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फसल बीमा योजना : इन 7 फसलों का बीमा करवा ले किसान

छत्तीसगढ़ में बागवानी फसलों की खेती करने वाले किसान अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए बीमा करा सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने मौसम के आधार पर फिर से डिज़ाइन की गई फसल बीमा योजना लागू की है।

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Horticulture Crop Insurance Chhattisgarh: इस वर्ष देश में मानसून की बारिश ने विशेष रूप से असमान अंदाज में बना दिया है, जिसके कारण कई क्षेत्रों में किसानों को कृषि के काम में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन स्थानों में वर्षा और बाढ़ के कारण बोई गई फसलें बिगड़ गई हैं, जबकि दूसरी ओर कुछ क्षेत्रों में कम वर्षा के कारण खरीफ फसलों की कम बोई हो गई है। केंद्र सरकार ने इस पर ध्यान देते हुए अधिकांश राज्यों में "प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना" में पंजीकरण की अवधि बढ़ा दी है। 

इसी दिशा में, छत्तीसगढ़ में बागवानी फसलों की खेती करने वाले किसान अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए बीमा करा सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने मौसम के आधार पर फिर से डिज़ाइन की गई फसल बीमा योजना लागू की है।

खरीफ मौसम में बागवानी फसलों के बीमा के लिए आवेदन की समय सीमा 16 अगस्त 2023 तक निश्चित की गई है। सरकार द्वारा तय की गई तिथियों और बीमा संबंधित नियमों के तहत राज्य के किसान ऋणग्रहणकर्ताओं या अपने स्वयं के संसाधनों से बागवानी फसलों की खेती करने वाले इच्छुक किसान अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा अधिसूचित बैंकों के माध्यम से बीमा करा सकते हैं।

छत्तीसगढ़ में शाक भाजी और फल जैसी बागवानी फसलों की खेती दिन-प्रति-दिन बढ़ रही है। मौसम की परिस्थितियों की उलझन से फसलों को होने वाले नुकसान से बचने के लिए प्रदेश में बागवानी फसलों की सुरक्षा के लिए बीमा कराने वाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने इस पर ध्यान दिया और खरीफ सीजन में बागवानी फसलों की सुरक्षा के लिए बीमा कराने की समय सीमा को 16 अगस्त तक बढ़ा दिया है। इसके तहत, बागवानी किसान फल और सब्जी फसलों के लिए बीमा के लिए आवेदन कर सकते हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में बागवानी फसलों की खेती करने वाले किसानों के लिए मौसम के आधार पर पुनर्गठित फसल बीमा योजना चला रही है। खरीफ सीजन 2023 के लिए राज्य में बागवानी फसलों के बीमा के दायरे में 7 फसलों को शामिल किया गया है। इसमें बैंगन, मिर्च, अदरक, टमाटर, पपीता, केला और अमरूद जैसी बागवानी फसलें शामिल हैं। 

इन फसलों के बीमा का कार्य भारतीय कृषि बीमा कंपनी द्वारा राज्य सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। प्रदेश में उद्यानिकी विभाग के अनुसार, अब उद्यानिकी फसलों से जुड़े हजारों किसान अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए बीमा करा सकते हैं और फसल के नुकसान की स्थिति में मुआवजा प्राप्त करने के हकदार बन सकते हैं। वांछित किसान 16 अगस्त तक अपनी बोई गई फसलों के लिए बीमा करवाने के लिए बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से संपर्क कर सकते हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में बागवानी फसलों की सुरक्षा के लिए बैंकों और अन्य संस्थाओं को अधिसूचित किया है। किसान इन अधिसूचित बैंकों और बीमा संस्थाओं से बीमा करवा सकते हैं।

राज्य सरकार ने राष्ट्रीय बैंक की निकटतम शाखा, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, जिला सहकारी बैंक, प्राथमिक सहकारी समितियों, जन सेवा केंद्र, व्यावसायिक बैंक और भूमि विकास बैंक के साथ ही राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल या डाक विभाग के अधिकृत बीमा एजेंट या प्राधिकृत प्रतिनिधि को भी बीमा करवाने के लिए अधिकृत किया है। 

राज्य के किसान, गैर-किसान और बंटवारेदार बागवानी किसान खरीफ सीजन 2023 में अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए बैंकों या बीमा कंपनी के अधिकृत बीमा एजेंट या प्राधिकृत प्रतिनिधि से संपर्क कर सकते हैं।

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छत्तीसगढ़ सरकार ने मौसम के आधार पर फसल बीमा योजना के तहत 7 फल और सब्जी फसलों को शामिल किया है। मौसम की अनिश्चितता के कारण फसल में हुआ नुकसान का मूल्यांकन कुछ मानकों के तहत किया जाएगा। इसमें प्रदेश में बागवानी फसलों के किसानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए निम्नलिखित फसलों को शामिल किया गया है:

बैंगन
मिर्च
अदरक
टमाटर
पपीता
केला
अमरूद

इन फसलों के बीमा का कार्य भारतीय कृषि बीमा कंपनी द्वारा किया जाएगा, और किसान बैंकों या बीमा संस्थाओं से बीमा करवा सकते हैं। किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए बीमा करवाने के लिए आवेदन करने की समय सीमा 16 अगस्त 2023 है। उन्हें बैंकों के शाखाओं, बीमा संस्थाओं, या आधिकृत बीमा एजेंट से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।

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