The Chopal

अगर एक्सपायर हो गया पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, तो तुरंत करवा लें रिन्यू, वरना पेट्रोल पंप पर भी हो जायेगी परेशानी

PUC Certificate : यदि आपकी गाड़ी का प्रदूषण प्रमाण पत्र (Pollution Certificate) खत्म हो गया है, तो इसे बदलने में देर नहीं लगनी चाहिए। पेट्रोल पंपों पर लगे सीसीटीवी कैमर में आपकी गाड़ी का नंबर और सर्टिफिकेट की मियाद दिखाई देगी।
   Follow Us On   follow Us on
अगर एक्सपायर हो गया पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, तो तुरंत करवा लें रिन्यू, वरना पेट्रोल पंप पर भी हो जायेगी परेशानी

The Chopal (New Delhi) : यदि आप समय पर अपनी गाड़ी की पॉल्यूशन जांच नहीं कराते हैं या पाबंदी के बावजूद ओवरओज हो चुकी गाड़ी चलाते हैं, तो आप जल्द ही मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। परिवहन विभाग एक नई परियोजना शुरू करने जा रहा है जिसके तहत पेट्रोल पंपों और सीएनजी स्टेशनों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से गाड़ियों की नंबर प्लेट रीड करके ऑटोमैटिक रूप से पता लगाया जाएगा कि किस गाड़ी में वैलिड पल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट है और किसके पास नहीं है। वाहन चालकों को वैलिड पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा, तो उन्हें पेट्रोल पंप पर कर्मचारी या सीएनजी स्टेशन पर पीयूसी सेंटर के संचालक से कहा जाएगा कि वे पीयूसी जांच करवा लें। अगर पीयूसी जांच तीन घंटे के भीतर नहीं होती, तो सिस्टम चालान काट देगा और आपको भारी दंड देना पड़ेगा।

टेंडर नोटिस प्रकाशित

इस योजना को लागू करने के लिए दिल्ली ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन (DTIDC) ने एक टेंडर नोटिस जारी किया है। यह लगभग छह करोड़ रुपये का खर्च होगा। अधिकारियों ने बताया कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले ही यह टेंडर जारी किया गया था। जब तक आचार संहिता लागू रहेगी, बिड्स आएंगे और इवेल्यूएशन करेंगे। नौकरी का आदेश चुनाव और आचार संहिता के समाप्त होने पर दिया जाएगा। अधिकारियों का अनुमान है कि अगर बिडिंग सफल रहा, तो सिस्टम को अगस्त तक शुरू किया जा सकता है. ऐसा किया जाना चाहिए ताकि सर्दियां शुरू होने से पहले ही वाहनों की प्रदूषण जांच की पूरी प्रणाली को मजबूत बनाया जा सके।

सिस्टम कैसे काम करेगा?

दिल्ली में ऐसा सिस्टम बनाने के लिए 500 से अधिक पेट्रोल पंपों और 100 से अधिक सीएनजी स्टेशनों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की हार्ड ड्राइव को जीपीयू से कनेक्ट किया जाएगा। कैमरे नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे, और परिवहन विभाग का वाहन डेटाबेस तुरंत पीयूसी वैलिडिटी को चेक करेगा। वेलिड पीयूसी नहीं होने पर सिस्टम स्वचालित रूप से ई-चालान उत्पन्न करेगा। वेंडर पर लगाई गई स्क्रीन भी पेट्रोल पंप के संचालकों और पीयूसी सेंटर के ऑपरेटर को बताएगी कि किस गाड़ी में वेलिड पीयूसी नहीं है। तीन घंटे बाद अगर पीयूसी जांच नहीं हुई तो गाड़ी का चालान कट जाएगा। इसी तरह की कार्रवाई ओवरलोडेड गाड़ियों के मामले में भी की जा सकेगी।

ये पढ़ें - यूपी के इन जिलों में बनेंगे 7 नए हाईवे, 283 किलोमीटर में 11905 करोड़ रुपये की आएगी लागत