बारिश के चलते राजस्थान के इस जिले में 3 अरब की फसल बर्बाद
Jalore News : राजस्थान के जालोर जिले में हुई तीन दिन भारी बारिश से लगभग 3 अरब की मूंग की फसल बर्बाद हुई है. साथ ही भारी मात्रा में बाजरा की फसल को भी नुकसान देखने को मिल रहा है. इस साल हालांकि अन्य वर्षों की तुलना में मूंग की कम बुवाई हुई है...

Jalore News : राजस्थान के जालोर जिले में हुई तीन दिन भारी बारिश से लगभग 3 अरब की मूंग की फसल बर्बाद हुई है. साथ ही भारी मात्रा में बाजरा की फसल को भी नुकसान देखने को मिल रहा है. इस साल हालांकि अन्य वर्षों की तुलना में मूंग की कम बुवाई हुई है, परंतु अब फसल काटकर खेतों में पड़ी थी और बारिश हो जाने से दाने बर्बाद हो चुके है.
जबकि राजस्व विभाग और कृषि विभाग गिरदावरी की प्रक्रिया और नुकसान का आकलन कर रहे हैं, किसानों से मिली जानकारी के अनुसार खेतों में खड़ी और पकी हुई फसल के लगभग 70% मूंग खराब हो गए हैं। इससे दोनों जिलों में लगभग तीन अरब रुपये का नुकसान हुआ है।
कृषि विभाग ने बताया कि जून में आए बिपरजॉय तूफान के कारण कई खेतों में पानी भर गया था। उस आहोर क्षेत्र के गांवों में अधिक पानी का भराव हुआ, जिससे मूंग की बुवाई का रकबा कम हो गया।
सालाना दोनों जिलों में लगभग सवा लाख हैक्टेयर में मूंग की खेती की जाती है, लेकिन इस वर्ष केवल 85,500 हैक्टेयर में ही खेती की गई है। कृषि विभाग ने अनुमान लगाया था कि इस बुवाई से लगभग 76 हजार 950 मीट्रिक टन मूंग उत्पादन होगा, लेकिन इस बारिश से लगभग 70 प्रतिशत मूंग खराब हो गया है। इससे दोनों जिलों में लगभग 3 अरब रुपये का नुकसान होने की आशंका है।
इस वर्ष दोनों जिलों में 5 लाख 85 हजार 678 हैक्टेयर क्षेत्र में सभी फसलों की बुवाई हुई थी, इसमें से 3 लाख 25 हजार 143 हैक्टेयर में बाजरा की फसल बोया गया था, लेकिन इस बारिश में बाजरा को भी भारी नुकसान हुआ है। इसलिए किसान चिंतित हैं।
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इस बारिश से अरण्डी, मूंगफली और ग्वार जैसी फसलों को फायदा हुआ है, लेकिन खरीफ की सीजन में इनकी बुवाई का रकबा बिल्कुल कम रहता है। इससे अधिकांश किसानों का बहुत अधिक नुकसान हुआ है। सांसद देवजी पटेल और काँग्रेस नेता सवाराम पटेल ने आहोर क्षेत्र में बारिश से हुए नुकसान का भुगतान करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भेजा है। जिसमें कहा गया है कि किसानों को सर्वे करवाकर और गिरदावरी करवाकर उचित मुआवजा देना चाहिए।
केंद्रीय दल भी पहुंचने की संभावना है. सूखे और प्रभावित इलाकों का दौरा करने की उम्मीद है। यद्यपि जिले का कोई भी क्षेत्र सूखाग्रस्त नहीं है, लेकिन जरूरत के समय बारिश नहीं होने से खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं और पककर तैयार हुई फसलों के दान बर्बाद हो गए हैं। किसानों को इससे भारी नुकसान हुआ है।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक आरबी सिंह ने बताया कि अगस्त महीने में बारिश के अंतराल से मूंग, तिल और बाजरा जैसे वर्षा आधारित फसले प्रभावित हुए। अब बारिश से बहुत नुकसान हुआ है। नुकसान का आकलन तुरंत करना होगा। जिन लोगों ने फसल बीमा किया है, वे पोर्टल और एप पर नुकसान की जानकारी दर्ज करें।\
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