले में जमीन अधिग्रहण कार्य पूरा हो गया है।
3700 करोड़ से बनेगा, 116 किलोमीटर का फोरलेन
सरकार द्वारा पिछले काफी समय से कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से सागर तक नहीं जोड़ा गया है। हालाँकि, कानपुर, लखनऊ और वाराणसी के लिए मध्यप्रदेश से आने वाले वाहन सबसे ज्यादा इसी मार्ग पर चलते है। लेकिन दो लेन होने के कारण यहां वाहनों को बहुत मुश्किल होती है और बहुत अधिक समय लगता है। वहीं सड़क दुर्घटनाएं भी ज्यादा होती हैं।
वास्तव में, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में रेत और मुरम का व्यापक व्यापार इसी रास्ते से होता है, जो कानपुर से लखनऊ, बहराइच, गोंडा, सीतापुर और अयोध्या तक पहुंचती है। तीन हजार सात सौ करोड़ रुपये की लागत से सागर-कानपुर राजमार्ग पर 116 किमी लंबी फोरलेन बनाया जा रहा है। ये राजमार्ग सागर से शुरू होकर बंडा, दलपतपुर, शाहगढ, बड़ामलहरा, गुलगंज, छतरपुर, गढी मलहरा, श्रीनगर और महोबा से गुजरेगा।
बुंदेलखंड को मिलेंगे, रोजगार के नए अवसर
भोपाल-लखनऊ इकोनामिक कॉरिडोर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बड़े शहरों को जोड़ने और माल परिवहन क्षेत्र में बदलाव लाने का प्रयास करेगा। वहीं बुंदेलखंड में खनन व्यवसाय बहुत फायदेमंद साबित होगा। यूपी और एमपी के बुंदेलखंड में रेत और मुरम का व्यापार बड़े स्तर पर किया जाता है। इसके अलावा, मध्यप्रदेश की बुंदेलखंड को पर्यटन क्षेत्र में अच्छा लाभ मिलेगा। यूपी के पर्यटकों को मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के खजुराहो, ओरछा और पन्ना टाइगर रिजर्व लुभाने का काम करेंगे।