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फ्लैट खरीददारों की हुई मौज, अब 1 करोड़ में नहीं सस्‍ते फ्लैट बनवाकर देगी अथॉरिटी

Kanpur Development Authority : नोएडा प्रशासन ने सस्ता और छोटा फ्लैट बनाने का प्रयास किया है। 2014 में अथॉरिटी ने समाजवादी आवास बनाए थे। उन्हें खरीदने वाले नहीं मिल रहे हैं क्योंकि वे इस समय 90 लाख रुपये की कीमत पर हैं। ड्यूप्लेक्स फ्लैट भी एक करोड़ रुपये के हैं। ये भी उपलब्ध नहीं हैं।

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Flat buyers are happy, now the authority will build cheap flats not for Rs 1 crore

UP News, नोएडा: नोएडा में बिल्डरों की धोखाधड़ी और लेटलतीफी की वजह से मध्यम और कम आय वर्ग के लोग घर खरीद नहीं पा रहे हैं। ये दोनों वर्ग शहर की वृद्धि को रफ्तार देंगे और इसकी जरूरत भी होगी। इन्हें घर की बहुत जरूरत है। यह देखते हुए नोएडा सरकार ने खुद से कम कीमत में छोटे फ्लैट वाले ग्रुप घर बनाने की योजना बनाई है। अथॉरिटी की एक टीम कानपुर में मॉडल देखने गई थी। टीम वापस है। आगे नोएडा की रिपोर्ट और प्रस्ताव बनाकर सीईओ को सौंपेगी। फिर सीईओ स्तर से इस दिशा में कार्रवाई की जाएगी।

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अथॉरिटी की टीम, अथॉरिटी के सीईओ डॉ. लोकेश एम के निर्देश पर एसीईओ संजय खत्री की अगुवाई में कानपुर गई। टीम ने कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा वहां पर छोटे आकार के दो बीएचके और तीन बीएचके फ्लैटों को देखा। कानपुर डिवेलपमेंट अथॉरिटी (केडीए) ने निर्माण की प्रक्रिया, आवंटन की प्रक्रिया और डिमांड की निगरानी की। नोएडा अथॉरिटी टीम ने भी स्थानीय टीम से ये जानकारी प्राप्त की। नोएडा अथॉरिटी ने पहले तीन मंजिला फ्लैट बनाया था। 2014 के काम के बाद समाजवादी आवास था। लेकिन वे फ्लैट अभी भी बिक नहीं रहे हैं, जिसकी कीमत लगभग 90 लाख रुपये है। इसी तरह, राज्य के बनाए गए ड्यूप्लेस छोटे हैं  जिनकी कीमत मौजूदा समय में 1 करोड़ रुपये के ऊपर है। इनके भी ग्राहक नहीं मिल रहे हैं।

बिल्डर मुनाफा देख रहे हैं, लेकिन कई निर्माण फंसे हुए हैं

वर्तमान में नोएडा-ग्रेनो में फ्लैट की कीमतें बढ़ी हुई हैं। इसका कारण बहुत से कार्यों में अथॉरिटी की बकाएदारी है, इसलिए अथॉरिटी रजिस्ट्री उन्हें मंजूरी नहीं दे रही है। बिल्डर अपना मुनाफा भी देख रहे हैं जब वे बकाएदारी या रजिस्ट्री नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि अगर अथॉरिटी प्रोजेक्ट लेकर आती है, तो पहली बात यह होगी कि काम समय पर या कुछ देरी से ही पूरा होगा। साथ ही, अथॉरिटी का उद्देश्य सिर्फ लाभ नहीं होगा। जन सुविधाओं का विकास अच्छा होगा। 

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