UP बिजली ग्राहकों के लिए जरूरी सूचना, मीटर जांच से पहले जाने ये नियम
Electricity Meter Checking : बिजली उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण सूचना! बरेली में बिजली मीटर की जांच में धांधली पाई गई है। मीटर विभाग के कर्मचारी नियमों का पालन करते हुए बीआई रिपोर्ट बना रहे हैं। मीटर में स्टोर रीडिंग के आधार पर रीडिंग और बिल की रकम नहीं दर्ज की गई। उपभोक्ताओं को जांच साक्ष्य देने के बजाए धमकाया जा रहा है। चलिए जानते है पूरा मामला।
The Chopal, Electricity Meter Checking : बिजली उपभोक्ता आपूर्ति और बिलिंग से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी आमतौर पर इससे जुड़े होते हैं। मीटर सेक्शन (TEST) के कामकाज और नियमों से बहुत लोग अनजान हैं. टेस्ट में काम करने वाले कर्मचारी नियमों को नहीं मानते और उपभोक्ताओं की मीटर जांच रिपोर्ट (BI) को मनमाने ढंग से बनाते हैं।
मीटर की रिपोर्ट पर सवाल उठाने वाले पीड़ित उपभोक्ताओं का बताना है कि ब्राटिंग रिपोर्ट मनमाने तरीके से बनाई गई है। रिपोर्ट में रिडिंग और बिल की रकम को मीटर में स्टोर रीडिंग के आधार पर नहीं दर्ज किया गया था।
वीडियो में दावा किया गया है कि उपभोक्ता को मीटर उतारते समय उन्हें जो सीलिंग रसीद दी गई थी, उसकी बीआई रिपोर्ट तैयार हो चुकी है जब उपभोक्ता निर्धारित तिथि पर लैब पहुंचता है। मीटर जांच प्रक्रिया से संबंधित वीडियो रिकार्डिंग या अन्य साक्ष्य मांगने से अधिकारी और कर्मचारी मना कर रहे हैं। संबंधित उपभोक्ताओं से अधिकारी मीटर तोड़कर कबाड़ में फेंक देने की मांग कर रहे हैं।
महाराष्ट्र राज्य बिजली उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि बीआई रिपोर्ट के नियमों के अनुसार, मीटर उतारते समय सीलिंग पर दी गई तिथि में उपभोक्ता टेस्ट लैब में नहीं पहुंचता है, तो उसे एक सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया जाता है।
मीटर ब्राटिंग वीडियो भी नोटिस अवधि में उपभोक्ता द्वारा संपर्क न करने पर रिकार्ड किया जा सकता है। सीलिंग रसीद पर दी गई तारीख से पहले मीटर बीआई रिपोर्ट बनाना गंभीर अपराध है। प्रबंधन इस मामले को देखेंगे।
Case 1: मकान नंबर 179, आनंद विहार कालोनी में रहने वाले जावेद जेहरा का आरोप है कि उनका मीटर 27 जून, 2024 को पुराना बताया गया था। वह परिजनों के साथ मौके पर लैब में पहुंची, जहां बताया कि उनके मीटर की बीआई जांच हो चुकी है; मौके पर दी गई सीलिंग रसीद में 30 जून की ब्राटिंग की तारीख दी गई थी। 890 यूनिट स्टोर रीडिंग बताई, जबकि वह नियमित बिल भुगतान कर रही थी जांच का वीडियो रिकार्ड करने की मांग पर मना कर दिया।
Case 2 : गोकुलधाम कालोनी निवासी देवी दास का दावा है कि 2024 में छह अप्रैल को मीटर उतारा गया था, जबकि सीलिंग रसीद में नौ अप्रैल को ब्राटिंग की तारीख दी गई थी।उपभोक्ता का दावा है कि वह निर्धारित तिथि पर जांच लैब पहुंचा, जहां कर्मचारियों ने बताया कि मीटर की जांच पूरी हो चुकी है। रिपोर्ट बंद कर दी गई। जांच रिपोर्ट पर आधारित करीब 40 हजार रुपये का बिल बनाया गया। संदेह के आधार पर बीआई जांच की वीडियो की मांग की गई, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया।