UP के दो जिलों के बीच बनेगी 160 KM की नई ग्रीनफील्ड सड़क, कई जिलों में बढ़ेगा जमीनों का रेट
UP News : उत्तर प्रदेश में गंगा किनारे एक और ग्रीन फील्ड सड़क बनाने को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। इसे ग्रीन फील्ड सड़क की लंबाई 160 किलोमीटर रहने वाली है। इस प्रोजेक्ट से कई राज्यों में आवागमन करने वाले लोगों के लिए फायदेमंद साबित होने वाली है। सड़क को बनाने को लेकर सर्वे शुरू होने वाला है।

Uttar Pradseh News : उत्तर प्रदेश सरकार ने गंगा नदी के किनारे एक नई 160 किलोमीटर लंबी ग्रीनफील्ड सड़क परियोजना की योजना बनाई है। इस परियोजना से राज्य के अलग-अलग हिस्सों में आवागमन को सुगम बनाना है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना, औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करना, और दोनों राज्यों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना वाराणसी और प्रयागराज के बीच यातायात को आसान बनाने के लिए एक नई ग्रीनफील्ड सड़क बनाई जाएगी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को वैकल्पिक मार्ग बनाने का आदेश दिया है। यह लगभग 160 किलोमीटर लंबी सड़क कई राज्यों से आने-जाने वाले लोगों के लिए फायदेमंद होगी। डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) बनाया जा रहा है।
दूसरा रास्ता बनाने का आदेश
बनारस से प्रयागराज तक गंगा के किनारे एक अतिरिक्त ग्रीनफील्ड सड़क बनाने का सर्वे शुरू होगा। वर्तमान में बनारस से प्रयागराज जाने के लिए छह लेन सड़क है, लेकिन इस पर ट्रैफिक काफी अधिक है। जाम चलते हुए यात्रियों को कई बार परेशान करना पड़ता है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHI) को दूसरा रास्ता बनाने का आदेश दिया है।
कई राज्यों को मिलेगा फायदा
डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने की प्रक्रिया जारी है। यह सड़क लगभग 160 किलोमीटर की दूरी पर बिहार, झारखंड और बंगाल से आने-जाने वाले लोगों को काफी हद तक संभालेगी। NHAI डीपीआर बनाने की परियोजना की व्यवहारिकता की जांच कर रही है। परियोजना का उद्देश्य, आर्थिक लागत और लाभों के अलावा संभाव्यता, जोखिम और चुनौतियों का विश्लेषण व्यवहार्यता रिपोर्ट में होगा। सिमुलेशन साफ्टवेयर, जीपीएस, जीआईएस और थियोडोलाइट जैसे सर्वेक्षण उपकरणों का उपयोग किया जाएगा, जो लाइनमेंट निर्धारित करेंगे। इस रिपोर्ट को करीब एक साल में बनाया जाएगा और इसमें भूखंड की जरूरत और कुल लागत का एक समग्र आकलन होगा। जमीन का क्षेत्रफल और प्रकृति का विश्लेषण किया जा रहा है।
चारों जिलों में होगा आवागमन आसान
नए सिरे से ट्रैफिक लोड की जांच होगी और चारों जिलों के मध्य गंगा के रास्ते कितने लोग आवाजाही करने के लिए उत्सुक हैं, यह भी देखा जाएगा। इसके बाद निर्णय होगा कि सड़क को दो या फोर लेन बनाया जाएगा। NHAI के पूर्वी क्षेत्रीय अधिकारी एसके आर्या ने बताया कि मंत्रालय ने डीपीआर की मांग की है, जिस पर काम शुरू हो चुका है। डीपीआर को करीब एक वर्ष में अंतिम रूप दिया जा सकेगा। विस्तृत विश्लेषण के बाद ही कुछ कहना संभव है। ग्रीनफील्ड सड़क परियोजना से आसपास के जिलों में जमीनों की कीमतों में इजाफा होगा।
परियोजना को रामनगर मल्टीमाडल टर्मिनल से जोड़ा जा सकता है
नई सड़क प्रयागराज से मीरजापुर और भदोही होकर रामनगर के मल्टीमाडल टर्मिनल तक भी जा सकती है। राष्ट्रीय जलमार्ग एक को वाराणसी से हल्दिया तक बढ़ाने का काम लगभग छह वर्ष से चल रहा है। निर्बाध गलियारा पूर्वोत्तर से दक्षिण भारत तक माल की आपूर्ति करता है। बहुआयामी लाजिस्टिक पार्क बन रहा है। ऐसे में, परियोजना के धरातल पर उतरने के बाद सड़कों और जलमार्गों का एकीकरण दिखेगा। सड़क परियोजना से चारों जिलों के सैकड़ों गांवों और नगरीय क्षेत्रों का असर होगा, इसके लिए प्रस्तावित मार्ग के आसपास की जमीन की जानकारी प्राप्त की जाएगी।