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UP में बनेगा नया शहर, 358 गांव अधिसूचित, आवासीय और औद्योगिक सेक्टर होंगे विकसित

UP News : उत्तर प्रदेश में 358 गांव की तकरीर अब बदलने वाली है. आवासीय और औद्योगिक सेक्टर विकसित होने से लोगों की आर्थिक उन्नति के साथ रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. इन क्षेत्रों में आधुनिक सुविधाओं से युक्त टाउनशिप, औद्योगिक हब, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं विकसित की जाएंगी, जिससे गांवों का स्वरूप शहरी वातावरण जैसा होगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक प्रगति को नई दिशा मिलेगी।

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UP में बनेगा नया शहर, 358 गांव अधिसूचित, आवासीय और औद्योगिक सेक्टर होंगे विकसित

Uttar Pradesh News : राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे आवासीय और औद्योगिक विकास प्रोजेक्टों के तहत इन गांवों में बुनियादी ढांचे का तीव्र विकास किया जाएगा। इस परिवर्तन से न केवल लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। हाथरस के 358 गांवों का विकास मास्टर प्लान यमुना प्राधिकरण बनाएगा। कृषि उत्पादों, खाद्य प्रसंस्करण और धातु कला जैसे क्षेत्रों को इस योजना से बढ़ावा मिलेगा। बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा और औद्योगिक और आवासीय क्षेत्र विकसित होंगे। किसानों को अपने उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में मदद मिलेगी और परंपरागत उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा।

लंबे समय से, हाथरस की हींग का तड़का खाने को आम से अलग बनाता है, और हाथरस का गुलाल प्रेम और सौहार्द को होली पर जोड़ता आ रहा है। हाथरस में अभी छोटे पैमाने पर चलने वाले इन क्षेत्रों को बड़े पैमाने पर विकसित करने की तैयारी चल रही है।

नए शहर में उद्योगों के लिए निर्माण

नए हाथरस के विकास का खाका यमुना प्राधिकरण बनाने जा रहा है। इसमें मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा, जो उद्योगों की वृद्धि को तेज करेगा। हाथरस के विकास में एक नया युग शुरू होगा, जो कृषि उत्पादों, खाद्य प्रसंस्करण और धातु कला उद्योगों को बढ़ावा देगा।

यमुना एक्सप्रेसवे से 45 किमी दूर के गांवों की सूचना

हाथरस जिले में यमुना प्राधिकरण में 358 गांव हैं। लेकिन प्राधिकरण अभी भी गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर तक सीमित रहा। इसके बाद अलीगढ़ और मथुरा में विकास योजनाओं पर काम शुरू होने जा रहा है। नया आगरा का मास्टर प्लान भी लगभग तैयार है, लेकिन सरकार ने अभी तक हाथरस की ओर नहीं देखा। जबकि हाथरस से यमुना एक्सप्रेसवे तक 45 किमी तक के गांव हैं।

इन गांवों के लोगों ने वर्षों से विकास की उम्मीद की है। इस इंतजार को समाप्त करने के लिए प्राधिकरण ने हाथरस जिले में एक महत्वपूर्ण योजना बनाने का निर्णय लिया है। कंपनी को अधिसूचित क्षेत्र में सर्वे करने और मास्टर प्लान करने के लिए चुनने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है।

दोनों औद्योगिक और आवासीय क्षेत्र विकसित होंगे

हाथरस जिले में भी आवासीय, औद्योगिक और संस्थागत क्षेत्रों को विकसित किया जाएगा, जैसे राज्य के अन्य शहरी केंद्रों में। सड़क नेटवर्क से क्षेत्रों को जोड़ा जाएगा। सीवर, पेयजल पाइप लाइन, बिजली लाइन और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर बनाए जाएंगे। जरूरी सुविधाएं, जैसे स्कूल, विकसित होंगी।

परंपरागत उद्योग बढ़ेगा

नए शहर में हाथरस में परंपरागत उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। हाथरस में अनाज, फल और सब्जी का व्यापक उत्पादन होता है। इसलिए कृषि उत्पादों और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को बनाया जाएगा। यह किसानों को उनके कृषि उत्पादों को विदेशी बाजार में बेचने की सुविधा देगा। दुग्ध उद्योग को बढ़ावा देने के अलावा, अलीगढ़ जिले में तेजी से विकसित हो रहे धातु कला उद्योग को नए हाथरस में बल मिलेगा। इसके अलावा, कपड़ा जैसे क्षेत्रों में संभावनाएं खोजकर उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जाएगा।