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UP में 13 साल बाद 72825 टीचर भर्ती पर आया बड़ा फैसला, हाईकोर्ट का काउंसिलिंग को लेकर आदेश जारी

UP News : उत्तर प्रदेश में स्कूल टीचरों को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। उत्तर प्रदेश में 13 साल पुरानी भर्ती को लेकर पड़ा अपडेट आया। मध्य प्रदेश में साल 2011 में 724825 टीचर भर्ती हुई थी। अब इस भर्ती को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा महत्वपूर्ण फैसला दिया है। पढ़ें पूरी खबर 

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UP में 13 साल बाद 72825 टीचर भर्ती पर आया बड़ा फैसला, हाईकोर्ट का काउंसिलिंग को लेकर आदेश जारी 

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में स्कूल टीचरों को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। उत्तर प्रदेश में 13 साल पुरानी भर्ती को लेकर पड़ा अपडेट आया। मध्य प्रदेश में साल 2011 में 724825 टीचर भर्ती हुई थी। उत्तर प्रदेश में 2011 में हुई 72000 से ज्यादा शिक्षक भर्ती को लेकर हाईकोर्ट ने अपना महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 नवंबर 2011 को जूनियर बेसिक स्कूलों में 72,825 ट्रेनी टीचरों की भर्ती के लिए जारी विज्ञापन में से बचे 12091 पदों के लिए आवेदकों को बुलाकर फिर से काउंसिलिंग कराने के एकल पीठ के आदेश को सही नहीं मानते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने ट्रेनी टीचरों की भर्ती प्रक्रिया को सही ठहराया है, विशेष अपीलीय खंडपीठ ने कहा कि 13 वर्ष बाद इस प्रकार की काउंसिलिंग कराने का आदेश नहीं दिया जा सकता है। कोर्ट ने राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद की विशेष अपील को मंजूर करते हुए यह आदेश दिया है।

कई दिनों की सुनवाई के बाद, न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति एसक्यूएच रिजवी की खंडपीठ ने दोनों विशेष अपीलों पर फैसला सुरक्षित कर लिया। मंगलवार को हाईकोर्ट की विशेष अपील खंडपीठ ने सरकार की विशेष अपील को मंजूर कर लिया। मुख्य स्थाई अधिवक्ता रामानंद पांडेय और बेसिक शिक्षा परिषद की कुष्मांडा शाही ने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दाखिल विशेष अपीलों में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 और 13 दिसंबर 2019 को ट्रेनी टीचरों की समाप्त भर्ती को सही मानते हुए अवमानना का केस खत्म कर दिया था। इस तरह 2011 की भर्ती को लेकर शेष बचे पदों पर अभ्यर्थियों की फिर से काउंसिलिंग कराने का एकल पीठ का निर्देश गैरकानूनी है।

साथ ही, अभ्यर्थियों विनय कुमार पांडेय सहित अन्य ने कहा कि एकल पीठ के आदेश में कोई त्रुटि नहीं है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना वाद में सही तथ्य नहीं दिए। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती को सही मानते हुए अवमानना केस को खत्म कर दिया।

हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 72825 सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में निर्देश दिया था कि 12091 रिक्त पदों पर काउंसिलिंग कराने के लिए विज्ञापन जारी किया जाए और फरवरी के अंतिम सप्ताह तक परिणाम जारी किए जाएं। कोर्ट की इस आदेश से लगभग दो साल से चल रहे भर्ती विवाद का अंत होना चाहिए था। याचियों के वकीलों ने कहा कि 72825 सहायक अध्यापकों की भर्ती में से 66655 पदों पर चयन हुआ था, और चुने गए उम्मीदवारों ने भी काम लिया था। लेकिन अभी भी 12091 पदों की काउंसिलिंग नहीं हुई है। जिन पर काउंसिलिंग नहीं कराई गई और चयन की सीमा में आने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं हो सकी है।

एकल पीठ ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि चयनित अभ्यर्थी काउंसिलिंग की जानकारी होने के बावजूद मुकदमे में लगे रहे। जबकि रिकॉर्ड में काउंसिलिंग से संबंधित कोई विवरण नहीं है। ऐसे हालात में, राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद 12091 पदों पर नए सिरे से काउंसिलिंग के लिए विज्ञापन जारी करें और पूर्व में काउंसिलिंग में शामिल नहीं हुए अभ्यर्थियों को बुलाया जाए। अकेले पक्ष ने कहा कि बैठक पांच फरवरी 2024 से शुरू होने वाले सप्ताह में होगी।