कानपुर में बनेगी प्लास्टिक से दमदार सड़कें, 90 करोड़ के खर्च से जर्मनी जैसा होगा सफर

TheChopal, Kanpur News: कई देशों जैसे जर्मनी और स्वीडन में प्लास्टिक वेस्ट से शानदार सड़कें बनाई जाती हैं, जो टिकाऊ भी होती हैं और पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद मानी जाती हैं। अब इसी तरह की सड़कें उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में भी बनने जा रही हैं।
नगर निगम ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। पहली बार शहर के सभी छह जोन में 90 करोड़ रुपये की लागत से 15 सड़कों का निर्माण कराया जाएगा। खास बात यह है कि इन सड़कों में प्लास्टिक का इस्तेमाल होगा, जिससे ये सड़कें ज्यादा मजबूत और टिकाऊ बनेंगी। शासन से इसकी मंजूरी भी मिल गई है। दरअसल, करीब दो-तीन साल पहले भी शहर में प्लास्टिक से सड़क बनाने का प्रयास हुआ था, लेकिन वो प्रयोग सफल नहीं हो सका। इस बार नगर निगम ने आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों के साथ मिलकर पूरी प्लानिंग की है, ताकि इस बार कोई गलती न हो और शहर को अच्छी क्वालिटी की प्लास्टिक वाली सड़कें मिल सकें।
इस बार सड़क निर्माण में कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए नगर निगम के बड़े अफसरों ने आईआईटी कानपुर के सिविल इंजीनियरों के साथ मिलकर पूरा प्लान तैयार किया है। पूरी स्टडी रिपोर्ट बनाकर जब शासन को भेजी गई, तो शासन ने भी प्लास्टिक से सड़क बनाने की मंजूरी दे दी। नगर निगम के अफसरों का दावा है कि यूपी में कानपुर पहला ऐसा शहर होगा, जहां सबसे पहले प्लास्टिक वेस्ट से सड़कें बनाई जाएंगी।
सड़कों में इस्तेमाल होगा प्लास्टिक कचरा:
इस बारे में नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि कानपुर में 15वें वित्त आयोग की मदद से बनने वाली इन सड़कों में घरों, दफ्तरों और बाजारों से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे का ही इस्तेमाल किया जाएगा। इससे न केवल सड़कें मजबूत बनेंगी, बल्कि प्लास्टिक कचरे की समस्या भी कम होगी।
नगर निगम के पनकी में चल रहे वेस्ट प्लांट में हर दिन सैकड़ों मीट्रिक टन कचरा पहुंचता है। उसी कचरे में से निकाले गए प्लास्टिक वेस्ट का इस्तेमाल सड़क बनाने में किया जाएगा। इन सड़कों में सात से आठ प्रतिशत प्लास्टिक डाला जाएगा, बाकी हिस्सा बिटुमिन से बनेगा।
प्लास्टिक वाली सड़कें होंगी ज्यादा टिकाऊ:
नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने बताया कि आमतौर पर जो सड़कें बनाई जाती हैं, वो बारिश में जल्दी टूट जाती हैं। वहीं, भारी वाहनों की आवाजाही से भी सड़कों पर गड्ढे पड़ जाते हैं। लेकिन प्लास्टिक से बनने वाली सड़कों में ये दिक्कतें नहीं होंगी। न तो बारिश का ज्यादा असर पड़ेगा और न ही भारी ट्रैफिक से कोई नुकसान होगा। इसके अलावा इन सड़कों की उम्र भी ज्यादा होती है, जिससे नगर निगम को हर साल मरम्मत पर लगने वाले पैसे भी बचेंगे।
इन जगहों पर बनेंगी प्लास्टिक से मजबूत सड़कें
जोन 1 में वार्ड 78 के तहत महफिल रेस्टोरेंट से फूलबाग डंप होते हुए फूलबाग चौराहा तक प्लास्टिक और हॉट मिक्स प्लांट से सड़क बनेगी।
जोन 3 के वार्ड 21 में शराब गद्दी से तेजा गुमटी होते हुए केडीए कॉलोनी से पाल चौराहा तक सड़क बनेगी, जिसमें प्लास्टिक वेस्ट का इस्तेमाल होगा।
जोन 2 के वार्ड 24 में जीटी रोड पर मनोज इंटरनेशनल होटल से चिल्ड्रेन पार्क होते हुए तिकोनिया पार्क तक प्लास्टिक वाली सड़क बनेगी।
जोन 3 के वार्ड 18 में साकेत नगर में मंगलम मार्केट से सर्वेस ट्रेडिंग कंप तक सड़क का निर्माण प्लास्टिक वेस्ट से होगा।
जोन 3 के वार्ड 36 में बगाही ईदगाह से बाकरगंज चौराहा तक सड़क प्लास्टिक वेस्ट और हॉट मिक्स प्लांट से बनेगी।
जोन 3 के वार्ड 84 में दुर्गा मंदिर से जूही डिपो तक सड़क प्लास्टिक से बनाई जाएगी।
जोन 4 के वार्ड 13 में अग्रवाल जनरल स्टोर से रामेश्वर मंदिर तक सड़क दोनों तरफ पटरी सहित बनेगी।
जोन 4 के वार्ड 15 में प्रताप पेट्रोल पंप से महाराष्ट्र मंडल रोड तक सड़क प्लास्टिक वेस्ट से बनेगी।
जोन 4 के वार्ड 15 में कमिश्नर चौराहा से चांदनी नर्सिंग होम तक सड़क का निर्माण प्लास्टिक से होगा।
जोन 4 के वार्ड 75 में भैरव घाट चौराहा से भैरव मंदिर और मैगजीन घाट जाने वाली सड़क प्लास्टिक से बनेगी।
जोन 4 के वार्ड 3 में लाल इमली चौराहा से लकड़मंडी कूड़ा घर तक सड़क का निर्माण प्लास्टिक से होगा।
जोन 4 के वार्ड 61 में हेरिटेज होम स्वरूप नगर से ई-ब्लॉक स्वरूप नगर तक सड़क प्लास्टिक वेस्ट से बनेगी।
जोन 5 के वार्ड 20 में इंडिकोट फुटवियर फैक्ट्री से सिंह मोटर्स तक प्लास्टिक वाली सड़क बनेगी।
जोन 6 के वार्ड 52 में शारदा नगर में अंबे मेडिकल स्टोर से माउंट कार्मेल स्कूल तक सड़क प्लास्टिक वेस्ट से बनेगी।
जोन 6 के वार्ड 64 में पांडु नगर में समृद्धि लक्ष्मी अपार्टमेंट से नीर क्षीर चौराहा तक सड़क प्लास्टिक से बनाई जाएगी।