The Chopal

यूपी में पहली बार बनेंगे कारतूस और गन, देसी पिस्टल देगी रूस और चीन को टक्कर

लखनऊ में कानपुर की कंपनी कारतूस और गन के भाग बनाएगी। वह इसमें सौ करोड़ रुपये का निवेश भी करेगी। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) और कैपिटल एयरगन कंपनी ने ग्रेनो में एक ट्रेड शो में इसके लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
   Follow Us On   follow Us on
Cartridges and guns will be made for the first time in UP, indigenous pistol will give competition to Russia and China

The Chopal - लखनऊ में कानपुर की कंपनी कारतूस और गन के भाग बनाएगी। वह इसमें सौ करोड़ रुपये का निवेश भी करेगी। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) और कैपिटल एयरगन कंपनी ने ग्रेनो में एक ट्रेड शो में इसके लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते से उत्तर प्रदेश में पहली बार कारतूस बनाई जाएगी।

ये भी पढ़ें - उत्तर प्रदेश में स्कूलों के लिए नये नियम लागू , योगी सरकार ने दिया ये आदेश 

तीन अलग-अलग कैलिबर की पिस्टल बनाई जाएंगी, कहते हैं कैपिटल एयरगन मैन्युफैक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड के एमडी राजेश भाटिया। ग्रेटर नोएडा इकोटेक थर्ड में एक यूनिट है। कंपनी कानपुर में चार सेंटर चल रही है। यहाँ एके-47, धनुष, सारंग और होटिजर के भाग बनाए जा रहे हैं। .30 बोर,.45 बोर और नाइन एमएम की पिस्टलों की रेंज डिफेंस कॉरिडोर में बनाने वाली यह कंपनी बनाएगी। 

ये भी पढ़ें - उत्तर प्रदेश में अब ऊर्जा विभाग चलाएगा घर-घर अभियान, होगा बिजली की हर समस्या का निदान 

9 एमएम पिस्टल सेना और पुलिस के लिए होगी। सिविलियनों के लिए भी पिस्टल बनाए जा रहे हैं। इन्हें कंपनियों ने बनाया है। Star 1911 M30 नामक 30 कैलिबर सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल नवंबर में लांच होगा। अब तक ऐसे हथियार बनाने वाले रूस और चीन को यह पीछे छोड़ देगा। रूस-चीन के हथियारों में कमियां हैं। इन्हें स्वदेशी पिस्टलों में दूर किया गया है। तीन लॉक ग्रिप, ट्रिगर और हैमर होंगे। फायर नहीं होगा जब तक तीनों खोले नहीं जाएंगे। कंपनी को 15 हजार वर्ग मीटर जमीन मिलेगी। तीन हजार वर्गमीटर में अतिरिक्त कलपुर्जे तैयार होंगे, जबकि दो हजार वर्गमीटर में कारतूस बनाए जाएंगे। 300 से अधिक लोग काम करेंगे।

ग्रेनो टैंक के पहिये

ग्रेटर नोएडा इकोटेक थर्ड यूनिट पर कंपनी टैंक पहिये बना रही है। टी-90 और टी-72 मोर्टार भी बनाए जा रहे हैं। यहां भी हथियारों के मैन्युफेक्चरिंग में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। अब कंपनी कानपुर में 9 एमएम पिस्टल भी बनाएगी। सेंट्रल से लाइसेंस मिलने के साथ इस पर काम शुरू हो गया है।

पिस्टल बनाने का भी अनुबंध

9 गुना 19 एमएम सेमी ऑटो मिलिट्री पिस्टल 19 गोली मार सकती है; 45 कैलिबर सेमी ऑटो पिस्टल सात से ज्यादा गोली मार सकती है; और 30 कैलिबर सेमी ऑटो पिस्टल दस से ज्यादा गोली मार सकती है।