लखनऊ में जाम की समस्या होगी दूर, 92 करोड़ रुपए में नए 4 लेन पुल का निर्माण शुरू
UP News : लखनऊ शहर के लिए एक अहम बुनियादी ढांचा विकास की पहल है, जो न केवल ट्रैफिक जाम से राहत दिलाएगी बल्कि शहर के उत्तर और मध्य हिस्सों को बेहतर कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगी। आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लगभग पांच लाख लोगों को राहत मिलेगी। उनका कहना था कि दोनों तरफ बन्धों के बीच पूर्व में बनाई गई आर्च सेतु की तरह नया पुल होगा।

Uttar Pradesh News : राजधानी लखनऊ में चार लेन का एक नया पुल बनाया जा रहा है। भूमि पूजन करके क्षेत्रीय विधायक डॉ. नीरज बोरा ने शुभारम्भ किया। नया पुल बनने से चौक, खदरा, मदेयगंज, फैजुल्लागंज, डालीगंज, त्रिवेणीनगर और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लगभग पांच लाख लोगों को राहत मिलेगी।
लखनऊ में गोमती नदी पर ब्रिटिशकालीन पक्का पुल के साथ चार लेन का नया आर्च सेतु बनाया जा रहा है। पुल, जो करीब 180 मीटर लंबा होगा और 20 मीटर चौड़ा होगा, के दोनों तरफ फुटपाथ भी बनाए जाएंगे। 92 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे आर्च सेतु का काम जून 2027 तक पूरा हो जाएगा। रविवार को भूमि पूजन करके क्षेत्रीय विधायक डॉ. नीरज बोरा ने शुभारंभ किया। इस अवसर पर विधायक ने कहा कि भारी वाहनों का प्रवेश वर्तमान 111 साल पुराने लाल पुल पर बंद होने से लोगों को असुविधा हो रही है।
नया पुल बनने से चौक, खदरा, मदेयगंज, फैजुल्लागंज, डालीगंज, त्रिवेणीनगर और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लगभग पांच लाख लोगों को राहत मिलेगी। उनका कहना था कि दोनों तरफ बन्धों के बीच पूर्व में बनाई गई आर्च सेतु की तरह नया पुल होगा।
डॉ. बोरा ने बताया कि वर्ष 1780 में अवध के नवाब आसिफुद्दौला ने गोमती नदी पर एक पत्थर का शाही पुल बनाया था, जिसे पार करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति से टैक्स टैक्स वसूला गया था। सत्तावनी क्रान्ति के बाद अंग्रेजों ने अवध रियासत को अपनाया। अंग्रेजों ने 1911 में पुराने शाही पुल को तोड़कर नया बनाया क्योंकि यह कमजोर था। 10 जनवरी 1914 को, ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड हार्डिंग, जो 1910 से 1916 तक भारत के वायसराय रहे थे, ने पुल का उद्घाटन किया। पक्का पुल और लाल पुल दो नामों से भी इस पुल को जाना जाता है।
पुल की लंबाई 180 मीटर
चौड़ाई 20 मीटर
लागत 9289.41 लाख