Delhi NCR में सपनों का घर खरीदना आसान, GDA गाजियाबाद के स्वर्ण जयंती पुरम में मिल रहे फ्लैट और प्लाट
अगर आप भी एनसीआर में घर बनाने की इच्छा रखते हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है। स्वर्ण जयंती पुरम में जीडीए को कई प्लॉट खाली मिले हैं। इन जमीन को बेचने की तैयारी अब की जा रही है।

The Chopal News : अगर आप भी एनसीआर में घर बनाने की इच्छा रखते हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है। जीडीए को स्वर्ण जयंती पुरम में चौबीस प्लॉट खाली मिले हैं। इन जमीन को बेचने की तैयारी अब की जा रही है। जीडीए का अनुमान है कि इससे प्राधिकरण को 10 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ होगा।
1998 में स्वर्ण जयंती पुरम में जीडीए ने आवासीय योजना शुरू की। 1998 से 2003 के बीच, 1583 भूखंडों की 11 परियोजनाएं शुरू की गईं। लोगों ने फॉर्म भरकर भूखंड खरीदने का दावा किया। राशि जमा नहीं करने और छोड़ने के दौरान कुछ जमीन का आवंटन रद्द कर दिया गया। फरवरी 2005 से फरवरी 2007 के दौरान, प्राधिकरण ने इन 139 प्लॉटों को नियमों की अनदेखी करके बहाल किया। भाजपा पार्षद राजेंद्र त्यागी ने पहले मेरठ मंडल के कमिश्नर से शिकायत की, फिर 2011 में हाईकोर्ट में राजस्व नुकसान का दावा कर पीआईएल दायर की। इस मामले में कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। बहुत से अधिकारी और कर्मचारी जांच में फंस गए हैं।
जीडीए अधिकारियों ने कोर्ट में योजना के बारे में अधिक जानकारी देने के लिए बनाए गए और बेचे गए भूखंडों की संख्या का मिलान किया। उन्हें बनाए गए भूखंडों की संख्या बेचने वालों की तुलना में अधिक मिली। जीडीए की एक टीम ने मौके पर सर्वेक्षण किया। इस सर्वे में पता चला कि वर्तमान में 14 भूखंड खाली हैं।
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रिकॉर्ड की बिक्री का कोई साक्ष्य नहीं मिला
सर्वे के बाद, जीडीए के अधिकारियों ने रिकॉर्ड में इन भूखंडों की जानकारी देखी, लेकिन बिक्री का कोई संकेत नहीं मिला। ऐसे में प्राधिकरण अब इन भूखंडों को बेचेगा, जिससे उसे लगभग दस करोड़ रुपये की कमाई होगी।
दस करोड़ रुपये से अधिक की आय होगी
अधिकारी कहते हैं कि स्वर्ण जयंती पुरम योजना में खाली जमीन की मांग लगातार बढ़ रही है। यही कारण है कि प्राधिकरण इन भूखंडों को बेचकर दस करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर सकता है। इसके लिए प्राधिकरण इन्हें नीलामी में शामिल करेगा, ताकि बोलीदार अधिक बोली लगाकर इन्हें बेच सकें।
भूखंड अन्य योजनाओं में भी खाली हो सकते हैं
विशेषज्ञों का कहना है कि स्वर्ण जयंती पुरम योजना की तरह अन्य योजनाओं के लिए भी जगह खाली हो सकती है। इसके लिए, सभी योजनाओं में सर्वे होना चाहिए ताकि योजना में बनाए गए और बेचे गए भूखंडों की जांच की जा सके। भूखंड जो किसी योजना में उपलब्ध हैं, बेचा जा सकता है। Sarve जिले में विभिन्न योजनाओं में खाली पड़े भूखंडों के बारे में जानकारी दे सकता है।
- जीडीए के अपर सचिव सीपी त्रिपाठी ने कहा, "स्वर्ण जयंती पुरम योजना में जो भूखंड खाली हैं, उन्हें आगामी नीलामी में रखकर बेचा जाएगा, जिससे प्राधिकरण आय कमा सकेगा।:''
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