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Rajasthan के इस जिले से दिल्ली रेल कनेक्टिविटी बेहतर, 14 वर्षों का सपना होगा साकार

Indian railway news : आने वाले दिनों में राजधानी दिल्ली से राजस्थान की राजधानी जयपुर के बीच रेल सेवा का सफर और ज्यादा आसान होने वाला है। दिल्ली और जयपुर को सीधी रेल कनेक्टिविटी देने को लेकर काम जोरों पर है। अगर सब कुछ सही रहा तो 14 वर्ष बाद कनेक्टिविटी में सराहनीय कदम होने वाला है। जालोर, भीनमाल और रानीवाड़ा जैसे बड़े रेलवे स्टेशनों में ब्रॉडगेज होने के 14 साल बाद भी दिल्ली अभी भी काफी दूर है।

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Rajasthan के इस जिले से दिल्ली रेल कनेक्टिविटी बेहतर, 14 वर्षों का सपना होगा साकार 

Train News : दिल्ली और जयपुर को सीधी रेल कनेक्टिविटी बेहतर होने वाली है इसको लेकर कवायद तेज हो चुकी हैं। जालोर और समदड़ी-भीलड़ी रेलवे खंड को जल्द ही जयपुर और दिल्ली तक सीधी ट्रेन देने की योजना बनाई जा रही है। रेलवे बोर्ड को यह महत्वपूर्ण प्रस्ताव भेजा गया है, जो स्थानीय आवश्यकताओं और संभावित यात्री भार को देखते हुए दिल्ली तक सीधी ट्रेन चलाने की मांग करता है। यदि ऐसा होता है, तो लगभग 14 साल से चली आ रही इस रेल खंड की मांग पूरी हो जाएगी. जालोर को दक्षिण में कर्नाटका, महाराष्ट्र और गुजरात से जोड़ा जाएगा, जबकि उत्तर में प्रदेश की राजधानी जयपुर और देश की राजधानी नई दिल्ली से जोड़ा जाएगा।

14 साल बाद भी दिल्ली अभी भी काफी दूर

जालोर, भीनमाल और रानीवाड़ा जैसे बड़े रेलवे स्टेशनों में ब्रॉडगेज होने के 14 साल बाद भी दिल्ली अभी भी काफी दूर है। ब्रॉडगेज होने के बावजूद इस मार्ग पर न तो दिल्ली न तो जयपुर के लिए कोई सीधी ट्रेन है। इस मामले में बुधवार को जागनाथ में हुई बैठक में सुझाव आया है। ग्रेनाइट उद्यमियों को बताया गया कि डीआरएम से दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन की मांग भेजी गई है और प्रस्ताव रेलवे बोर्ड में प्रक्रियाधीन है। ध्यान दें कि यह मांग लगभग डेढ़ दशक से चली आ रही है और लगातार तीन बार सांसद रह चुके देवजी पटेल ने इसे व्यवहारिक रूप से पूरा नहीं कर पाया, जिससे वे कई बार नाराज हो गए और इस बार तो सांसद का टिकट तक खो दिया गया।

ये पक्ष आवश्यक हैं

रेलवे प्रशासन और बोर्ड नई लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए तीन से चार महत्वपूर्ण पहलू देखते हैं। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, लंबी दूरी की ट्रेनों के संचालन के लिए स्थानीय आवश्यकताओं, रैक मेंटिनेंस और सफाई के लिए निकटतम सुविधा, और संबंधित रूट पर की जाने वाली आवश्यकताओं के लिए स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखना चाहिए। रानीवाड़ा में कोच वॉटरिंग प्लांट बन गया है, इसलिए मरम्मत और रखरखाव की कोई समस्या नहीं होगी।

दो ट्रेन सीधे विकल्प हैं

लंबे समय से जोधपुर-गांधीधाम ट्रेन सप्ताह में तीन दिन चलती है। इस ट्रेन को दिल्ली तक बढ़ाया जा सकता है, जिससे राहत मिलेगी। ग्रेनाइट उद्यमियों ने भी डीआरएम को इसका सुझाव दिया।

सालासर एक्सप्रेस ट्रेन वापसी के बाद लगभग सात घंटे तक जोधपुर में पड़ी रहती है. इस ट्रेन को रानीवाड़ा तक चलाया जाए तो दिल्ली तक बेहतर कनेक्टिविटी मिल सकती है।

दिल्ली से जोधपुर तक गुजरात और महाराष्ट्र की कनेक्टिविटी के लिए लिंक एक्सप्रेस ट्रेन चलाई जाएं, जो प्रवासियों को भी फायदेमंद होंगे।

इस मार्ग पर ट्रेनों को बढ़ाना

यह रेलमार्ग बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन यात्रियों के लिए सुविधाएं और यात्री गाड़ी नहीं है। मैंने व्यक्तिगत तौर पर और पत्राचार के माध्यम से दिल्ली और जयपुर के लिए ट्रेन की व्यवस्था करने की मांग की है। इस समस्या को स्थायी रूप से हल किया जा सकता है अगर जोधपुर से कुछ महत्वपूर्ण ट्रेनों को इस रेल खंड में शामिल किया जाए।

ग्रेनाइट उद्यमियों से हुई बातचीत सकारात्मक रही। दिल्ली से सीधी ट्रेन की मांग की गई है; हमने प्रस्ताव भेजे हैं जो यहाँ की अच्छी संभावनाओं को देखते हैं। बोर्ड से मंजूरी मिलने पर ट्रेनें चलाया जाएगा। जालोर में बहुत सारे विकास कार्य चल रहे हैं, इसलिए ग्रेनाइट इंडस्ट्रीज को दिल्ली से रेल सेवा की सुविधा चाहिए। DRM ने हमारे अनुरोध पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। ग्रेनाइट उद्योग और जिलेवासी ट्रेन चलाने से खुश होंगे।