NCR के इस शहर में बिछेगा नया मेट्रो रूट, बनाएं जाएंगे 7 नए स्टेशन
Gurugram metro Project : गुरुग्राम से दिल्ली के बीच मेट्रो कनेक्टिविटी को और मजबूत बनाने के लिए एक नया मेट्रो रूट बनाने की योजना तैयार की जा रही है। यह परियोजना न केवल यातायात को सुगम बनाएगी बल्कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी।

The Chopal: दिल्ली से गुरुग्राम तक एक और मेट्रो लाइन बनाई जाएगी। केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय को हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ने रेजांगला चौक से लेकर द्वारका सेक्टर-21 तक प्रस्तावित मेट्रो की डीपीआर मंजूरी के लिए भेजा है। दिल्ली से गुरुग्राम तक एक और मेट्रो लाइन बनाई जाएगी। केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय को हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (HRMTC) ने गुरुग्राम के रेजांगला चौक से लेकर द्वारका सेक्टर-21 तक प्रस्तावित मेट्रो की डीपीआर मंजूरी के लिए भेजा है। 8.40 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन का निर्माण करना लगभग 1892 करोड़ रुपये का खर्च होगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में इस मेट्रो मार्ग पर चर्चा हुई।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री जल्द ही शहरी विकास एवं आवासीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिलकर इस मेट्रो मार्ग को मंजूरी देने का अनुरोध करेंगे। हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे खट्टर ने इस मेट्रो मार्ग का डीपीआर बनाने का निर्देश दिया था।
डीपीआर में 7 स्टेशन
राइट्स ने इस मेट्रो के डीपीआर में सात स्टेशन प्रस्तावित किए हैं। गुरुग्राम में चार और दिल्ली में तीन स्टेशन बनाए जाएंगे। दिल्ली में दिल्ली के सेक्टर-28, आईआईसीसी और द्वारका के सेक्टर-21 में मेट्रो स्टेशन बनाने की योजना है. गुरुग्राम में पालम विहार, चौमा, सेक्टर-110ए और सेक्टर-111 में मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे। पालम विहार में एक तीन मंजिला इंटरचेंज स्टेशन बनाया जाएगा, जो साइबर सिटी से मिलेनियम सिटी सेंटर तक प्रस्तावित मेट्रो (ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो) से जुड़ेगा।
क्या राजस्व आने की उम्मीद है?
इस मेट्रो रेलवे के संचालन से 2031 में 380 करोड़ रुपये, 2041 में 720 करोड़ रुपये और 2051 में 1238 करोड़ रुपये की सालाना आमदनी की उम्मीद है। इसके अलावा, सम्पत्ति विकास शुल्क, विज्ञापन, पार्किंग और टैक्स से 53 करोड़ रुपये, 67 करोड़ रुपये और 191 करोड़ रुपये की आमदनी की उम्मीद है।
मेट्रो मार्ग 8.40 किमी लंबा होगा
दिल्ली में मेट्रो की दूरी लगभग 3.50 किलोमीटर होगी, जबकि गुरुग्राम में लगभग 4.90 किलोमीटर होगी। इस मेट्रो का निर्माण करने के लिए 60539 वर्ग मीटर जमीन की आवश्यकता होगी, जिसमें मेट्रो स्टेशन और डिपो बनाए जाएंगे। 25 हजार वर्ग मीटर जमीन भी अस्थायी कास्टिंग यार्ड के लिए आवश्यक है।
योजना आज मुख्यमंत्री के पास होगी
गुरुग्राम की मेट्रो परियोजनाओं को मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी देखेंगे। पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में इस विषय पर बैठक होगी, जिसमें जीएमआरएल, एचएमआरटीसी, नगर निगम, जीएमडीए, एचएसआईडीसी, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग, पीडब्ल्यूडी बीएंडआर, एचएसवीपी, भूमि अधिग्रहण विभाग और अन्य अधिकारी उपस्थित होंगे। JMRL मेट्रो परियोजनाओं की जानकारी मुख्यमंत्री को देगा। ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो परियोजना को सफल बनाने के लिए सभी विभागों से सहयोग मांगा जाएगा। HMRC फरीदाबाद मेट्रो के संचालन की योजनाओं को रेजांगला चौक से दिल्ली के द्वारका, सेक्टर-56 से पचगांव, गुरुग्राम तक बताएगा।
ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो निर्माण में बाधा दूर हो जाएगी
ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के निर्माण में बाधा डालने वाले सेक्टर-10ए का बिजली घर हट जाएगा। 66केवीए क्षमता का यह बिजली घर उमंग भारद्वाज चौक से हीरो होंडा चौक के बीच में बना है। इस रास्ते से मेट्रो जानी चाहिए। यही कारण है कि हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (एचवीपीएन) ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) से इस बिजली घर के स्थान पर सेक्टर-37 में दूसरा स्थान प्रदान करने का अनुरोध किया है। एचवीपीएन इस साइट को मिलने के बाद बिजली घर में स्थानांतरित करेगा। नया बिजली घर बनाने में लगभग 22 करोड़ रुपये खर्च होंगे।