UP और राजस्थान समेत 3 राज्यों के बीच बनेगा नया एक्सप्रेसवे, 30 गांवों से जमीन अधिग्रहण
UP News : उत्तर प्रदेश राजस्थान और मध्य प्रदेश के बिच आवागमन कनेक्टिविटी आने वाले समय में और ज्यादा बेहतर लोगों को मिलने वाली है. ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे निर्माण को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है. इस एक्सप्रेसवे को लेकर 30 गांव में जमीन अधिग्रहण के बदले राशि वितरण का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है. इसके लिए तीस गांवों का अधिग्रहण किया गया है, जो तीन-तीन राज्यों में हैं। नवंबर में निर्माण शुरू होगा।

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच की कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा सकता है। यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच आवागमन को सीधा और तेज़ बनाएगा। यह विशेष रूप से आर्थिक, सामाजिक और औद्योगिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यमुना एक्सप्रेस-वे की नकल करते हुए 88 किलोमीटर लंबे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण नवंबर से शुरू हो जाएगा। इसके लिए, आगरा, धौलपुर और मुरैना में भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो गया है और अंतिम चरण में हितग्राहियों को धन देना है। नवंबर से धौलपुर-आगरा सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू होगा, जो 88 किलोमीटर लंबा होगा।
जमीन अधिग्रहण
88.400 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे को उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान के तीन राज्यों में बनाने के लिए NHAI ने उदयपुर की जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स कंपनी को 4612.65 करोड़ रुपये का ठेका दिया है। यह काम नवंबर से शुरू होगा और 2028 तक 30 महीने में पूरा होना चाहिए। सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे मध्यप्रदेश के चार जिलों को जोड़ती है। इसमें उत्तर प्रदेश के 14, राजस्थान के 18 और मध्य प्रदेश के 30 गांवों की जमीन अधिग्रहण किया गया है।
इन गांवों की जमीन ली गई
मध्य प्रदेश राज्य: मुरैना-ग्वालियर मार्ग
ग्वालियर के सुसैरा गांव की 5 हेक्टेयर जमीन और मुरैना के दिमनी, चंबल क्रॉस और मुरैना रोड सहित 25 गांवों की 250 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण
उत्तर प्रदेश में आगरा
देवरी आगरा बायपास,
इरादत नगर, श्मश्वाद और सोसा सहित 18 गांवों के पास 132 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण
राजस्थान राज्य में धौलपुर
धौलपुर में मछरिया सहित 23 गांवों को 162 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण।
वर्तमान राशि वितरण
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना में भू-अधिग्रहण कार्य पूरा होने के बाद हितग्राहियों को धन देने का काम अंतिम चरण में है। यह काम पूरा होते ही नवंबर से काम शुरू होगा। NOCC सहित सभी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं। यह एक्सप्रेस-वे मुरैना दिमनी से शनिश्चरा क्षेत्र के माध्यम से सीधे ग्वालियर के महाराजपुरा क्षेत्र से जुड़ेगा। अब प्रोजेक्ट में शामिल 30 से अधिक गांवों में भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा होने के साथ प्रभावित किसानों को अवार्ड की राशि दी जा रही है।
पोरसा, अबाह और दिमनी को अधिक लाभ मिलेगा
एक्सप्रेस-वे बनने से दिमनी, अबाह और पोरसा क्षेत्र के लोगों को सबसे अधिक फायदा होगा। क्योंकि इन क्षेत्रों के लोगों को अभी भी आगरा जाने के लिए 130 किलोमीटर की दूरी पर लगभग चार घंटे लगते हैं। एक्सप्रेस-वे बनने के बाद पचास किलोमीटर की दूरी को डेढ़ घंटे में आगरा पहुंच सकेंगे।
रोड भी मरम्मत करनी होगी
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के साथ, कंपनी को ग्वालियर से धौलपुर तक चलने वाले नेशनल हाइवे 44 की मरम्मत भी करनी होगी. कंपनी को वर्तमान हाइवे की मरमत के लिए सिर्फ एक साल का समय दिया जाएगा, यानी अक्टूबर-2026 तक कंपनी को इस हाइवे की मरमत करनी होगी।
प्रोजेक्ट का विश्लेषण
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे पर 31,435 चार पहिया वाहन एक बार में चल सकेंगे।
Expressway बनने से लोगों को डेढ़ घंटे समय बचेगा। ग्वालियर से आगरा तक पहुंचने में अभी तीन घंटे लगते हैं, लेकिन एक्सप्रेस-वे से सिर्फ 90 मिनट लगेंगे।
एक्सप्रेस-वे 63 गांवों (आगरा, धौलपुर, मुरैना और ग्वालियर) के माध्यम से 550 हेक्टेयर जमीन से गुजरेगा।
एक्सप्रेस-वे पर 42 अंडरपास, छह लाइओवर, पांच एलिवेटेड वायडक्ट, एक रेल ओवरब्रिज और आठ बड़े पुल बनाए जाएंगे।
100 किलोमीटर से अधिक की रतार से चलने वाले वाहनों में GPS-आधारित टोल सिस्टम और विकसित ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम होंगे।
वाहन रुकने या हादसा होने पर कंट्रोल रूम से एबुलेंस, फायर फाइटर और केन को सूचना मिलेगी।
वन संचरण और पर्यावरण के लिए सुरंगे और वाया डक्ट बनाए जाएंगे।
सभी पहाड़ी क्षेत्रों को री-लाइन किया जाएगा और सड़क पर कहीं भी घाट नहीं पड़ेंगे।