Bihar में 45 गांवों की जमीन से निकलेगा नया एक्सप्रेसवे, 6 जिलों के विकास को लगेंगे पंख
Bihar News : ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के लिए पहली बार जमीन अधिग्रहण की सूचना बिहार में जारी की गई है। बिहार में पहले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर बड़ी प्रगति हुई है। सरकार ने इसके लिए जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी कर दी है, जो राज्य में अधोसंरचना विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। यह राजमार्ग सहरसा सहित छह जिलों से गुजरेगा, जिसमें 45 गांवों में जमीन अधिग्रहण की जाएगी। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगले तीन सालों में राजमार्ग का निर्माण पूरा होगा।

Bihar Land Acquisition : बिहार में पहले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर बड़ी प्रगति हुई है। यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बिहार में तेज, सीधी और बाधारहित यात्रा का रास्ता खोलेगा। इसके माध्यम से औद्योगिक, कृषि और यातायात कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। राज्य का पहला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण की सूचना जारी की गई है। पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, जो हरसा सहित राज्य के छह जिलों से होकर गुजरेगा, 6 जिलों के 29 प्रखंडों के 250 से अधिक गांवों में कुल 3381.2 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करेगा।
पटना आने-जाने में बहुत कम समय लगेगा
सहरसा जिले के पांच प्रखंडों को जोड़ने वाली राजमार्ग के लिए 45 गांवों में जमीन अधिग्रहण की जाएगी। सबसे अधिक जिसमें सौरबाजार प्रखंड में 17 गांवों में जमीन अधिग्रहण होगी। जबकि सिमरीबख्तियारपुर प्रखंड के 13 गांव में जमीन अधिग्रहण की जाएगी। वहीं, पतरघट प्रखंड के सात गांव और महिषी, सोनवर्षा राज प्रखंड के चार चार गांव को जमीन अधिग्रहण की जाएगी। पटना पूर्णिया एक्सप्रेस-वे के निर्माण से पटना आने-जाने में बहुत कम समय लगेगा। छह लेन एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण की घोषणा करते हुए गजट जारी किया गया है। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगले तीन सालों में राजमार्ग का निर्माण पूरा होगा।
परियोजना में 322 बीयूपी/एलबीयूपी, 11 आरओबी, 21 इंटरचेंज और 140 छोटे पुल का निर्माण किया जाएगा।छह लेन चौड़ा एक्सप्रेसवे बनाने का अनुमानित खर्च 18,042.14 करोड़ रुपये है।राज्य सरकार ने एक्सप्रेसवे को समस्तीपुर, सहरसा और मधेपुरा जिला मुख्यालयों से जोड़ने के लिए एक अलग संपर्क मार्ग (स्पर) बनाया जाएगा।इससे इन जिलों की कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी।एक्सप्रेस-वे बनने से सहरसा और पटना की दूरी काफी कम हो जाएगी।
45 गांवों में जमीन अधिग्रहण होगा
एक्सप्रेस-वे को जिले के पांच प्रखंडों में जमीन दी जाएगी। पांच प्रखंडों में 45 गांवों में जमीन अधिग्रहण होगा सौरबाजार प्रखंड के अधिकांश गांव जमीन अधिग्रहण में शामिल होंगे। सौरबाजार प्रखंड में सबसे अधिक 17 गांव में जमीन अधिग्रहण होगा। इसमें हनुमाननगर, चकला नादो, भादा, चिकनी, कबैला, कबैला चक, रहुआ, रामपुर इनरवा, बंसी रौता, रौता खेम, सुहथ, फोरसाहा, कचरा (130) और कचरा (131) शामिल हैं। धर्मपुर, धनोज और राजनपुर हिषी प्रखंड में हैं।राजनपुर पंचायत सभी चार गांव को शामिल करती है। जो जमीन प्राप्त करेगा। सात गांवों (गोलमा, लक्षमीपुर जम्हरा, भद्दी, विशनपुर, पामा और पहाड़पुर) में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। सोनवर्षा प्रखंड के चार गांवों भादा, भवरा, दुर्गापुर और मोकमा को जमीन दी जाएगी। सौरबाजार के बाद सिमरीबख्तियारपुर प्रखंड में सबसे अधिक जमीन अधिग्रहण होगा। सिमरीबख्तियारपुर प्रखंड के 13 गांव में जमीन का अधिग्रहण होगा। यह जमीन सरोजा थाना सिटानाबाद, सरोजा, तिलाठी, घोघसम, सुखासन, कठडूमर, बेलवारा, मुहम्मदपुर, भौरा, रामपुर, नटीगढ, महखड और पहाड़पुर में मिलेगी।
छह जिले जमीन खरीदेंगे
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे के लिए छह जिलों में जमीन खरीदनी होगी। इसमें वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, पूर्णिया और मधेपुरा जिले शामिल हैं। एक्सप्रेस-वे के वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा और पूर्णिया के छह प्रखंडों में जमीन अधिग्रहण की जाएगी। एक्सप्रेसवे 90 मीटर चौड़ा होगा। इस राजमार्ग का निर्माण भू-प्राप्ति के बाद तीन वर्षों के भीतर पूरा हो जाएगा। पटना से शुरू होकर ये एक्सप्रेस वे दरभंगा, समस्तीपुर, सहरसा मधेपुरा और पूर्णिया तक चलेंगे। उस समय, ये राजमार्ग गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कमला, दुधौली, कोसी, जिरवा और कोसीधार नदियों से गुजरेंगे। बरसात के समय किसानों और आम लोगों को इन नदियों पर पुल बनाने से काफी सुविधा होगी।एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण में इतनी बड़ी रकम संबंधित किसानों को दी जाएगी, इससे उनके जीवन में सुधार होगा। बता दे की 281.95 किलोमीटर की लंबाई होगी। वैशाली के मीरनगर से शुरू होकर यह पूर्णिया के कुछ भट्ठी तक जाता है।