राजस्थान में केंद्र सरकार ने 380 किलोमीटर नई रेल फाइनल सर्वे को दी मंजूरी, 10 करोड रुपए स्वीकृत
Rajasthan News : राजस्थान, जिसे कभी इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में पिछड़ा माना जाता था, अब तेजी से प्रगति कर रहा है। बीते कुछ वर्षों में राज्य में सड़क और रेलवे दोनों क्षेत्रों में बड़ी परियोजनाओं पर तेज़ी से काम हो रहा है, जिससे राज्य की कनेक्टिविटी और आर्थिक गतिविधियों में काफी तेजी सुधार हो रहा है। राजस्थान के कुछ प्रमुख जिलों को जोड़ने वाली एक 380 किलोमीटर लंबी प्रस्तावित रेलवे लाइन परियोजना अब अंतिम चरण में है।

Jaisalmer-Barmer-Bhabhar Railway Line : राजस्थान में समय के साथ अब आवागमन कनेक्टिविटी पहले से काफी ज्यादा बेहतर हो रही है. राजस्थान कभी इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में पिछड़ा हुआ माना जाता था लेकिन अब पिछले कुछ सालों में यहां बेहतरीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर और रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट तेजी से काम हो रहा है. राजस्थान की इन जिलों के बीच तीन दशक बाद रेलवे लाइन बिछाने का सपना पूरा होने की कगार पर आ गया है. काफी साल बीत जाने के बाद रेल लाइन परियोजना के सभी को सभी भारती मिली है. यह प्रस्तावित रेलवे लाइन 380 किलोमीटर लंबी होगी. इस प्रोजेक्ट के बाद राजस्थान के इलाकों में कनेक्टिविटी मजबूत होगी बल्कि इसके अलावा व्यापार पर्यटन रक्षा क्षेत्र को भी बढ़ोतरी मिलेगी.
व्यापार, पर्यटन और सुरक्षा क्षेत्रों को नई गति मिलेगी
रेल मंत्रालय ने जैसलमेर-बाड़मेर-भाभर रेल लाइन परियोजना का सर्वे मंजूर किया है। सरकार ने परियोजना के अंतिम स्थान सर्वे के लिए 10 करोड़ रुपये का बजट घोषित किया है। स्थानीय सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने व्यक्तिगत रूप से रेल मंत्री से मिलकर इस परियोजना को मंजूर करने की मांग की। जैसलमेर-बाड़मेर-भाभर रेल लाइन परियोजना को केंद्र सरकार ने तीन दशक से अधिक समय से समर्थन दिया है। रेलवे मंत्रालय ने इस बहुप्रतीक्षित परियोजना के अंतिम लोकेशन सर्वे के लिए 10 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों की कनेक्टिविटी इससे मजबूत होगी और इससे व्यापार, पर्यटन और सुरक्षा क्षेत्रों को नई गति मिलेगी।
केंद्र सरकार ने बाड़मेर-जैसलमेर-बालोतरा लोकसभा सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल की लगातार कोशिशों से इस परियोजना को गंभीरता से लिया। न केवल वे लोकसभा में बोलते थे, बल्कि वे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से व्यक्तिगत रूप से मिलकर इस परियोजना की मंजूरी की मांग करते थे। रेलवे की स्थायी समिति में भी शामिल सांसदों ने इस रेलवे लाइन के पक्ष में हर मंच पर दृढ़ता से प्रदर्शन किया।
10 करोड़ रुपये मंजूर
रेल मंत्रालय ने फाइनल लोकेशन सर्वे और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की तैयारी के लिए 10 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं, जो लगभग 380 किलोमीटर लंबी प्रस्तावित जैसलमेर-बाड़मेर-भाभर रेल लाइन को मिलेगा। मुख्य लाइन के सर्वे के लिए 9.50 करोड़ रुपये और सोनू से रामगढ़ तक 20 किलोमीटर की अतिरिक्त लाइन के सर्वे के लिए 50 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। उत्तर-पश्चिम रेलवे सर्वेक्षण करेगा और परियोजना 31 नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण करेगी।
लॉजिस्टिक सपोर्ट देने में भी फायदेमंद साबित होगा
यह रेल लाइन जैसलमेर और बाड़मेर, जो भारत की पश्चिमी सीमा हैं, को गुजरात के भाभर, बनासकांठा, कच्छ और देश के औद्योगिक शहरों जैसे मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई से जोड़ेगी। यह भारतीय सेना और सुरक्षा बलों को सामरिक आपूर्ति और लॉजिस्टिक सपोर्ट देने में भी फायदेमंद साबित होगा, साथ ही यात्रियों को वैकल्पिक और सस्ता रास्ता भी देगा। दक्षिण भारत में रहने वाले राजस्थानी लोगों को इस रेल लाइन से अपने घरों तक पहुंचना आसान होगा। यह लाइन अहमदाबाद, मुंबई से पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई को जोड़ेगी, जिससे आवागमन आसान होगा।
सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने कहा कि इस परियोजना को लेकर पहली बार ठोस कदम उठाया गया है, जो तीन दशक से चल रहा है। यह रेलवे लाइन सीमांत जिलों को जीवन देगी। केंद्र सरकार और रेल मंत्री इसके लिए मेरा आभार व्यक्त करते हैं। मेरा प्रयास रहेगा कि अगले बजट सत्र में इसकी घोषणा की जाए और काम जल्द ही शुरू हो जाए।