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Delhi Dehradun Expressway: कब शुरू होगा दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे, एडवांस डेडलाइन हुई तय

दिल्ली देहरादून की जनता को एक्सप्रेसवे के निर्माण का पूरा होने का इंतजार है. लेकिन यह एक्सप्रेसवे निर्माण समय अब लंबा लेता ही जा रहा है. दरअसल, एक्सप्रेसवे का निर्माण ग्रैप की वजह से कई बार रुका है.  जिसके चलते अब डेडलाइन कुछ महीने आगे निकलने का अनुमान जताया जा रहा है. आइये नीचे तक पढ़ें पूरी अपडेट
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Delhi Dehradun Expressway: कब शुरू होगा दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे, एडवांस डेडलाइन हुई तय

The Chopal , New Delhi : दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य ग्रैप की वजह से लगातार ठप हो जा रहा है। इससे इसकी एडवांस डेडलाइन मिस हो जाएगी। बता दें कि अक्षरधाम से बागपत तक के हिस्से का काम कंप्लीट करने के लिए मार्च 2024 की एडवांस डेडलाइन रखी गई है, जबकि प्रॉजेक्ट की असल डेडलाइन दिसंबर 2024 तय है। पर प्रदूषण बढ़ने की वजह से लगातार ग्रैप लागू होने के कारण काम बंद हो जा रहा है, इससे अब एडवांस डेडलाइन के 3 से 4 महीने आगे निकलने की संभावना है।

एनएचएआई के अधिकारियों की मानें तो पहले ग्रैप-3 के लागू होने से काम बंद हो गया था। अब एक बार फिर ग्रैप लागू कर दिया गया है, जिससे काम प्रभावित हो रहा है। एक बार काम बंद हो जाता है तो दोबारा शुरू करने में फिर काफी समय लग जाता है। इसके अलावा प्रॉजेक्ट के बीच-बीच में आने वाली रुकावट की वजह से भी काम प्रभावित होता है। जैसे कभी यूटिलिटी शिफ्टिंग की वजह से काम रुका रहता है तो कभी जमीन की उपलब्धता समय पर नहीं होने से दिक्कत आती है।

6 लेन के इस एक्सप्रेसवे के अक्षरधाम से लेकर बागपत तक के हिस्से को पैकेज में बांटा गया है। पहला पैकेज अक्षरधाम से यूपी बॉर्डर और दूसरा पैकेज यूपी बॉर्डर से बागपत तक का है। खेकड़ा के पास यह ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को क्रॉस करेगा। वहीं दूसरी तरफ बागपत से आगे सहारनपुर तक का काम भी तेजी से किया जा रहा है।

यह बचे हुए काम :

अधिकारियों की मानें तो पैकेज-1 में फाउंडेशन पाइलिंग, पाइल कैप और ग्रिडर कास्टिंग का काम पूरा हो चुका है। कंक्रीट क्रैश बैरियर, डेक स्लैब कास्टिंग का काम किया जाना बाकी है। साथ ही रैंप और आरओबी का काम भी उसी स्पीड में चल रहा है। वहीं पैकेज-2 में फाउंउेशन पाइलिंग, पाइल कैप, सब स्ट्रक्चर पियर, सब स्ट्रक्चर पियर कैप और ग्रिडर कास्टिंग का काम पूरा हो चुका है। डेक स्लैब और कंक्रीट क्रैश बैरियर का काम किया जाना अभी थोड़ा बहुत बाकी है। आरओबी, रैंप और सर्विस रोड का काम भी साथ ही साथ चल रहा है।

तीन राज्यों को मिलेगा इसका फायदा :

इस ग्रीन कॉरिडोर के बनने से दिल्‍ली, यूपी और उत्तराखंड राज्‍य को सीधे तौर पर फायदा होगा। सबसे ज्‍यादा लाभ यूपी के करीब 6 बड़े शहरों को होगा। इसमें मुजफ्फरनगर, शामली, यमुनानगर, बागपत, मेरठ और बड़ौत शामिल हैं। इसके अलावा उत्‍तराखंड की धार्मिक नगरी हरिद्वार को भी नए एक्‍सप्रेसवे से काफी फायदा होगा। लोनी की जाम की समस्या से लोग बचेंगे। दिल्ली पहुंचना लोगों के लिए आसान हो जाएगा।

पैकेज 1 - अक्षरधाम से यूपी बार्डर तक :

14.75 किमी
1100 करोड़ रुपये
27 जून 2022 काम हुआ शुरू
76 फीसदी पूरा हुआ है काम
खत्म हुई सभी रुकावट
इस प्रॉजेक्ट में चार रुकावटें थीं। जिसे अब पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। मंदिर को शिफ्ट किया जा चुका है। इलेक्ट्रिकल यूटिलिटी को भी शिफ्ट कर दिया गया है। रोड ओवरब्रिज के लिए जमीन भी मिल गई है। जगराम वाटिका के पास रैंप के लिए जमीन की जरूरत है। जिसके लिए एनएचएआई ने डिमांड दे दिया है, लेकिन अभी तक औपचारिक हैंडओवर की प्रक्रिया में है।

पैकेज 2 - यूपी बॉर्डर से बागपत तक :

16.85 किमी
1323.52 करोड़ रुपये
11 मई 2021 को शुरू हुआ काम
87 फीसदी हो चुका है काम
कुछ बनी और कुछ खत्म हुई रुकावट
11 केवी की इलेक्ट्रिक लाइट के जाने की वजह से ग्रिडर लाॉन्च करने में दिक्कत आ रही है। इसको हटाए जाने का काम शुरू हो चुका है। रैंप-1 के लिए इलेक्ट्रिकल यूटिलिटी शिफ्टिंग का काम रुका हुआ है। इसका अप्रूवल मिल चुका है काम चल रहा है। रैंप-3 और रैंप-5 के लिए आवास विकास परिषद से जमीन अवार्ड किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। अभी जमीन हैंडओवर नहीं हुई है।

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