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Business idea: इस फसल की खेती से हर महीने होगी 2 लाख की कमाई, जानिए कैसे करें शुरू

आज कल हर को अपना बिजनेस करना चाहते है। लेकिन आज हम आपके लिए एक ऐसा बिजनेस लेकर आए है, जो आप नौकरी के साथ साथ कर सकते है।
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Business idea: इस फसल की खेती से हर महीने होगी 2 लाख की कमाई, जानिए कैसे करें शुरू

The Chopal, Business idea: आज कल हर को अपना बिजनेस करना चाहते है। लेकिन आज हम आपके लिए एक ऐसा बिजनेस लेकर आए है, जो आप नौकरी के साथ साथ कर सकते है। आज का आईडिया एक ऐसा बिजनेस है जिसकी खेती करके आप मात्र 3 महीने में करोड़पति बन सकते है। हम बात कर रहे है मेथा के बिजनेस की। चलिए पढ़ते है इसकी पूरी जानकारी

COVID-19 महामारी से दुनिया भर में हर्बल और आयुर्वेदिक दवाओं की मांग में भारी बढ़ोतरी हुई है। इसी के चलते किसान अब हर्बल फसलों के साथ-साथ अनाज और सब्जियों की खेती पर भी जोर दे रहे हैं। औषधीय फसलों की खेती से लागत से 3 गुना अधिक लाभ प्राप्त होता है।

यह भी मृदा स्वास्थ्य को सुधारता है। मेंथा सबसे अच्छी औषधीय फसल है। दरअसल, भारत के कई हिस्सों में इसकी खेती की जाती है।

इसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और पंजाब भी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में बदायूँ, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, बाराबंकी, फैजाबाद, अम्बेडकर नगर तथा लखनऊ के खेतों से सबसे अधिक उपज मिलती है।

क्या है मेथा?

देश भर में मेंथा को कई नामों से जाना जाता है। इसे कैम्फोर्मिंट, सुंधी तपत्रा, पुदीना और पुदीना भी कहते हैं। इसका उपयोग दवा, तेल, सौंदर्य प्रसाधनों, टूथपेस्ट और कैंडी में होता है। भारत मेंथा ऑयल का सबसे बड़ा उत्पादक है। मेंथा ऑयल इस स्थान से निकालकर अन्य देशों में निर्यात किया जाता है।

मेंथा की खेती के लिए अच्छी सिंचाई चाहिए। मेंथा की फसल सही समय पर बुआई करने पर तीन महीने में तैयार हो जाती है। मेथी की खेती के लिए मिट्टी का pH 6.5–7.5 होना चाहिए। मेंथा की पत्तियां बहुत पोषक हैं।

क्या मेंथा खेती की जाती है?

फरवरी से मध्य अप्रैल तक मेंथा की खेती की जाती है, और जून में इसकी कटाई की जाती है। इसकी पत्तियों से लिया जाता है। मेंथा की फसल को हल्की नमी चाहिए। इसलिए प्रत्येक आठ दिन में सिंचाई करें। यह जून में मौसम साफ होते ही काट लेना चाहिए। मेंथा से प्रति हेक्टेयर लगभग 125-150 किलोग्राम तेल मिल सकता है।

मेंथा से लाभ मिलेगा 

नकदी मेंथा खेती की जाती है। मेथी की खेती बहुत कम खर्च करती है। 90 से 110 दिन में फसल तैयार होती है। किसानों को खेती पर खर्च किया गया पैसा जल्दी ही भारी मुनाफे के रूप में वापस मिलता है। मेंथा की फसल लगाने में प्रति एकड़ 20,000 से 25,000 रुपये की लागत आती है।

बाजार में मेंथा लगभग 200 रुपये है। परिणामस्वरूप, मेंथा या पुदीना की फसल की आय कटाई के बाद एक लाख रुपये तक पहुंच जाती है। 3 महीने में आप तीन गुना पैसा कमा सकते हैं। इसलिए इस फसल को किसान हरा सोना भी कहते हैं।

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