UP के इस शहर में बनेगी बायलॉज बिल्डिंग, इन हिस्सों में बनेगी हाईराइज इमारत
UP News : उत्तर प्रदेश में इस जिले के हर क्षेत्र में इंदिरापुरम, कौशांबी, राज नगर एक्सटेंशन, क्रॉसिंग रिपब्लिक और नेशनल हाईवे की सोसाइटी से भी ऊंची इमारतें बनेंगी। रिहायशी प्लॉट पर मकान के साथ दुकान भी खोल सकेंगे।

Uttar Pradesh News : यूपी के गाजियाबाद जिले के हर क्षेत्र में इंदिरापुरम, कौशांबी, राज नगर एक्सटेंशन, क्रॉसिंग रिपब्लिक और नेशनल हाईवे की सोसाइटी से भी ऊंची इमारतें बनेंगी। आवासीय भूखंडों में मकान के साथ दुकान खोल सकेंगे।
लखनऊ विकास प्राधिकरण के वीसी प्रथमेश कुमार की अध्यक्षता वाली प्रदेश स्तरीय कमेटी ने नए बिल्डिंग बायलॉज को मंजूरी दे दी है। शासन जल्द इस पर आपत्ति व सुझाव लेकर कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजेगा। इसके लागू होने से गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) का क्षेत्र पूरी तरह बदल जाएगा।
एफएआर ढाई से पांच होने से नए समेत पुराने शहर में भी ऊंची इमारतें बनेंगी। मकान निर्माण के लिए ग्राउंड कवरेज की बाध्यता भी खत्म होगी। ऐसे में लोग सैटबैक को छोड़कर अपने पूरे प्लॉट पर मकान बना सकेंगे। इससे पुराने क्षेत्रों में भी संपत्ति की कीमतों में बढ़ोतरी होगी।
जानकार बताते हैं कि गाजियाबाद में 20 हजार से अधिक फ्लैट का निर्माण हो रहा है, जबकि भविष्य में एक लाख से अधिक लोगों को मकान की जरूरत है। ऐसे में सभी को घर मिलने का सपना पूरा हो सकेगा। नए बायलॉज के बाद पुराने शहर में भी हाईराइज इमारतें बन सकेंगी। साथ ही दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस और ईस्टर्न पेरिफेरल, नॉर्दन पेरिफेरल रोड के दोनों तरफ और एनएच नौ, मेरठ रोड, राजनगर एक्सटेंशन, दुहाई, डासना, लोनी, साहिबाबाद, शालीमार गार्डन, मुरादनगर, मोदीनगर क्षेत्र में भी हाईराइज बिल्डिंग बन सकेंगी।
वहीं, आवासीय में व्यावसायिक निर्माण को भी अनुमन्य किया गया है। 90 मीटर के भूखंड होने और उसके सामने नौ मीटर चौड़ी सड़क रहने पर ही उसमें दुकान निर्माण की मंजूरी मिलेगी, इससे बड़ा भूखंड होने पर 12 मीटर चौड़ी सड़क का होना अनिवार्य होगा।
पार्किंग की समस्या खत्म हो सकेगी
नए बिल्डिंग बायलाज में स्टिल्ट पार्किंग बनाने की सुविधा भी दी गई है। अब तक स्टिल्ट पार्किंग मान्य नहीं थी। इससे अब लोग अपने मकानों में स्टिल्ट पार्किंग भी बना सकेंगे। पुराने बायलॉज में एम्बुलेंस व बसों की पार्किंग का कोई प्रावधान नहीं था,लेकिन नए में इसे भी अनुमन्य किया गया है। 100 प्रतिशत बेसमेंट के निर्माण की भी सुविधा मिलेगी। केवल बगल के मकानों की सुरक्षा के लिए दो-दो मीटर छोड़ना होगा। इससे गाजियाबाद में पार्किंग की व्यवस्था बेहतर हो सकेगी।
शहर में बढ़ेगा कारोबार
नए बायलॉज के अनुसार, बेसमेंट में सौ फीसदी निर्माण हो सकेगा। ऐसे में गाजियाबाद में बेसमेंट आसानी से बनाए जा सकेंगे। साथ ही उसमें सौ फीसदी तक निर्माण किया जाएगा। व्यापारियों को अपना माल रखने के लिए बेसमेंट की सुविधाएं मिल सकेंगी, जिससे कारोबार भी बढ़ेगा। ज्यादातर बेसमेंट पुराने शहर जैसे बजरिया, नई बस्ती, घंटाघर, रमतेराम रोड आदि क्षेत्रों में बन सकेंगे। साथ ही नए शहर में भी बेसमेंट बनाए जा सकेंगे।
राजेश कुमार सिंह, सचिव जीडीए ने कहा, ''शासन स्तर से नए बिल्डिंग बायलॉज पर काम किया जा रहा है। शासन से मंजूरी मिलने के बाद इसे प्राधिकरण क्षेत्र में लागू किया जाएगा। सभी को इसका फायदा होगा।''
विपुल गिरी,अध्यक्ष, क्रेडाई गाजियाबाद ने कहा, ''नए बिल्डिंग बायलॉज का सभी को फायदा होगा। नए गाजियाबाद को निर्मित करने में काफी सुविधा मिलेगी। हर तरफ ऊंची ऊंची इमारते नजर आ सकेंगी। लोगों के लिए मकान बन सकेंगे।''