UP के इस जिले में 100 करोड़ से बनेगा आधुनिक बस टर्मिनल, यात्रियों को मिलेगी कई मॉडर्न सुविधाएं
UP News : उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख शहर में आवागमन कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए नए अत्याधुनिक बस स्टैंड के निर्माण की तैयारी अब तेज़ी पकड़ने लगी है। यह परियोजना शहरी ढांचे को आधुनिक स्वरूप देने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के इस शहर में अब आवागमन कनेक्टिविटी और जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए नए बस स्टैंड का निर्माण करवाने की तैयारी रफ्तार पकड़ने वाली है। बस स्टैंड बनने के बाद शहर में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा। टर्मिनल में बसों के लिए अलग-अलग प्लेटफार्म, वातानुकूलित प्रतीक्षालय, कैंटीन, टीवी, मल्टीफंक्शनल कांप्लेक्स, होटल, रेस्तरां और चार्जिंग स्टेशन होंगे।
PPP मॉडल पर बनाया जाएगा बस स्टैंड
नए बस स्टैंड के बन जाने के बाद शहर में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू किया जाएगा, जिससे पर्यावरण प्रदूषण में कमी आएगी और यात्रियों को आरामदायक सफर की सुविधा मिलेगी। बता दे की 100 करोड़ रुपये की लागत से गोरखपुर में आधुनिक बस टर्मिनल बनाया जाएगा। गोरखपुर बस स्टेशन का पुनर्निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने एजेंसी नामित कर दी है। बस स्टेशन सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर बनाया जाएगा। टर्मिनल में बसों के लिए अलग-अलग प्लेटफार्म, वातानुकूलित प्रतीक्षालय, कैंटीन, टीवी, मल्टीफंक्शनल कांप्लेक्स, होटल, रेस्तरां और चार्जिंग स्टेशन होंगे।
नक्शा बनाने की प्रक्रिया भी शुरू
100 करोड़ रुपये की लागत से गोरखपुर में आधुनिक बस टर्मिनल बनाया जाएगा। गोरखपुर बस स्टेशन का पुनर्निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने कराया है। नक्शा बनाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। गोरखपुर का बस स्टेशन भी उत्तर प्रदेश के आलमबाग या गुजरात के राजकोट की तरह होगा। मॉडल पर क्लिक करते ही निर्माण शुरू हो जाएगा। कम्पनी ने दो साल में टर्मिनल पूरा करने का लक्ष्य रखा है। सात साल में आधुनिक बस टर्मिनल पूरी तरह से विकसित हो जाएगा। जहां यात्रियों को सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं मिलेंगी।
पिछले तीन साल से टेंडर निकाला
बस स्टेशन को फिर से बनाने के लिए पिछले तीन साल से टेंडर निकाला जा रहा था, लेकिन कठिन परिस्थितियों के कारण परिवहन निगम को कोई निवेशक नहीं मिला। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने कई बार टेंडर निकालने के बाद भी निवेशकों को नहीं पाया तो शर्तों को लचीला बनाकर निवेशकों को अधिक सुविधाएं दीं।
साथ ही उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने 90 वर्ष की अनुमति दी है। गोरखपुर के अलावा उत्तर प्रदेश के 23 महत्वपूर्ण बस स्टेशनों को 90 साल की अनुमति दी गई है। बस स्टेशन का नवनिर्माण सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर होना चाहिए। इसके लिए बस स्टेशन परिसर में 14416 वर्ग मीटर जमीन चिन्हित कर ली गई है। निर्माण कार्य शुरू होने के साथ बस स्टेशन को दूसरी जगह शिफ्ट भी किया जाएगा।
गोरखपुर में आधुनिक बस टर्मिनल बनाया जाएगा
विशेषज्ञों का कहना है कि आधुनिक बस टर्मिनल में प्रत्येक क्षेत्र में चलने वाली बसों के लिए अलग-अलग प्लेटफार्म होंगे। यात्रियों को विश्राम करने के लिए एक वातानुकूलित प्रतीक्षालय, बगल में एक कैंटीन और मनोरंजन के लिए एक टीवी होगा। यात्रियों को हर समय बसों की अपडेट जानकारी मिलेगी।
मल्टीफंक्शनल कांप्लेक्स, होटल और रेस्तरां भी बनेंगे, साथ ही सुविधा संपन्न वातानुकूलित विश्रामालय भी। इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन के लिए क्षेत्र में ही चार्जिंग प्वाइंट बनाए जाएंगे। सुरक्षित रहने के लिए सीसी कैमरे होंगे। बस यात्रियों को हर समय अपडेट जानकारी मिलेगी। ऐसी बसें भी समय सारिणी से संचालित होंगी।
यात्रियों को और भी सुविधाएं मिलेंगी। यात्रियों को सफर के दौरान शापिंग कांप्लेक्स में आवश्यक चीजों की खरीद भी मिलेगी। काम्प्लेक्स में खाद्य प्लाजा के साथ भी ठहरने की सुविधा होगी। हालाँकि, गोरखपुर बस स्टेशन के भवन पूरी तरह से गिर गए हैं। रेलवे क्षेत्र भी बदहाल हो गया है। प्रतिदिन बस स्टेशन से विभिन्न रूटों पर लगभग ग्यारह से बारह सौ बसें चलती हैं। दिन में 50 से 60 हजार यात्री आते हैं।