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Delhi में कट रहे 20-20 हजार के मोटे चालान, परिवहन विभाग पांच करोड़ 62 लाख 20 हजार कमाए

दिल्ली में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कार चलाने पर पांच करोड़ 62 लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। हाल ही में, नियमों का उल्लंघन करने पर परिवहन विभाग ने 2811 चालान काटे हैं, जिनमें से प्रत्येक 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। एक दिन का जुर्माना 20 लाख 80 हजार है।आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

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Fat challans of Rs 20-20 thousand are being issued in Delhi, Transport Department earned Rs 5 crore 62 lakh 20 thousand

The Chopal : दिल्ली में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कार चलाने पर पांच करोड़ 62 लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वर्तमान में, नियमों का उल्लंघन करने पर परिवहन विभाग ने 2811 चालान काटे हैं, जिनमें से प्रत्येक ने 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

एक दिन में 20 लाख 80 हजार का जुर्माना

दिल्ली में इन वाहनों पर 27 दिन का प्रतिबंध है, इसलिए एक दिन में औसत 104 चालान काटे गए हैं, जिसका एक दिन का जुर्माना 20 लाख 80 हजार है। यानी ने एक दिन में इतनी सजा दी है।

दिल्ली में लगाया गया था पांच लाख कारों पर प्रतिबंध

परिवहन विभाग का कहना है कि प्रतिबंध लगाने के साथ ही लोगों को आगाह किया गया था कि वे अपने प्रतिबंधित वाहन सड़कों पर नहीं उतारें, मगर फिर भी लोग नहीं माने और पकड़े जाने पर उनका चालान हुआ है। बीएस-3 पेट्रोल यानी एक अप्रैल 2010 से पहले के पेट्रोल वाहन और बीएस-4 डीजल के एक अप्रैल 2020 से पहले के पंजीकृत चार पहिया डीजल वाहनों पर दो नवंबर से प्रतिबंध लगा दिया गया था।

इसके चलते दिल्ली में बीएस-3 के 2,07,038 पेट्रोल वाहन व बीएस-4 के 3,09,225 डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लग गया था। यानी कुल मिलाकर दिल्ली में पांच लाख से अधिक वाहनों पर प्रतिबंध रहा है।

प्रदूषण के चलते लगाए गए ग्रेप- तीन के चलते ये वाहन नहीं चल पा रहे थे। इन वाहनों पर कार्रवाई के लिए परिवहन विभाग ने 114 टीमें तैनात की थीं। इसमें 84 टीमें चार पहिया वाहनों के साथ लगाई गई थीं। दिल्ली में कुल होने वाले प्रदूषण में वाहनों की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत के करीब है मानी जा रही है।

इसके चलते बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 के डीजल वाहनों पर प्रतिबंध की श्रेणी ग्रेप तीन में ही रखी गई है। दिल्ली में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता आयोग ने दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में इलेक्ट्रिक और सीएनजी से चलने वाले सार्वजनिक वाहनों को बढ़ावा देने का निर्देश दिया था।

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