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EMI Bounce : यदि नहीं भर पा रहे हैं लोन तो पहले जान लें अपने अधिकार, बाद में नहीं होगी दिक्कत

Loan Default : अगर आप लोन नहीं चुका पा रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है। लोग लोन नहीं चुका पाते हैं तो घर पर आकर वसूली एजेंट परेंशान करने लग जाते हैं। ऐसे में डिफॉल्ट करने पर आपका सिबिल स्कोर भी खराब हो जाता है।
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EMI Bounce: If you are not able to repay the loan then first know your rights, there will be no problem later.

The Chopal : हाल में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रिटेल लोन से जुड़े जोखिमो को लेकर बताया है। इस बारे में क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड की सिबिल रिपोर्ट बताती है कि दिसंबर 2022 को खत्म हुई तिमाही में पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड में लोन न चुकाने के मामले बढ़े हैं।

इसमें भी सबसे ज्यादा चिंताजनक बात ये है कि इस केटेगरी में पर्सनल लोन के मामले में चूक कोविड से पहले वाले लेवल की तुलना में ज्यादा है। क्या आप भी अपना पर्सनल या क्रेडिट कार्ड का लोन चुकाने में असमर्थ हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर आप डिफॉल्टर हैं तो आप आगे क्या करेंगे?

परेशान है लोन वसूली एजेंट से?

काफी सारे लोग लोन नहीं चुकाने पर वसूली एजेंट से परेशान होते हैं। वह नहीं जानते की वसूली एजेंट अगर परेशान कर रहे हैं तो उनसे कैसे निपटे। डिफॉल्ट करने पर आपका सिबिल स्कोर भी खराब हो जाता है। दोबारा लोन लेने पर आपको ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है। यहां आपको आपके अधिकारों के बारे में बता रहे हैं। आइए जानते हैं कि लोन न चुका पाने की स्थिति में डिफॉल्टर के पास क्या कानूनी अधिकार होते हैं।

लोन डिफॉल्टर कर सकते हैं ये काम

आरबीआई की गाइडलाइंस से डिफॉल्टरों को कुछ राहत जरूर मिलेगी। वे डिफॉल्टरों को अपने लोन का छोटे पेमेंट में करने की इजाजत देता है। ताकि वह फाइनेंशियल लेवल पर फिर से नई शुरुआत कर सकें। साथ ही अपने लोन को मैनेज कर सकें। मान लीजिए अगर आप पर 10 लाख रुपये का कर्ज है और आप उसे चुका नहीं पा रहे हैं तो आप इसे रिस्ट्रक्टर कर सकते हैं। आफको 5 लाख रुपये का पेमेंट करना होगा और बाकि पैसा छोटी इंस्टॉलमेंट में चुकाना होगा। इससे आपका कर्ज मैनेज हो जाएगा।

आपकी क्रेडिट हेल्थ पर पड़ता है असर

डिफॉल्ट करने पर आपके सिबिल स्कोर पर भी असर पड़ता है। अगर आपका सिबिल स्कोर खराब है तो आपको आगे ज्यादा इंटरेस्ट पर लोन मिलता है। कई बार बैंक ऐसे मामलों में लोन भी नहीं देते हैं। जैसे 750 का क्रेडिट स्कोर अच्छा समझा जाता है। अगर ये 600 से कम है तो आपको जोखिम वाली केटेगरी में डालाल जाता है और आपको ज्यादा इंटरेस्ट पर लोन मिलता है। ज्यादातर सभी बैंक आपके क्रेडिट स्कोर के आधार पर लोन और ब्याज ऑफर करते हैं।

लोन डिफॉल्ट होने पर करें ये काम

अपनी स्थिति का सही आकलन करें

जहां से आपने लोन लिया हैं, वहां पहले बात करें और अपने लोन को रिस्ट्रक्चर की बात करें।

अपनी फाइनेंशियल स्टेटस को कैलकुलेट करें।

लोन पेमेंट आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि आपका क्रेडिट स्कोर खराब न हो।

डिफॉल्टर्स के कानूनी अधिकार

भारत में डिफॉल्टरों के कानूनी अधिकारों को कानून में सुरक्षा दी गई है। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को जानबूझकर चूक करने वाले और लोन निपटाने के लिए समझौता करने वाले लोगों को अलग करने के लिए कहा है। जो लोग समझौता करते हैं वह 12 महीने के बाद फिर से लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।