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Income Tax : प्रोपर्टी की खरीद बेच करने वाले हो जाएं सतर्क, TDS के कई नियमों में हुए बदलाव

TDS New Rules :प्रॉपर्टी के सौदों में बहुत पैसा खर्च होता है।  टैक्स कानून भी इसके लिए लागू होते हैं।  अब सरकार ने प्रॉपर्टी खरीद-फरोख्त से जुड़े TDS (TDS on Sale of Property) के नियमों में बदलाव किया है।  अब संपत्ति खरीदने और बेचने वालों को अधिक सतर्क होकर सौदा करना चाहिए।  इसके लिए, टीडीएस (TDS) के नवीनतम नियमों को देखें।

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Income Tax : प्रोपर्टी की खरीद बेच करने वाले हो जाएं सतर्क, TDS के कई नियमों में हुए बदलाव

The Chopal, TDS New Rules : हाल ही में आम बजट पेश किया गया था।  इसमें प्रॉपर्टी खरीद-बेच पर लागू टीडीएस (TDS) नियमों को भी बदल दिया गया था।  सरकार ने टैक्स चोरी को रोका है। 

अब तक, प्रोपर्टी लेने-देने के मामलों में टीडीएस (property TSD) नियमों से कुछ छूट मिलती थी, लेकिन ये नियम अब बदल गए हैं।  इससे सरकार का राजस्व लाभ बढ़ेगा और कर चोरी भी कम होगी।  इन नए नियमों को जानें।

सरकार ने यह परिवर्तन किया है-

फाइनेंस एक्ट को 2025 तक बदल दिया गया है ताकि केंद्र सरकार संपत्ति खरीद-फरोख्त में टैक्स चोरी नहीं करे।  यह बदलाव प्रॉपर्टी बेचने पर लगने वाले TDS (टैक्स deducted at source) के लिए किया गया है। 

पचास लाख रुपये से अधिक की संपत्ति खरीदने पर एक प्रतिशत TDS टीडीएस काट दिया जाता था।  Property Buying Tips के अनुसार, खरीदार प्रोपर्टी विक्रेता को धन देता है।  यह धन आयकर विभाग में भेजा जाता है।  लेकिन ज्वाइंट मालिक या संयुक्त खरीदार के लिए इसे लेकर छूट मिली।

पहले यह नियम था—

संयुक्त प्रोपर्टी के मामले में, अगर किसी प्रोपर्टी में प्रत्येक प्रोपर्टी मालिक का हिस्सा पचास लाख रुपये से कम था, तो पहले प्रोपर्टी मालिक को मिलाकर खरीदने पर खरीदार TDS नहीं काटते थे। 

इसका कारण यह था कि यह भाग माल के टीडीएस कटने के नियम और सीमा से कम था।  ऊपर बताए गए नियम के अनुसार टीडीएस नहीं कटता था, चाहे प्रोपर्टी की कीमत 50 लाख से अधिक भी हो।

अब नियम बदल गया है:

पुरानी व्यवस्था में कमी को दूर करने के लिए वित्तीय वर्ष 2025–26 में नए नियम (TSD नियम) लागू किए गए हैं।  नए नियम के अनुसार, TDS का कैलकुलेशन अब संपत्ति के पूरे संयुक्त हिस्सेदारों की कीमत पर नहीं होगा, बल्कि संपत्ति की कुल कीमत पर होगा। 

नए नियमों के अनुसार, अगर बिक्री मूल्य पांच सौ लाख से अधिक है, तो खरीदारों को पूरी बिक्री पर एक प्रतिशत TDS काटना होगा।  इसके लिए प्रोपर्टी का एक या अधिक खरीदार होना चाहिए।  यह नियम कृषि भूमि पर लागू नहीं होगा।  यह नियम नवीनतम वित्तीय वर्ष 2025–26 से लागू होगा।

ये भी देखें:

नए नियमों के अनुसार, खरीदार को विक्रेता का PAN लेना होगा जब वे प्रोपर्टी खरीदते हैं।  पेन कार्ड नहीं होने पर TDS 20% लगाया जाएगा। 

विक्रेता को इसका क्रेडिट नहीं मिलेगा।  अगर कम TDS काटना है, तो महीने के 30 दिनों के अंदर फॉर्म 26QB भरकर जमा करना होगा। 

विक्रेता से फॉर्म 26QB फाइल करने के बाद खरीदार को 15 दिनों के अंदर TDS सर्टिफिकेट फॉर्म 16B भरना होगा।

शून्य टीडीएस प्रावधान—

यदि विक्रेता गैर-रजिस्टर्ड है तो TDS 12.5 प्रतिशत होगा।  यह बिना इंडेक्सेशन के 20 प्रतिशत या इंडेक्सेशन के साथ सरचार्ज और 4 प्रतिशत हेल्थ एंड एजुकेशन सेस होगा, जैसा कि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 195 में बताया गया है। 

यदि प्रापर्टी विक्रेता या खरीदार कम TDS काटना चाहते हैं, तो उन्हें सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करना होगा।  धारा 197 के तहत शून्य TDS भी है, जिसे पूरा करना चाहिए।  यह छूट प्राप्त की जा सकती है अगर अप्रूवल है।  प्रापर्टी खरीदारों को TDS काटने के लिए TAN संख्या की आवश्यकता होगी।

इसलिए नियमों को बदलना होगा-

यह बदलाव प्रोपर्टी खरीद-फरोख्त के मामलों में टैक्स नियमों का पालन सुनिश्चित करने और पारदर्शिता लाने के लिए किया गया है।   ये कदम उठाए गए हैं ताकि टैक्स चोरी को नियंत्रित किया जा सके और अधिक मूल्य वाली संपत्ति की खरीद-फरोख्त में धांधली को रोका जा सके। 

अब विक्रेता और खरीददार दोनों को TDS नियमों का सही पालन करना होगा।  सरकार ने यह कदम उठाया है, जो "टैक्स भरो, देश बनाओ" का अभियान है। 

TDS से जुड़े नियमों (TDS rules for property) का पालन नहीं किया गया तो कोई बड़ी समस्या भी हो सकती है।  टैक्स एक्सपर्ट से सलाह जरूर लेनी चाहिए अगर इसमें कोई संशय हो।

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