ससुर की संपत्ति में दामाद का कितना हिस्सा, High Court ने सुनाया ये अहम फैसला

आए दिन संपत्ति को लेकर विवाद देखने को मिलते हैं। देश की अदालतों में प्रोपर्टी विवाद से जुड़े लाखों केस पैंडिंग है। माता पिता की प्रोपर्टी में बेटा बेटी का कितना हिस्सा है ये आपको पता होगा, लेकिन क्या कोई दामाद अपने ससुर की संपत्ति में हिस्सा मांग सकता है।
   Follow Us On   follow Us on
What is the share of son-in-law in father-in-law's property? High Court gave this important decision

High Court : शादीशुदा बेटी को अपने पिता की पैतृक संपत्ति में आधा हिस्सा मिलता है। अगर संपत्ति स्वअर्जित है तो पिता के पास अधिकार होता है कि वो अपनी औलाद को प्रोपर्टी दे या नहीं और किसी को कम या ज्यादा भी दे सकता है। लेकिन ये मामला इसके उलट है। यहां एक दामाद द्वारा अपने ससुर की प्रोपर्टी में हिस्सेदारी को लेकर कोर्ट में केस किया गया। इस पर कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है।

ससुर की संपत्ति में हक मानने और मांगने वाले दामादों को यह फैसला निराश कर सकता है। हाईकोर्ट ने एक मामले में साफ कहा है कि ससुर की संपत्ति में दामाद को कोई कानूनी अधिकार नहीं है। दामाद ससुर की जायदाद या भवन में हक का दावा नहीं कर सकता।

हाईकोर्ट के जस्टिस ए. अनिल कुमार ने केरल के कन्नूर के तैलीपाराम्बा निवासी डेविस राफेल की अपील खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया। डेविस ने अपने ससुर हेंड्री थॉमस की संपत्ति पर हक जताया था। इससे पूर्व हेंड्री ने पयान्नुर की निचली कोर्ट में एक केस दायर किया था। हेंड्री ने कोर्ट से आग्रह किया था कि वह डेविस को उनकी संपत्ति में दखलंदाजी व वहां आने जाने पर स्थाई रोक लगाए और उन्हें अपनी संपत्ति व मकान का शांतिपूर्वक उपभोग करने दे।

हेंड्री ने दावा किया था कि उन्होंने यह संपत्ति फादर जेम्स नसरथ से और सेंटपॉल्स चर्च की ओर से तोहफे के रूप में पाई थी। इस पर उन्होंने अपने पैसों से पक्का मकान बनवाया है और वह वहां अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। उन्होंने दलील दी कि उनके दामाद का इस जायदाद पर कोई हक नहीं है।

इस पर दामाद डेविस ने दलील दी थी कि इस संपत्ति का स्वामित्व खुद ही सवालों में है, क्योंकि यह चर्च के अधिकारियों ने दान पत्र के माध्यम से परिवार के लिए दी थी। उसने हेंड्री की इकलौती बेटी से शादी की है और शादी के बाद उसे एक तरह से परिवार ने गोद लिया है। इसलिए उसका इस मकान व संपत्ति में रहने का हक है। इन तमाम दलीलों के बावजूद निचली कोर्ट ने फैसले में कहा था कि डेविस का हेंड्री की संपत्ति में कोई हक नहीं है।

हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि यह कहना मुश्किल है कि दामाद परिवार का एक सदस्य है। दामाद का यह कहना भी शर्मनाक है कि उसे परिवार ने हेंड्री की बेटी से शादी के बाद परिवार ने एक तरह से गोद ले लिया था।

Also Read: Delhi में बढ़ गए सर्किल रेट, 5 करोड़ की हो गई 53 लाख वाली जमीन, इन इलाकों में महंगी हुई प्रोपर्टी