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Insurance : सिंगल मदर को इंश्योरेंस लेना क्यों है सबसे ज्यादा जरूरी? जानिए 7 जरुरी बातें

क्या आप सिंगल मदर हैं? यानी, क्या आप अकेले ही अपने बच्चों का पालन पोषण कर रही हैं? ऐसा हो सकता है कि किन्हीं परिस्थतियों के चलते आपके पति आपके साथ न हों और, अपनी और बच्चों की पूरी जिम्मेदारी आप पर हो.
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Insurance : सिंगल मदर को इंश्योरेंस लेना क्यों है सबसे ज्यादा जरूरी? जानिए 7 जरुरी बातें

The Chopal, Insurance need for single parent : क्या आप सिंगल मदर हैं? यानी, क्या आप अकेले ही अपने बच्चों का पालन पोषण कर रही हैं? ऐसा हो सकता है कि किन्हीं परिस्थतियों के चलते आपके पति आपके साथ न हों और, अपनी और बच्चों की पूरी जिम्मेदारी आप पर हो. सिंगल मदर से हमारा तात्पर्य है ऐसी माओं से है जो या तो अविवाहित हैं, तलाकशुदा हैं या फिर पति का निधन हो चुका है या फिर किन्हीं कारणों से वे और पति साथ नहीं रह रहे हैं. ऐसे में एक महिला बतौर सिंगल पैरेंट अपने बच्चे के पालन पोषण से लेकर शिक्षा तक की जिम्मेदारी स्वंय उठाती है.

सिंगल महिलाओं की संख्या हमारे देश में कभी भी कम नहीं रही और बदलते समय में इस संख्या में इजाफा ही हुआ है. महिलाएं बच्चों के जन्म को शादी से बांधकर नहीं रख रहीं और कई बार बिना शादी या कमिटकेंट के भी बच्चा अपने बलबूते पैदा करती हैं और परवरिश करती हैं

सिंगल पैरेंटहुड (Single parenthood) जीवन जीने की ऐसी स्थिति है जहां न सिर्फ अपने से जुड़े बल्कि अपनी संतान से जुड़े फैसले भी महिला को अकेले लेने होते हैं, भले ही वह सलाह मशविरा अपने शुभचिंतकों से भी कर लें, ऐसे में बहुत जरूरी है कि सिंगल मदर अपने लिए इंश्योरेंस कवर लेकर अपने और अपने बच्चे के लिए भविष्य की किन्हीं बुरी परिस्थितियों को इंश्योर्ड कर ले.

सिंगल मदर के पास इंश्योरेंस पॉलिसी किसी ऐसे व्यक्ति या परिवार के मुकाबले ज्यादा जरूरी है जहां यह मेरिटल स्टेटस नहीं है. समाज में सिंगलहुड यानी अविवाहित या विवाहित होकर सिंगल पैरेंट के तौर पर रहना कोई ज्यादा स्वाकीर्य नहीं किया गया है और इससे जुड़े कई सामाजिक टैबू हैं. टैबू हैं तो निर्भरता भी इसी कारण दूसरे के मुकाबले खुद पर अधिक है.

सिंगल यानी अकेले होने के कारण सिंगल माओं पर जिम्मेदारियां अधिक होती हैं और चुनौतियां कई गुना बढ़ जाती हैं. बच्चे और खुद के स्वास्थ्य से लेकर बच्चे के बेहतर पालन पोषण और शिक्षा पर होने वाले खर्च के कारण पैसा कमाना और उसका सही तरीके से अलोकेशन जरूरी होता है. ऐसे में इंश्योरेंस बेहद जरूरी उठा लिया जाने वाला कदम है

हो सकता है आप बहुत बेहतर तरीके से जिन्दगी और पैसों का मैनेजमेंट करने की कोशिश कर रही हों लेकिन यदि आपने इंश्योरेंस कवर नहीं लिया है तो क्या आपने कभी सोचा है कि किसी रोग बीमारी या एक्सिडेंट के चलते रोग हो जाने पर आपके बच्चे का क्या होगा. इंश्योरेंस ऐसी ही परिस्थिति के लिए सुरक्षा कवच है. हो सकता है आपके बच्चो को कुछ समय तक आपके रिश्तेदार संभाल लें लेकिन कब तक. वह अपनी जरूरतों के लिए कब तक और कितना मोहताज होगा.

सिंगल मदर होने के नाते आपको समझना होगा इंश्योरेंस आपके और आपके परिवार के लिए जरूरी है. इंश्योरेंस मोटामोटी दो प्रकार के होते हैं- मेडिकल (हेल्थ) इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस. मेडिकल इंश्योरेंस जहां रोग बीमारी से निपटने में काम आता है वहीं लाइफ इंश्योरेंस मृत्यु हो जाने पर परिवार को फाइनेंशल कवर प्रदान करता है.

स्वास्थ्य बीमा इलाज से जुड़े खर्चों को कवर करता है और स्वास्थ्य बीमा खरीदने के लिए आपको बीमा कंपनी को प्रीमियम का भुगतान करना होता है. बदले में आप आपके प्लान में कवर किए गए हेल्थ इश्यूज की देखभाल पर होने वाले खर्चों से मुक्त हो जाते हैं. हालांकि यह कंडीशनल होता है और किस कंपनी से कौन सा प्लान आपने लिया है इस पर निर्भर करता है

लाइफ इंश्योरेंस यानी जीवन बीमा मौत हो जाने की दशा में मददगार होता है. आपमें और बीमा कंपनी के बीच यह एक प्रकार के समझौते की तरह होता है. जब आप जीवन बीमा पॉलिसी खरीदती हैं तो आप कवरेज के लिए प्रीमियम का भुगतान करती हैं, यदि इस दौरान आपकी मृत्यु हो जाती है, तो बीमा कंपनी आपके द्वारा नॉमिनेट व्यक्ति (आपके बच्चे को या माता-पिता) को एक मुश्त भुगतान या किश्तवार भुगतान करती है. एक साथ सारी रकम नॉमिनेटेड व्यक्ति को दे दी जाएगा या फिर यह किश्तों में दी जाएगी, इसका सेलेक्शन आप पॉलिसी लेते समय कर सकती हैं.

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