UP के इस शहर में कंडम घोषित किए गए हैं 700 मकान, अवैध रूप से कब्जा कर रहते है 5000 लोग
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रेलवे की 32 कॉलोनियों में 700 से अधिक आवास कंडम घोषित किए जा चुके हैं। रेलवे इन्हें गिराकर नए भवन का प्लान बना रहा है। बावजूद इसके आरपीएफ, रेलवे इंजीनियरों व यूनियन नेताओं की शह पर इन कंडम आवासों में पांच हजार से अधिक लोग अवैध रूप से आवास कर रहे है।

The Chopal News : लखनऊ में उत्तर और पूर्वोत्तर रेलवे के मंडल हैं। इनकी 32 कॉलोनियों में फतेहअली, सेंट्रल पावर हाउस, मुनव्वरबाग, बरहा, पंजाबनगर, मालगोदाम, कैश एंड पे, भिलावा, आदि कॉलोनियां प्रमुख हैं। फतेहअली रेलवे कॉलोनी में जिस घर में मातम था, वह परिवार भी अवैध रूप से रह रहा था।
इस परिवार का कोई सदस्य रेलवे में काम नहीं करता था। जिस क्वार्टर में यह परिवार रह रहा था, उसे कंडम घोषित कर दिया गया था। कंडम आवासों को खाली करने के लिए नोटिस भी जारी किए गए थे, फिर भी लोग वहाँ पर अवैध रूप से बसे रहे। इसके अलावा, लखनऊ की रेलवे कॉलोनियों में करीब चार साल पहले ही 700 कंडम आवासों की सूची जारी की गई थी, लेकिन इन आवासों को अभी तक गिराया नहीं गया है।
दरवाजे तोड़े जाते हैं, खिड़कियां तोड़ी जाती हैं, बिजली कनेक्शन काट दिया जाता है... ऐसी कार्रवाई हो रही है। दैनिक यात्री एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएस उप्पल रेलवे की इस कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि रेलवे आवासों को कंडम घोषित कर दिया जाता है, जिसके बाद वहाँ के घरों के दरवाजे तोड़ दिए जाते हैं, खिड़कियां तोड़ दी जाती हैं, और बिजली कनेक्शन भी काट दिया जाता है, तबादले के बाद रहने वालों की खबर तक नहीं ली जाती। यहाँ तक कि कई बार ऐसे अभियान आक्रमण का आरोप भी लगता है।
अभियान शुरू होते ही दबाव में आ जाता है। मुख्यालय से दबाव बन जाता है और इसके परिणामस्वरूप अभियान अधूरा रह जाता है। अवैध तरीके से रहने वालों के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान की आवश्यकता है और इसे सफल बनाने के लिए सही दशा में सही कदम उठाना होगा।
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