हरियाणा में ये पशु खरीदने पर मिलेगी 30000 रुपए की सब्सिडी, सरकार का ऐलान
Hariyana News : हरियाणा सरकार द्वारा खेती में जोखिमों को कम करने व खेती को जहर मुक्त बनाने के लिए किसानों को विभिन्न प्रकार की अनुदान योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने योजनाओं का विस्तार करते हुए अब स्वेच्छा से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने वाले ऐसे किसान, जिसके पास 2 से 5 एकड़ भूमि है, उनको इस पशु की खरीद पर 30 हजार रूपए वार्षिक अनुदान का लाभ देना शुरू कर दिया है।

Desi Cow Subsidy : कृषि को पशुपालन जोड़कर बढ़ावा देने के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही है। गाय पालन को इन योजनाओं की मदद से प्रोत्साहित किया जा रहा है। हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने हाल ही में गोसेवा का बजट 40 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 400 करोड़ रुपये करने का एलान किया है।
किसानों को क्या मिलेगा फायदा
सीएम सैनी ने कहा है कि गोसेवा के बजट में बढ़ोतरी से गाय के चारे से लेकर गोशालाओं के रखरखाव के साथ-साथ गोपालकों को इसका सीधा फायदा पहुंचाया जाएगा। हरियाणा में वर्तमान में 500 से अधिक गोशालाएं चल रही हैं। सरकार ने इन गोशालाओं में चारे की व्यवस्था कर रही है। वहीं, प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को 30 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी दे रही है।
गाय पालन और प्राकृतिक खेती फायदे का सौदा
इस आर्थिक मदद के साथ किसान गाय पालन को अपना आजीविका भी बना सकते हैं। गाय के दूध के साथ गोबर किसानों को प्राकृतिक खेती में सफल होने में मदद कर सकता है। प्राकृतिक खेती देसी गाय पर आधारित एक पारंपरिक तरीका है, जिसमें रासायनिक खादों का उपयोग बिल्कुल नहीं किया जाता है। इसके बजाय, देसी गाय के गोबर से बनी खाद और अन्य प्राकृतिक विधियों से तैयार किए गए कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है, जो खेती की लागत को कम करते हैं। इस प्रक्रिया से खाद्य उत्पादन न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि यह स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी बेहद फायदेमंद है।
प्राकृतिक खेती से मिलने वाले उत्पादों की कीमतें भी आमतौर पर अधिक होती हैं, क्योंकि इनकी पैदावार अभी बहुत कम होती है। एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि प्राकृतिक खेती का मुख्य आधार देसी गाय है, क्योंकि इसके गोबर में लाभकारी सूक्ष्म जीवाणुओं की संख्या बहुत अधिक होती है। देसी गाय के एक ग्राम गोबर में 300 से 500 करोड़ तक सूक्ष्म जीवाणु पाए जाते हैं, जबकि विदेशी गाय के गोबर में इनकी संख्या काफी कम होती है, जो लगभग 78 लाख होती है। यही कारण है कि देसी गाय की खेती में अधिक लाभ मिलता है और यह खेती के लिए अधिक उपयुक्त मानी जाती है।
हरियाणा सरकार ने गोशालाओं को लेकर भी कई अहम कदम उठाए हैं। सरकार ने यह भी तय किया है कि पंचायत की भूमि पर भी गोशालाएं खोली जा सकती हैं। इसके अलावा, गौशाला के निर्माण के लिए शेड बनाने की भी योजना बनाई गई है, जिससे गायों के पालन और उनकी देखभाल को और बेहतर किया जा सके।
इस योजना का एक उद्देश्य यह भी है कि रासायनिक कीटनाशकों और खरपतवारनाशी के जहरीले अवशेषों से पर्यावरण और मनुष्य की सेहत को बचाया जा सके, जो सब्जियों, फलों और अनाजों पर आंशिक रूप से बने रहते हैं। योजना के अंतर्गत किसानों को प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूक किया जाएगा और उन्हें नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके साथ ही, किसानों को वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी, ताकि उत्पादन में हुई हानि की भरपाई की जा सके। इसके अलावा, सरकार किसानों को उत्पाद प्रमाणन, विपणन और ब्रांडिंग के संबंध में भी सहायता प्रदान करेगी।
आवेदन का तरीका
हरियाणा सरकार की इस योजना का फायदा लेने के लिए आप कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (agriharyana.gov.in) पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के तहत आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर निर्धारित की गई है।