यूपी में जमीनों के भू-उपयोग को बदलना होगा और ज्यादा भी आसान, अब मंडलायुक्त ही करेंगे बदलाव

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यूपी में जमीनों के भू-उपयोग को बदलना होगा और ज्यादा भी आसान

THE CHOPAL - उत्तर प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए जमीनों का भू-उपयोग बदलवाने की सुविधा को सरल बनाने के लिए राजस्व संहिता-2006 में संशोधन को कैबिनेट से मंजूरी मिली है। इस संशोधन के तहत अब उद्यमियों को अपने मंडल में ही जमीन का भू-उपयोग बदलवाने की सुविधा होगी, और उन्हें इसके लिए शासन के चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। उद्योगिक विकास विभाग चाहता है कि इस प्रक्रिया को सरल और व्यवस्थित बनाया जाए, जिससे उद्योग लगाने में आसानी हो।

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इस संशोधन के तहत, ग्राम सभा की जमीनों के रख-रखाव की व्यवस्था राजस्व संहिता में दी गई है, और उन्हें इसका भू-उपयोग बदलने और खरीदने का अधिकार होता है। जमीनों के भू-उपयोग बदलने का अधिकार वर्तमान में शासन को होता है, जिसे इस संशोधन में बदला जाएगा। इससे उद्योगियों को जमीन खरीदने और भू-उपयोग बदलने में आसानी होगी और उन्हें शासनिक प्रक्रिया में काफी समय बचेगा।

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इस संशोधन के तहत, राज्य सरकार के पास सीमा से अधिक खरीदी जमीनों के भू-उपयोग करने की समय सीमा पांच साल से बढ़ाकर आठ साल करने की तैयारी है। यदि किसी उद्योगी ने सीमा से अधिक जमीन खरीदी है और उसे उद्योग लगाने में इसकी आवश्यकता होती है, तो वह उस जमीन का भू-उपयोग कर सकता है। यह उद्योगियों के लिए एक बड़ी सुविधा होगी, जो बड़े परियोजनाएं चलाने के लिए ज्यादा जमीन खरीदते हैं। सूत्रों के अनुसार, उच्च स्तर पर इस संशोधन को लेकर सहमति बन गई है और इसे जल्द ही कैबिनेट की मुहर लगाने की तैयारी है। यह संशोधन उद्योग विकास और निवेश को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम है, जो उत्तर प्रदेश को उद्योगी राज्य बनाने में मदद करेगा।