Husband Legal Rights : पत्नी अगर पति को बोलती है अपशब्द तो हो सकता है तलाक, हाईकोर्ट का अहम फैसला
Husband's Legal Rights : पति-पत्नी का रिश्ता भी हर रिश्ते की तरह शब्दों से घिरा हुआ है। पत्नी या पति को अपने मुंह से कुछ भी कहना उचित नहीं है। शब्दों की बहस संबंधों को बिगाड़ती है और विवाद पैदा करती है। यहां तक कि तलाक भी हो सकता है। अब कोर्ट ने भी माना है कि अगर पत्नी अपने पति को कायर या निकम्मा कहकर तानेबाजी करती है, तो ऐसी पत्नी को तलाक दिया जा सकता है। हाई कोर्ट ने इस बारे में महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कोर्ट के इस निर्णय को खबर में जानें।

The Chopal, Husband's Legal Rights : अक्सर छोटी-छोटी बातें बड़ी बातें बन जाती हैं और विवाद पैदा करती हैं। पति-पत्नी के संबंध में भी ऐसा हो सकता है। रिश्तों को तलाक तक पहुंचा देता है सिर्फ एक छोटा सा झगड़ा या अपशब्द। यह पति-पत्नी दोनों के लिए ठीक नहीं रहता। अब हाईकोर्ट ने भी फैसला दिया है कि अगर पत्नी अपने पति को कायर, बेरोजगार या निकम्मा बताकर उसे परेशान करती है तो पत्नी को तलाक दिया जा सकता है, और पत्नी की ओर से कहे गए ऐसे शब्द तलाक का आधार बन सकते हैं। ऐसे मामलों में कानून ने पति के अधिकार भी बताए हैं। कोर्ट ने ऐसे शब्दों को मेंटली हरैसमेंट कहते हैं। इन शब्दों से पति आत्महत्या कर सकता है। पति को ऐसा कहना बिल्कुल गलत है।
जानिए क्या मामला था-
पश्चिम बंगाल के एक जिले में एक महिला और पुरुष के बीच वैवाहिक विवाद पर फैमिली कोर्ट ने फैसला सुनाया। जुलाई 2001 में, पुरुष ने महिला पर मानसिक यातना देने का आरोप लगाया और शादी को तोड़ दिया। 2009 में, महिला ने इस निर्णय के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में अपील की। कोर्ट ने पत्नी की झूठी शिकायत को पुरुष की नौकरी की हानि से जोड़कर देखा। डायरी में महिला ने लिखा कि वह दूसरी शादी करना चाहती है। कोर्ट ने कहा कि शादी सिर्फ कानूनी है, न कि भावनात्मक। इसलिए, हाईकोर्ट ने निचली अदालत का निर्णय मान लिया और शादी को समाप्त कर दिया।
इसके परिणामस्वरूप बड़े पुरुषों में आत्महत्या दर
- पति-पत्नी विवाद में पति भी घरेलू हिंसा (Domestic violence) का शिकार होता है। कई पति ने मानसिक घृणा से छुटकारा (Husband wife dispute) पाने के लिए पूरी दुनिया छोड़ दी और खुश हो गए।नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में लगभग 28,695 शादीशुदा महिलाओं ने घरेलू हिंसा से छुटकारा पाया, जबकि पुरुषों का आत्महत्या का आंकड़ा लगभग 3 गुना अधिक है, यानी 81,068।
पुरुषों की सुसाइड की संख्या में शादीशुदा पुरुष 66 प्रतिशत, अविवाहित 21 प्रतिशत और विधुर-तलाकशुदा 3 प्रतिशत है, 2015 की NRCB सुसाइड रिपोर्ट के आंकलन से (2015 married couple suicide report) पता चला। इस आंकलन के बावजूद, पुरुषों की खुदखुशी महीलाओं से कहीं अधिक है।
- सुसाइड के पीछे की वजह ज्यादातर घरेलू हिंसा है, जो किसी भी पुरुष या महिला को सुसाइड करने पर मजबूर करती है। 2014 में घरेलू हिंसा से लगभग 10 हजार महिलाओं ने आत्महत्या कर ली थी, जबकि इससे लगभग 18 हजार पुरुषों ने भी आत्महत्या कर ली थी।
कानून में यह अधिकार है—
- पुरुष 100 नंबर और महिला हेल्पलाइन नंबर 1091 पर फोन करके पुलिस की मदद ले सकता है और खुद को प्रोटेक्ट कर सकता है अगर पत्नी अपने पति के साथ हाथापाई कर रही है या उसे शारीरिक दुर्व्यवहार करने के लिए बोल रही है।
- पति की स्वअर्जित संपत्ति पर पत्नी को कोई हक नहीं है, और पति किसी को भी अपनी संपत्ति के अधिकार दे सकता है।
- पति को मेंटल हैरेसमेंट की शिकायत करने का अधिकार है।
- हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 (Hindu Marriage Act, 1955) के अनुसार, पति अपनी पत्नी से गुजारा भत्ता मांगने का अधिकार रखता है और पत्नी भी ऐसा कर सकती है।
- एकतरफा तलाक में बच्चों की कस्टडी का अधिकार है।
- पत्नी अपने पति के खिलाफ झूठी शिकायत करना क्रूरता और पीड़ित करना है, जो एक दंडनीय अपराध है।
- यदि पत्नी सलाह लेने के बाद भी बदलने को तैयार नहीं होती और अपनी इच्छाओं को प्राथमिकता देती है, तो पति को रिश्ते को समाप्त करने का अधिकार मिल सकता है। यह स्थिति एक आदमी को स्वतंत्रता देती है।
- दांपत्य जीवन में समस्याएं (rights of married couple) हो रही हों और पत्नी का व्यवहार परेशान कर रहा हो तो कानूनी उपाय अपनाया जा सकता है। कोर्ट इस स्थिति में वैवाहिक संबंधों को सुधारने के लिए आवश्यक कार्रवाई कर सकता है। शिकायत धारा 9 के तहत परिवारिक न्यायालय में दर्ज कराई जा सकती है।