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UP में इन 5 गांवों में बनेगा औद्योगिक गलियारा, सर्किल रेट से चार गुणा कीमत पर होगी जमीन अधिग्रहण

UP News : हाल ही में प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट के अनुसार यूपी के पांच गांव में औद्योगिक गलियारा बनाया जाएगा। ताजा जानकारी के लिए आपको बता दे कि इस औद्योगिक गलियारे के लिए 64 हेक्टेयर भूमि ली जा चुकी है। शेष किसानों से भी प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी कराई जा रही है। इस औद्योगिक गलियारा से सर्किल रेट से चार गुणा रेट पर होगी जमीन अधिग्रहण।
 
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UP में इन 5 गांवों में बनेगा औद्योगिक गलियारा, सर्किल रेट से चार गुणा कीमत पर होगी जमीन अधिग्रहण

Uttar Pradesh News : औद्योगिक गलियारे का निर्माण गंगा एक्सप्रेस-वे के किनारे शुरू हो गया है। अब तक चालिस हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की गई है। शेष किसानों से भी प्रक्रिया जल्द पूरी कराई जा रही है। मेरठ-प्रयागराज मार्ग तिलहर, सदर और जलालाबाद तहसील से गुजरता है। जलालाबाद में एक औद्योगिक गलियारा हाईवे के पास बनाया जाना है।

इसके लिए लंबे समय से आवश्यक भूमि के अधिग्रहण की कोशिशें की गईं, लेकिन किसानों ने विरोध प्रकट किया, जिससे प्रक्रिया थम गई। इस प्रस्ताव को जनवरी में सात आपत्तियों के निस्तारण के बाद मंडलायुक्त को भेजा गया था। अब बैनामें वहां से अनुमति मिलने के बाद शुरू हो गए हैं। यूपीडा को औद्योगिक गलियारे के लिए 105 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है, जो 600 किसानों से मिलेगी। 40 हेक्टेयर क्षेत्र के 190 किसानों से इसमें बैनामें लिए गए हैं। शेष किसानों की जमीन के बैनामें भी जल्द से जल्द कराए जाएंगे। पूरी जमीन को अधिग्रहण करने में लगभग 107 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।

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60 फीसदी हो चुका कार्य-

गंगा एक्सप्रेस का निर्माण वर्ष 2025 तक पूरा होना चाहिए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इसे दिसंबर 2024 तक पूरा किया जाएगा। निर्माण कार्य लगभग 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है।

5 गांवों में बन रहा गलियारा-

एक्सप्रेस वे के निकट उबारिया, दुमकापुर, नगरिया भूड़, बिरियातारा और कुरबंडा में औद्योगिक गलियारा बनाया जाना है। किसानों को सर्किल रेट से चार गुणा अधिक राशि दी जा रही है। जबकि लोक निर्माण विभाग ने भवनों के मुआवजे की प्रक्रिया को मूल्यांकन करके निर्धारित किया है।

एक्सप्रेस वे एक नजर में-

594 किमी लंबाई है मेरठ से प्रयागराज तक सड़क की

44 गांवों से होकर गुजर रहा 41 किम. एक्सप्रेस-वे - हवाई पट्टी व हेलीपैड का भी कराया जा रहा है निर्माण

बैनामों को लेकर अब तक गति काफी धीमी थी। किसान इसमें रुचि नहीं ले रहे थे। अब सभी अड़चनें दूर हो गई हैं। किसान बैनामा कराने में रुचि ले रहे हैं। जल्द ही प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी।

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