किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को अब आसानी से मिलेगा कर्ज, वित्त मंत्री करेगी पोर्टल की शुरुआत
The Chopal - मंगलवार को कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण “किसान ऋण पोर्टल” का उद्घाटन करेंगे।
इस पोर्टल से क्या लाभ मिलेगा?
इस वेबसाइट से KCC धारकों को सब्सिडी वाला कर्ज भी मिलेगा। पूसा कांप्लेक्स में आयोजित कार्यक्रम में डोर-टू-डोर केसीसी अभियान और वेदर इन्फार्मेशन नेटवर्क डाटा सिस्टम (विंडस) पोर्टल भी लांच किया जाएगा।
मार्च तक केसीसी अकाउंट कितने थे?
30 मार्च तक, करीब 7.35 करोड़ KCC अकाउंट ही थे, जिनकी कुल स्वीकृत ऋण सीमा करीब 8.85 लाख करोड़ रुपये थी। आपको बता दे की सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से लेकर अगस्त के दौरान रियायती ब्याज दर पर 6,573.50 करोड़ रुपये का कृषि-ऋण दिया है, जैसा कि आधिकारिक आंकड़ों से यह पता भी चलता है। PM किसान योजना के माध्यम चयनित गैर-केसीसी किसानों को चिह्नित किया गया है, ताकि किसान क्रेडिट के लाभ अन्य किसानों को भी मिल सकें।
केसीसी क्या है?
1998 में, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) ने एक मॉडल योजना बनाई और किसान क्रेडिट कार्ड योजना (KCC) शुरू की। किसान क्रेडिट कार्ड योजना का उद्देश्य किसानों को पर्याप्त और समय पर लोन प्राप्त करने में आसान बनाना था। इससे किसानों को बीज, उर्वरक, कीटनाशक और अन्य कृषि सामग्री खरीदने में आसानी होगी। केसीसी में फसल के बाद के खर्च, उपभोग की आवश्यकताओं, कृषि और संबंधित गतिविधियों के लिए ऋण आवश्यकताओं में निवेश भी शामिल है। व्यापारिक बैंक, लघु वित्त बैंक और सहकारी समितियां इस कार्यक्रम को लागू करते हैं।
क्या इस योजना की योग्यता है?
किसानों के स्वयं सहायता समूहों, जैसे किसानों, मालिकों/खेतीदारों, बटाईदारों, किरायेदारों, किसानों और किरायेदारों, फसलों की खेती या पशुपालन करते हैं
मुहाने या समुद्र में मछली पकड़ने के लिए आवश्यक लाइसेंस या अनुमति रखने वाले मछुआरे (मछली किसान, मछुआरे, एसएचजी, जेएलजी और महिला समूह) और पंजीकृत नाव है
किसान जो मुर्गी पालते हैं, साथ ही भेड़, खरगोश, बकरी, सूअर आदि पालते हैं।
डेयरी: शेड के मालिक, एसएचजी, जेएलजी, और किरायेदार किसान पट्टे पर देते हैं या किराए पर लेते हैं।
"किसान ऋण पोर्टल" के शुरू होने से किसानों को निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं:
क्रेडिट कार्ड की सुविधा: इस पोर्टल के माध्यम से किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) धारकों को सब्सिडी वाला कर्ज प्राप्त करने में मदद मिलेगी। यह सब्सिडी किसानों के लिए अधिक उपयोगी और उपलब्ध बना सकता है।
केसीसी अभियान: पोर्टल के माध्यम से किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) अभियान की शुरुआत की जा रही है, जिससे किसानों को लोन प्राप्ति की प्रक्रिया में सहायता मिलेगी।
वेदर इन्फार्मेशन नेटवर्क डाटा सिस्टम (विंडस) पोर्टल: वेदर इन्फार्मेशन नेटवर्क डाटा सिस्टम (विंडस) पोर्टल के लॉन्च से किसानों को मौसम से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जिससे वे अपनी खेती की योजनाएँ और कामकाजी कार्रवाई बेहतर ढंग से कर सकें।
केसीसी खातों की संख्या: आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 30 मार्च तक लगभग 7.35 करोड़ केसीसी अकाउंट थे, जिनकी कुल स्वीकृत ऋण सीमा 8.85 लाख करोड़ रुपये है।