UP के 22 जिले हजारों गांवों से होकर गुजरेगा 700 KM लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, पश्चिम से पूर्वांचल का होगा मिलाप
UP News : उत्तर प्रदेश में इसी साल के अंत में 700 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना बताई गई है। इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से 22 जिलों हजारों गांवों को तगड़ा फायदा पहुंचने वाला है। इस एक्सप्रेसवे से उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब, हरियाणा, बिहार और पश्चिम बंगाल तक लोगों को फायदा पहुंचाने वाला है।

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के कई प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है और कई प्रोजेक्टों पर काम चलना अभी बाकी है। उत्तर प्रदेश में इसी साल नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की शुरुआत होने की संभावना जताई गई है। यूपी के 22 जिलों के हजारों गांवों के अलावा कई राज्यों की आवागमन व्यवस्था इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की वजह से आसान होने वाली है।
इसी साल के अंत तक गोरखपुर-शामली एक्सेस कंट्रोल ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू हो सकता है, जो उत्तर प्रदेश के पश्चिम से पूर्वांचल के जिलों को जोड़ता है। भविष्य में हरियाणा, पंजाब, यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल तक लोगों को आसान सड़क मार्ग मिलेगा। आइये जानते हैं कि ये राजमार्ग कहां-कहां से गुजरेंगे और कब तक यातायात के लिए खुले रहेंगे।
यूपी के 22 जिलों के बीच संबंध
भारतमाला परियोजना के तहत कई राज्यों को एक एक्सप्रेसवे बनाने की कोशिश की जा रही है। जिनमें से कई जल्द ही पूरे होने वाले हैं, उनमें से कुछ अभी भी पूरे नहीं होंगे। साथ ही, उत्तर प्रदेश के 22 शहरों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी के लिए गोरखपुर से शामली तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण इसी साल के अंत तक शुरू होने जा रहा है।
700 किमी लंबा
700 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे से भी बड़ा होगा, जो उत्तर प्रदेश में सबसे लंबा है। हालाँकि, दिसंबर 2024 में निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे यूपी का सबसे लंबा और हाईस्पीड सड़क होगा. यह जनता को प्रयागराज महाकुंभ (Prayagaraj Mahakumbh, 2025) से पहले उद्घाटित किया जाएगा। भविष्य में गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद हरियाणा और पंजाब की दूरी बेहद कम हो जाएगी। रेलवे निर्माण का डीपीआर तैयार है।अधिक पढ़ें
35,000 करोड़ रुपये
केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 2023 में लखनऊ में बताया कि गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक 6 लेन का ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे हाईवे बनाया जा रहा है, जो 25,000 करोड़ रुपये का खर्च करेगा। वहीं, गोरखपुर से शामली तक एक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे (35,000 करोड़ रुपये की लागत) बनाने की भी योजना बनाई गई है।
गोरखपुर-शामली रोड मैप
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे में गोरखपुर, संतकबीरनगर, बाराबंकी, गोंडा, बस्ती, बहराइच, लखनऊ, अयोध्या, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बिजनौर, मेरठ, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर और शामली शामिल हैं।
हरियाणा-बंगाल को जोड़ने वाली राजमार्ग
मीडिया के अनुसार, शामली-गोरखपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे होगा। यह उत्तर प्रदेश के 22 जिलों और 37 तहसीलों से गुजरेगा। विशेष बात यह है कि गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस-वे पंजाब नार्थ ईस्ट कॉरिडोर का भाग है। पूरे इलाके में इस एक्सप्रेसवे से रोड कनेक्टिविटी और व्यापारिक गतिविधियां बढ़ जाएंगी।
गोरखपुर से शामली एक्सप्रेसवे की दूरी
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे का निर्माण इस तरह किया जा रहा है कि पूर्व और पश्चिम के शहर आसानी से जुड़ सकें। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और पश्चिम बंगाल का सिलिगुड़ी जुड़ेगा। गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे बनने से यात्रा का समय बहुत कम हो जाएगा। हालाँकि, इन दोनों शहरों के बीच की यात्रा 15 घंटे लगती है, लेकिन इसके निर्माण से यात्रा का समय 8 घंटे ही रह जाएगा।
गोरखपुर-शामली राजमार्ग हवाई पट्टी
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे को आपातकालीन सड़क मार्ग बनाकर हवाई पट्टी बनाई जाएगी। खासकर, चीन के साथ चुनौतियों और कई मुद्दों से निपटने में इसका उपयोग किया जा सकता है। यहाँ, चीन और नेपाल को एक नया ग्रीनफील्ड इकनॉमिक कॉरिडोर जोड़ेगा। गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे से बंगाल से उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब तक व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही गोरखपुर से लखनऊ और दिल्ली तक आयात-निर्यात करना आसान होगा। यह सड़क मार्ग के किनारे एक ग्रीन कॉरिडोर बनाने की योजना है, जिसमें पर्यावरण को संतुलित करने के लिए हजारों पेड़ और झाड़ियां गलाई जाएंगी।
गोरखपुर अंबाला और देहरादून से जुड़ेगा
साथ ही, अंबाला-शामली इकनॉमिक कॉरिडोर को शामली-गोरखपुर एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। वास्तव में, अंबाला से शामली के बीच एक आर्थिक कॉरिडोर भी प्रस्तावित है। शामली गोरखपुर एक्सप्रेसवे इसे ही जोड़ेगा। इस राजमार्ग की शुरुआत शामली में गोगवान जलालपुर से होनी है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे भी यहीं से गुजरता है। यह राजमार्ग अंबाला-शामली इकोनॉमिक कॉरिडोर और शामली-गोरखपुर राजमार्ग को जोड़ देगा। यह गोगवान जलालपुर को तीन एक्सप्रेसवे देगा। अधिकारियों का कहना है कि शामली-गोरखपुर कॉरिडोर की डीपीआर बनाने में काफी समय लग गया है।