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Bihar में बिजली विभाग की बड़ी कार्यवाही, 22 गांवों का एक साथ काटा गया बिजली कनेक्शन

Bihar News: बिहार की बिजली उपभोक्ता के लिए बड़ा अपडेट सामने आया है। बिहार में अभी कई हजारों बिजली उपभोक्ताओं का बिल बकाया है।  ऐसे में अब बिजली विभाग ने बकायदाओं के खिलाफ सूली अभियान तेज कर दिया है। आपको बता दें कि बिजली बिल नहीं देने वाले गांव और ग्राहकों को चिन्हित करके उनके कनेक्शन काटे जा रहे हैं। बिहार में बिजली बिल का भुगतान नहीं करने पर 22 गांवों की बिजली को संयुक्त रूप से काट दिया है। पढ़ें पूरी खबर- 

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Bihar में बिजली विभाग की बड़ी कार्यवाही, 22 गांवों का एक साथ काटा गया बिजली कनेक्शन

Electricity Connection Cut : मार्च महीने में बिजली विभाग ने वसूली अभियान को तेज किया है। इसके लिए S Drive प्रयोग किया जा रहा है। बिजली बिल नहीं देने वाले ग्रामीणों और उपभोक्ताओं का कनेक्शन काटा जा रहा है। जिले में 21 हजार उपभोक्ताओं पर विभाग का 46 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है, कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार ने बताया। इन उपभोक्ताओं ने एक वर्ष से अधिक समय से बकाया बिल नहीं भुगतान किया है। राशि वापस लेने का अभियान चलाया जा रहा है; भुगतान नहीं करने पर कनेक्शन काट दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि बिजली बिल का भुगतान नहीं करने वाले जिले के 22 गांव की बिजली सामूहिक रूप से काट दी गई है। बिल भुगतान के दौरान कनेक्शन जोड़ा जाता है। कुछ गांवों को जोड़ा गया है।

रतनी प्रखंड के हड़पुर, काजी चक, खैरूचक, सदर प्रखंड के महदा, शिवा बिगहा, सलेमपुर, हरपुरा, बाजितपुर समेत अन्य प्रखंडों के गांवों का बिजली कनेक्शन काटा गया है। उन्होंने सभी उपभोक्ताओं से अपील की है कि अविलंब बिजली बिल का भुगतान कर दें, अन्यथा कार्रवाई होगी।

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पंचायती राज विभाग का 4.5 करोड़ बकाया

कई सरकारी विभाग भी बिजली बिल नहीं देते हैं। नगरपालिका पर दो करोड़ आठ सौ दो लाख रुपये का बकाया है। ओबीसी स्कूलों पर 81 लाख रुपये का बकाया है। जिला पंचायती राज विभाग पर सबसे अधिक बकाया चार करोड़ 54 लाख रुपये है। विभिन्न वार्डों में संचालित नल जल योजना का यह बकाया है। बिजली विभाग ने पीएचडी पर लगभग दो करोड़ का बकाया भुगतान किया है।

हर घर नल का जल से भी आपूर्ति बंद

पूरे गांव का बिजली कनेक्शन काट दिया गया है, जिससे पेयजल के साथ-साथ किसानों को पटवन का भी बड़ा संकट हुआ है। गांववासी पेयजल के लिए चापाकल पर निर्भर हैं। नल जल भी बंद हो गया है। वास्तव में, आज अधिकांश ग्रामीण घरों में निजी चापाकल नहीं है। यही कारण है कि पूरे गांव को दो या तीन सार्वजनिक चापाकल से ही चलाना पड़ता है। सुबह से लोग चापाकल पर पानी लेने के लिए खड़े हो जाते हैं। इंतजार करने के बाद लोगों को पानी मिलता है। पटवन गांवों में पूरी तरह ठप हो गया है। शौच के लिए लोग आहर-पइन पीते हैं।

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