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UP के इस जिले में 42 गांवों की जमीन पर बनेगा चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग, 37 गांवों में जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही तेज

UP News : चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग के निर्माण के लिए गोंडा के पांच और गांवों में किसानों से जमीन ली जाएगी। यह राजमार्ग 275 किलोमीटर लंबा होगा, 45 मीटर चौड़ा होगा और 42 गांवों से गुजरेगा। इसमें 2806 भूखंड शामिल हैं, जिनमें से अधिकांश कृषि क्षेत्र हैं। किसानों को मुआवजे के रूप में 440 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

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UP के इस जिले में 42 गांवों की जमीन पर बनेगा चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग, 37 गांवों में जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही तेज

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में 84 कोसी परिक्रमा पथ, जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग 227बी भी कहा जाता है, भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जमीन अधिग्रहण का बजट जारी किया है। इससे 64 किलोमीटर लंबी और 45 मीटर चौड़ी सड़क जिले में बनाई जाएगी। इस अधिग्रहण से जिले के लगभग ढाई हजार किसान लाभान्वित होंगे। अवार्ड के बाद उन्हें मुआवजा दिया जाएगा।

4500 किसानों ने जमीन अधिग्रहण का समझौता किया है

चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग के निर्माण के लिए गोंडा के पांच और गांवों में किसानों से जमीन ली जाएगी। यदि गजट को स्वीकृति मिली तो चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग 42 गांवों से गुजरेगा।  प्रशासन ने पहले गजट में शामिल 37 गांवों में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। भूमि अधिग्रहण के लिए करीब 4500 किसानों ने हस्ताक्षर किए हैं। सौ करोड़ रुपये की पहल की गई है।

227 नेशनल हाईवे का नाम

227 नेशनल हाईवे अयोध्या की चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग का नाम होगा। यह 275 किलोमीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा होगा। इस मार्ग पर पांच जिले हैं: बस्ती, गोंडा, अयोध्या, बाराबंकी और अंबेडकरनगर।  परिक्रमा पथ बीकापुर, इनायतनगर और एनएच 28, 27, 135 ए और 330 से जुड़ता है। गोंडा में 73 किलोमीटर का परिक्रमा मार्ग बनाया जाएगा। गोंडा जिले में एनएच 227बी की सड़क 160.200 बहुवन मदार माझा से 224.040 जगरनाथपुर तक बनाई जाएगी।  एनएच लोक निर्माण विभाग, अयोध्या, इसकी व्यवस्था करेगा। 84 कोसी परिक्रमा पथ में 2806 भूखंड हैं, जिसमें से अधिकांश कृषि भूमि हैं। 

वहीं इस परिक्रमा मार्ग में सरकारी, नवीन परती, नजूल, चकमार्ग और हाईवे भी शामिल हैं। विभागीय सूत्र के अनुसार, पहले गजट में शामिल 37 गांवों के लगभग आठ हजार किसानों से 237 हेक्टेयर जमीन मिलनी चाहिए।  किसानों को प्रारंभिक भुगतान के रूप में 440 करोड़ रुपये मिलेंगे। ई-भूमि राशि पोर्टल पर 4500 किसानों का डाटा फीड किया गया है। 100 करोड़ रुपये किसानों को भेजे गए हैं।

पांच गांवों में भूमि अधिग्रहण की तैयारी

चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग के लिए पांच और गांवों में जमीन की जरूरत है, जैसा कि कार्यदायी संस्था ने बताया है। जैतपुर व बरौली गांव का गजट के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, जबकि अल्लीपुर खांडेराय, अमदही व राजापुर का प्रस्ताव बनाया जा रहा है।

चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश संबंधित को दिए गए हैं। किसानों को प्रक्रिया पूरी करने और भुगतान करने के लिए गांव-गांव शिविर लगाए गए हैं।

24 दिन की चौरासी कोसी परिक्रमा

चैत्र मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि से 24 दिनों तक अनवरत चलने वाली पंचकोसी परिक्रमा (प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या) भी शुरू होती है। इसमें देश के साधु, संत और घरेलू लोग शामिल हैं।  त्रेतायुग में राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ किया था, उसी स्थान से परिक्रमा बस्ती शुरू होती है। जो वैशाख मास कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को अयोध्या, अंबेडकरनगर और बाराबंकी से गुजरकर घाघरा नदी नाव से गोंडा पहुंचती है। 

यात्रियों ने बहुअन मदार माझा के दुलारे बाग में रात्रि विश्राम किया। दुलारे बाग के अलावा जिले में आठ स्थान हैं: जंबू घाट, गोस्वामी तुलसीदास जन्मभूमि राजापुर, सूकरखेत पसका, बखरिहा, मां वाराही देवी मंदिर, यमदग्नि आश्रम जमथा, पहलवानवीर मंदिर और रेहली प्राथमिक विद्यालय नवाबगंज।
 

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