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UP में यहां अंतिम चरण में पहुंची चकबंदी, किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा

UP News : उत्तर प्रदेश के इस जिले में 22 वर्षों से चली आ रही चकबंदी प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। अधिकारियों की तरफ से जानकारी दी गई है कि अब हर किसान को कब्जा मिलने वाला है। किसने की समस्याओं का हाल टीम दो सप्ताह में पैमाइश कर हल कर देगी ताकि चकबंदी की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की समस्या ना आए और किसानों को आसानी से कब्जा मिल सके।

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UP में यहां अंतिम चरण में पहुंची चकबंदी, किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के एक जिले में पिछले 22 वर्षों से लंबित चकबंदी (consolidation of land holdings) प्रक्रिया अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है, जो किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर है। चकबंदी का मुख्य उद्देश्य भूमि के बिखरे हुए टुकड़ों को व्यवस्थित करना और प्रत्येक किसान को एक समेकित भूखंड देना होता है। यूपी में स्थित बदायूं ज़िले की गुन्नौर तहसील के उदरनपुर अजमतनगर में दो दशक से चल रही चकबंदी प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। किसानों की भूमि आवंटन और कब्जा परिवर्तन की समस्याओं को दूर करने के सख्त निर्देश एसडीएम दीपक चौधरी ने दिए हैं। ताकि हर किसान को कब्जा मिल सके, टीम दो सप्ताह में पैमाइश कर किसानों की समस्याओं को हल करेगी।

भूमि आवंटन जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा

यूपी में स्थित बदायूं ज़िले की गुन्नौर तहसील के गांव उदरनपुर अजमतनगर में पिछले 22 वर्षों से चल रही चकबंदी प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। गांव में चकबंदी के कारण वर्षों से किसानों को कब्जा परिवर्तन, रास्ता, भूमि आवंटन जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा था, जिन्हें दूर करने के लिए एसडीएम दीपक चौधरी ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। चकबंदी विभाग की बैठक के बाद एसडीएम ने पांच सदस्यीय टीम को आदेश दिया है कि अगले दो सप्ताह तक हर दिन गांव में जाकर किसानों की समस्याओं को हल करें। तीन दिन की पिछली कार्रवाई में कई किसानों की समस्याएं हल हो चुकी हैं, जिससे राहत मिली है।

गुन्नौर एसडीएम के दो सप्ताह में हल करने के निर्देश; दैनिक टीम पैमाइश करेगी

एसडीएम ने स्पष्ट रूप से कहा कि कोई भी किसान को रास्ते की समस्या या कब्जा परिवर्तन का सामना नहीं करना चाहिए। शीघ्र ही अवैध कब्जे हटाए जाएं और आवश्यक जमीन देने की कार्रवाई भी पूरी की जाए। खेत अभी खाली हैं और फसल की बुवाई से पहले काम पूरा हो सकता है, इसलिए कोई लापरवाही नहीं करनी चाहिए, उन्होंने कहा। अगर किसी के खेत पर अवैध कब्जा है, तो उसे तत्काल प्रभाव से हटाया जाए, और जिसे वैकल्पिक जमीन दी जानी है, उसे जल्द से जल्द सुनिश्चित किया जाए.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि खेत अभी खाली पड़े हैं और बुवाई शुरू होने से पहले यह समस्त कार्यवाही पूरी की जा सकती है, साथ ही किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. प्रशासन ने हल्का लेखपाल को गांव में ही तैनात करने के आदेश दिए हैं और निर्देशित किया गया है कि उसे किसी अन्य कार्य में न लगाया जाए. इसके अतिरिक्त, यदि ज़रूरत पड़ी तो पुलिस बल भी मुहैया कराया जाएगा ताकि कार्यवाही शांतिपूर्वक हो और कोई विरोध या विवाद न खड़ा हो. 

हर किसान को कब्जा मिलेगा, कोई बाधा नहीं रहेगी

चकबंदी के हल्के लेखपाल को गांव में ही रखने को कहा गया है, उन्हें अन्य कार्यों में नहीं लगाने को कहा गया है। शांति और सुरक्षा बनी रहे, यदि आवश्यकता हो तो पुलिस लाइन से पर्याप्त बल उपलब्ध कराया जाएगा। टीम को दो सप्ताह बाद प्रमाणपत्र देने का भी आदेश दिया गया है, जो पुष्टि करेगा कि गांव में कोई कब्जा विवाद नहीं है और चकबंदी प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो गई है।

सीमांकन और कब्जा की पुष्टि करेगी

इस समस्या को प्राथमिकता देते हुए उपजिलाधिकारी दीपक चौधरी ने महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। प्रशासन ने गांव में एक पांच सदस्यीय चकबंदी सुधार टीम बनाई है, जो अगले 14 दिनों तक हर दिन गांव में जाकर खेतों की पैमाइश, सीमांकन और कब्जा की पुष्टि करेगी। टीम को यह भी जिम्मेदारी दी गई है कि किसानों की शिकायतों का जल्द से जल्द समाधान किया जाए जिन किसानों को वर्षों से खेतों में रास्ता नहीं मिल रहा था, या जिनकी जमीन दूसरे स्थान पर स्थानांतरित की गई थी। अब तक की कार्रवाई में तीन दिनों के भीतर लगभग 13 किसानों की महत्वपूर्ण समस्याएं हल की गई हैं. इनमें अवैध कब्जा हटाना, नई जमीन का चिन्हांकन करना और उचित दस्तावेजीकरण शामिल हैं। 
 

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