FASTAG : वाहन चालकों को मिली राहत भरी खबर, अब फास्टैग से फालतू टोल टैक्स कटने का झंझट होगा खत्म
Toll Tax : हाईवे अक्सर हर दिन प्रयोग किया जाता है। ऐसे में लोगों को हाईवे पर टोल का भुगतान करने के लिए फास्टेग का उपयोग करना पड़ता है। सरकार (Govt. most recent update on FASTag) ने हाल ही में वाहन चालकों के लिए महत्वपूर्ण राहत दी हैं। नए नियमों के अनुसार, फास्टैग पर अनावश्यक टोल टैक्स अब नहीं लगाया जाएगा। NHAI के इस निर्णय को विस्तार से जानें।

The Chopal, Toll Tax Rule : ये खबर आपके लिए बहुत उपयोगी हो सकती है अगर आप भी वाहन चालक हैं। NHAI ने हाल ही में फास्टैग नियमों को बदल दिया है। नए टोल टैक्स नियमों के अनुसार, अब फालतू टोल टैक्स नहीं वसूला जा सकेगा। सरकार के इस निर्णय से लोगों को बहुत राहत मिली है और उनके बहुत सारे पैसे बच गए हैं। NHAI के नवीनतम निर्णय को खबर में पढ़ें।
FASTag किया आवश्यक:
NHAI (National Highways Authority of India) ने FASTag को सभी वाहनों के लिए आवश्यक बनाया है। इसका अर्थ है कि अब सभी ग्राहकों को टोल सुविधा का उपयोग करना होगा। सरकार के इस निर्णय का उद्देश्य टोल प्लाजा की भीड़ को कम करना है। ईंधन बचाने और डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने दोनों उद्देश्य हैं। FASTag से भुगतान मोबाइल ऐप से रिचार्ज किया जा सकता है, जो ऑटोमैटिक है।
गलती करने पर जुर्माना लगेगा-
रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे मामलों में NHAI की टोल मैनेजमेंट बॉडी, IHMCL, अब 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाने वाली है। जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, अनिवार्य टोल टैक्स नामक भारी जुर्माने की वजह से ऐसी घटनाओं में भी 70 प्रतिशत की कमी हुई है। वर्तमान में, राष्ट्रीय राजमार्ग टोल प्लाजा पर 30 करोड़ FASTag लेनदेन होते हैं, जबकि IHMCL को हर महीने लगभग 50 ऐसी शिकायतें मिलती हैं।
अधिकारियों ने कहा कि
IHMCL (NHAI's big decision) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ग्राहक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत टोल कटौती (Toll Reduction) की सूचना IHMCL को फॉर्मल कंप्लेन के माध्यम से मिल सकती है। आप भी शिकायत 1033 पर कॉल करके या falsededuction@ihmcl.com पर ईमेल करके कर सकते हैं।
मुफ्त मैनुअल शिकायत-
रिपोर्ट बताती है कि हर मामले की सघन जांच की गई है। ग्राहक को तुरंत चार्जबैक मिलेगा अगर Fastag की कीमत में कटौती या गलत मैनुअल लेनदेन की शिकायत मिलती है। वहीं, टोल ऑपरेटर (Koan H) पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।